वट सावित्री पूजा 26 को, तैयारी में जुटी महिलाएं
हजारीबाग में बट सावित्री पूजा हर साल ज्येष्ठ मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मनाई जाती है। सुहागिन महिलाएं बट वृक्ष की पूजा कर अपने पतियों की लंबी उम्र की कामना करती हैं। इस वर्ष पूजा का अभिजीत...

हजारीबाग, हमारे प्रतिनिधि। बट सावित्री पूजा हर साल ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। जिसमें सुहागिन महिलाएं बट वृक्ष की पूजा कर अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं। नृसिंह स्थान के पुजारी पंडित ओम प्रकाश मिश्र का कहना है कि सोमवार को अमावस्या 10:54 बजे से शुरू हो जाएगी। जो मंगलवार को 8.32 बजे तक रहेगी। पंचांग में सोमवार को ही बट सावित्री पूजा की तिथि निर्धारित की गई है। जबकि 27 मई को उदया तिथि के मुताबिक अमावस्या पड़ रही है। लेकिन उस दिन स्नान दान के लिए अमावस्या तिथि है।
कर्मकांडी पंडित अरविंद पांडे कहते हैं कि सोमवार को वट सावित्री पूजा करना उचित होगा। उस दिन पूजा का अभिजीत मुहूर्त पूर्वाह्न 11.51 से दोपहर 12:46 तक है। जबकि विजय मुहूर्त दोपहर 2 .36 से 3.11 बजे तक है। सोमवार को सुहागिन महिलाएं बट वृक्ष की पूजा करगी। जिसमें बट वृक्ष के जड़ में जल चढ़ाना, सिंदूर अर्पित करना, कच्चा सूत लपेटते परिक्रमा करना और फल मिठा आदि का भोग लगाना शमिल है। उसके बाद महिलाएं सावित्री और सत्यवान की कथा का श्रवण करेगी। यह व्रत सावित्री के पति को यमराज से वापस लाने की कथा से जुड़ा है। इसके श्रवण से पति-पत्नी के बीच अटूट प्रेम बना रहता है। नौतपा आज से 25 मई से नौतपा की शुरुआत होगी। जिसका अर्थ है सूर्य का रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करना। इससे नो दिनों तक भीषण गर्मी पड़ने की संभावना रहती है। इस दौरान सूर्य और धरती के बीच दूरी कम हो जाती है। सूर्य की किरणें सीधे पृथ्वी पर पड़ती है। इसलिए ज्यादा गर्मी पड़ती है। नौतपा 25 मई से आठ जून तक है। आठ जून को सूर्य मृगशिरा नक्षत्र में प्रवेश कर जाएगा।
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