बोले हजारीबाग : नाम राजा बंगला पर स्थिति बदहाल और तंगहालों जैसी
राजा बंगला वार्ड नंबर 18 की भुईयांटोली मोहल्ले में बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी है। यहां नियमित सफाई नहीं होती, जल निकासी की समस्या है और एकमात्र चापानल भी खराब है। लोग खुद सफाई करते हैं और जलभराव के...
राजा बंगला वार्ड नंबर 18 की भुईयांटोली मोहल्ले के निवासी बुनियादी सुविधाओं की कमी से जूझ रहे हैं। यहां न तो नियमित रूप से सफाई होती है है और न ही कचरा प्रबंधन की कोई व्यवस्था है। पीने के पानी की समस्या इतनी गंभीर है कि मोहल्ले के लिए मात्र एक चापानल है, वह भी वर्षों से खराब पड़ा है। जलनिकासी, जाम नालियां और बरसात में जलभराव यहां के लोगों की रोजमर्रा की परेशानी बन चुकी है। बोले हजारीबाग कार्यक्रम में हिन्दुस्तान की टीम से मोहल्लेवासियों ने अपनी परेशानियां साझा की। हजारीबाग । हजारीबाग शहर के केंद्र में स्थित राजा बंगला भुईयांटोली मोहल्ले के लोग वर्षों से बुनियादी सुविधाओं के अभाव में जीने को मजबूर हैं।
यह मोहल्ला नगर निगम और प्रशासन की अनदेखी का जीता-जागता उदाहरण बन चुका है। बरसात के मौसम में यहां की स्थिति और भी भयावह हो जाती है। घरों में पानी घुस जाता है, गलियों में कीचड़ और दुर्गंध का साम्राज्य हो जाता है। लोग खुद नाली की सफाई करते हैं, गंदगी का पहाड़ उनके जीवन का हिस्सा बन चुका है और पानी के लिए रोजाना संघर्ष करना पड़ता है। बारिश होते ही भुईयांटोली के बीच स्थित कई घर जलमग्न हो जाते हैं। नालियों की कमी और जो बनी भी हैं, उनमें स्लैब नहीं लगे होने के कारण गंदगी पड़ी रहती है। इससे न सिर्फ बदबू फैलती है बल्कि जलजमाव के चलते संक्रामक बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पानी गलियों से होकर उनके घरों तक घुस आता है, जिससे घरों का सामान भी खराब हो जाता है। मोहल्ले में कुछ जगहों पर नाली का निर्माण किया गया है, लेकिन वह भी अधूरा है। स्लैब नहीं लगे होने से वह दुर्घटनाओं के लिए खुला खतरा बना हुआ है। कई हिस्सों में नाली का निर्माण ही नहीं हुआ है। ऐसे में बरसात का पानी सड़कों पर बहता है और रास्ता पूरी तरह अवरुद्ध हो जाता है। स्थानीय लोगों ने बताया कि जब नालियां गंदगी से भर जाती हैं, तो उन्हें ही सफाई करनी पड़ती है। कोई सफाईकर्मी नहीं आता। नगर निगम के कर्मचारी और अधिकारियों की अनदेखी के चलते लोग खुद ही गंदगी साफ करने को मजबूर हैं। इलाके में पेयजल की भी गंभीर समस्या है। मोहल्ले में एकमात्र चापाकल था, जो अब खराब पड़ा है। ऐसे में लोगों को पास की पानी टंकी से पानी लाना पड़ता है। यह काम अधिकतर महिलाएं और बच्चे करते हैं। पानी की आपूर्ति न होने से घरों में खाना पकाने, सफाई करने और अन्य दैनिक कार्यों में काफी परेशानी होती है। भुईयां टोली में कचरे का अंबार जमा है। मोहल्ले के एक हिस्से में लोग कचरा इकट्ठा करते-करते अब कचरे का पहाड़ बना चुके हैं। यह जगह वर्षों से साफ नहीं हुई है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि सफाईकर्मी या नगर निगम का कोई कर्मचारी कभी इस इलाके में नहीं आता। जिससे लोग खुद ही सफाई कर किसी तरह जीवन गुजारते हैं। कचरे के कारण आसपास रहने वाले लोग लगातार बदबू और मक्खी-मच्छर के संक्रमण से परेशान हैं। कई बार बच्चों को बीमारियों ने घेरा है, लेकिन जिम्मेदार लोग आज तक इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। कुछ लोगों को सरकारी योजना के तहत आवास तो मिल गया है, लेकिन मूलभूत सुविधाएं आज भी नहीं पहुंच सकीं। नाली निर्माण अधूरा है और पानी की समस्या पहले से अधिक बढ़ गई है। लोगों का कहना है कि घर तो बन गया, लेकिन जीवन आसान नहीं हुआ। पानी के लिए रोजाना संघर्ष करना पड़ता है और गंदगी ने मोहल्ले को जीना दुश्वार बना दिया है।भुईयां टोली में अधिकतर लोग छोटी दुकानों या मजदूरी कर अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं। ऐसे में बारिश के दिनों में नालियों के ओवरफ्लो होने से उनकी परेशानी होती है। मोहल्लेवासियों की मांग है कि जल्द से जल्द नाली निर्माण कार्य को पूर्ण किया जाए और जहां जल निकासी की समुचित व्यवस्था हो। मोहल्ले की सफाई नियमित रूप से हो और कचरे का निष्पादन किया जाए। मोहल्ले में नियमित कचरा उठाव नहीं राजा बंगला वार्ड नंबर 18 भुईयां टोली में नगर निगम की कचरा उठानेवाली गाड़ी कभी नहीं आती है। चौक सूर्या अस्पताल के सामने से नगर निगम की गाड़ी आसानी से मोहल्ले में प्रवेश कर सकती है, इसके बावजूद भी यहां कचरा उठाने वाली गाड़ी नहीं आती। इसके कारण मोहल्ले में कचरे का अंबार लगा हुआ है। लोग रोजाना कचरा यहीं फेंकते हैं, जिससे यहां कचरे का पहाड़ बन गया है। यहां के मोहल्लेवासियों की शिकायत सुनने वाला भी कोई नहीं है। इसलिए लोग कचरे के बीच ही जीने के लिए मजबूर हो गए हैं। वहीं नालियों की भी सफाई नहीं होने से नाली जाम हो जाती है और गंदा पानी सड़क पर बहता रहता है। एक टंकी के भरोसे 50 लोग राजा बंगला वार्ड नंबर 18 के भुईयां टोली के लोग पानी के लिए तरस रहे हैं। बता दें कि पूरे मोहल्ले में करीब 50 से अधिक घर हैं, जिनके लिए मात्र एक टंकी बनाई गई है। इसी टंकी से सभी लोग पीने के पानी, कपड़े धोने और अन्य कार्यों के लिए पानी का उपयोग करते हैं। यह टंकी एक डीप बोरिंग से जुड़ी हुई है, लेकिन फिलहाल यह बोरिंग भी खराब हो गई है। इसी वजह से मोहल्ले के सभी लोग सुबह से ही छठ तालाब स्थित पानी टंकी से पानी भरकर अपने मोहल्ले तक लाने को विवश हैं। वर्षों से नहीं हुई नाली की सफाई राजा बंगला वार्ड नंबर 18 भुईयां टोली में बनी नाली पूरी तरह से भरी हुई है और पिछले 20 वर्षों से इसकी सफाई नहीं हुई है। नाली ऊपर तक भर जाने के कारण स्थानीय लोग खुद नाली का कवर तोड़कर सफाई करते हैं। इन नालियों में गंदगी की वजह से पूरा मोहल्ला दुर्गंध के बीच रहने को मजबूर है। साथ ही गंदगी के कारण मच्छरों और मक्खियों से भी परेशानी होती है। मोहल्ले के अंदर नाली नहीं है, इसलिए स्थानीय लोग रास्ते के बीचों-बीच खुद पतली नाली बनाकर किसी तरह से काम चला रहे हैं। बरसात में पानी का संकट राजा बंगला वार्ड नंबर 18 भुईयांटोली में बरसात के दिनों में पूरा मोहल्ला पानी में डूब जाता है। आसपास के मोहल्लों की तुलना में थोड़ा नीचा होने के कारण पूरे बरसात के समय लोग पानी में ही रहते हैं। यदि इस मोहल्ले के पीछे कल चौक की ओर जो रास्ता है, वहां नाली का निर्माण कर दिया जाए, तो मोहल्ला डूबने से बच सकता है। लेकिन मोहल्लेवासियों ने बताया कि स्थानीय लोगों ने उस स्थान पर नाली बनाने से रोक दिया है, जिस कारण गंदा पानी बाहर नहीं निकल पाता। चापाकल वर्षों से खराब भुईयां टोली में पीने के पानी की कोई व्यवस्था नहीं है। इस मोहल्ले में एक चापानल था जो कई वर्षों से खराब पड़ा है। इस चापानल की मरम्मत आज तक नहीं कराई गई है। इस वार्ड की ओर न नगर निगम का ध्यान जाता है और न ही वार्ड पार्षद कोई रुचि दिखाते हैं। इस मोहल्ले में 50 घर हैं, तो कम-से-कम चार चापानल हर कोने में होना चाहिए, जिससे यहां के लोग शुद्ध पेयजल प्राप्त कर सकें। इनकी भी सुनिए राजा बंगला वार्ड नंबर 18 के भुईयां टोली क्षेत्र की समस्याओं की जानकारी नगर निगम को पहले नहीं थी। आज ही हमें यह सूचना मिली है कि वहां पीने के पानी की कमी, गंदी नालियों की समस्या और अन्य मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। शिकायत मिलने के बाद नगर निगम की ओर से आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। -अनिल पाण्डेय, सहायक नगर आयुक्त मैंने इस मामले को लेकर कई बार आवाज उठाई है। सांसद और विधायक सहित जनप्रतिनिधियों से बात की है और नगर निगम के अधिकारियों को भी कई बार सूचना दी है। इसके बावजूद अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई है। इलाके के लोग बेहद परेशान हैं। एक वार्ड पार्षद होने के नाते मेरी पूरी कोशिश रहेगी। -वासुदेव गोप, वार्ड पाषर्द, वार्ड संख्या 18 समस्याएं 1. मोहल्ले के अंदर कवर तार लगा तो दी गई है, लेकिन खुले तार को नहीं हटाया गया है। 2. वार्ड नंबर 18 में बोरिंग खराब होने से लोगों को पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है। 3. नालियां में कचरा भरने से जाम हो गई जिससे नाली का पानी सड़क पर बह रहा है। 4. नगर निगम की गाड़ी वार्ड नंबर 18 में नहीं घुसती है और ना ही सफाई पर ध्यान दिया जाता है। 5. वार्ड नंबर 18 में कई सालों से चापानल खराब है जिसकी कोई सुध लेनेवाला नहीं है। सुझाव 1. मोहल्ले में नियमित रूप से कचरा का उठाव और सफाई कराने की जरूरत है। 2. राजा बंगला वार्ड नंबर 18 में करीब 4 से 5 नए चापानल लगने चाहिए। 3. मोहल्ले की नाली हमेशा जाम रहती हैै। उसकी नियमित सफाई कराना अति आवश्यक है। 4. बरसात के दिनों में पानी में डूबा रहता है पानी निकासी की व्यवस्था बनानी चाहिए। 5. इस मोहल्ले में एक चापानल है जो खराब है, इसकी तत्काल मरम्मत होनी चाहिए। लोगों ने कहा- खुले नाले दे रहे हादसे का आमंत्रण बरसात में पानी भर जाता है। घरों में पानी घुस जाता है और सामान खराब हो जाता है। कई बार शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। -रामबली कुमार सरकारी आवास मिला तो था, लेकिन नाली और पानी की सुविधा अब तक नहीं मिली। बरसात में घर के अंदर तक पानी भर जाता है। -बंटी नाली है, लेकिन उसमें ढक्कन नहीं लगा है। बच्चे गिरने का डर रहता है। बदबू से जीना मुश्किल हो गया है। सफाईकर्मी कभी नहीं आते। -मालो मोसोमात हमारे पास पीने का पानी नहीं है। एक चापाकल था, वो भी खराब हो गया। पानी टंकी से पानी लाना पड़ता है। महिलाएं व बच्चे परेशान होते हैं। -पुराण चांदराम हम मजदूरी करते हैं। काम से लौटने के बाद घर के सामने गंदगी देखते हैं तो मन दुखी हो जाता है। क्या गरीबों को सफाई का हक नहीं है? -संजू देवी हर साल चुनाव में नेता लोग वादा करते हैं कि मोहल्ले में नाली बनेगी, पानी आएगा, लेकिन चुनाव खत्म होते ही सब गायब हो जाते हैं। -बसनी मोसोमात मोहल्ले में कोई नियमित सफाई नहीं होती। एक जगह कचरा जमा करते-करते अब वह पहाड़ बन गया है। बीमारियां फैल रही हैं। -जोनी राम हमने खुद नाली खोद कर बनाई थी ताकि पानी निकल सके। सिस्टम ही न हो तो लोग क्या करें? सरकार सिर्फ वादे करती है। -नंदनी देवी बच्चों को स्कूल भेजने में डर लगता है। रास्ता पानी से भरा होता है। अगर किसी दिन कोई बड़ा हादसा हो गया तो कौन जिम्मेदार होगा? -कलो मोसोमात नगर निगम से कई बार गुहार लगाई, लेकिन सिर्फ आश्वासन मिलता है। हमें किसी योजना का लाभ नहीं मिला। अधिकारी आते हैं। -कमली मोसोमात हमें न अपने मोहल्ले में डॉक्टर मिलते हैं, न सफाई, न पानी। अगर किसी को बुखार हो जाए तो पहले मोहल्ला पार करना पड़ता है। -शुक्री देवी दुकान के सामने खुद ही नाली की सफाई की ताकि ग्राहक आ-जा सकें। गंदा पानी सड़कों पर बहता है और बदबू से ग्राहक टिकते भी नहीं है। -आकाश कुमार
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