एक्सिओम-4 मिशन की वॉच पार्टी में शामिल होंगे शहर के स्कूली छात्र
भारत के अंतरिक्ष इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। शुभांशु शुक्ला 10 जून को एक्सिओम स्पेस के एक्सिओम-4 मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए रवाना होंगे। जमशेदपुर के स्कूल के बच्चे...

जल्द ही भारत के अंतरिक्ष इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। 41 साल बाद एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला 10 जून को एक्सिओम स्पेस के एक्सिओम -4 मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) की यात्रा पर रवाना होंगे। यह मिशन अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा और प्राइवेट कंपनी स्पेसएक्स की साझेदारी में किया जा रहा है। दिलचस्प यह है कि जमशेदपुर के स्कूली बच्चे भी इस ऐतिहासिक क्षण के गवाह बन सकेंगे। बिष्टूपुर स्थित नरभेराम हंसराज इंग्लिश स्कूल को मिशन के लाइव लॉन्चिंग और अंतरिक्ष के 14 दिनों की गतिविधि को देखने के लिए वॉच पार्टी आयोजित करने के लिए चुना गया है।
स्कूल की प्रिंसिपल पी रॉय चौधरी ने बताया कि स्कूल के विद्यार्थी और शिक्षक वॉच पार्टी में भाग लेंगे। कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को प्रेरित करना और अंतरिक्ष विज्ञान, वैश्विक सहयोग और शिक्षा के भविष्य के महत्व को उजागर करना है। उन्होंने बताया कि 10 जून को आयोजन किया जाएगा। एक्सिओम-4 मिशन की लॉन्चिंग अमेरिका के फ्लोरिडा में मौजूद नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से 10 जून को होगी। अंतरिक्ष यान को स्पेसएक्स के फॉल्कन 9 रॉकेट के जरिए लॉन्च किया जाएगा। इसके बाद 28 घंटे की यात्रा के बाद 11 जून की रात 10 बजे (भारतीय समयानुसार) अंतरिक्ष यान अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से जुड़ेगा। शुभांशु शुक्ला इस मिशन में पायलट की भूमिका में हैं। उनके साथ अमेरिका की पेगी व्हिटसन, मिशन कमांडर और अंतरिक्ष में 600 से अधिक दिन बिता चुकीं अनुभवी अंतरिक्ष यात्री, हंगरी के तिबोर कापू - मिशन विशेषज्ञ, पोलैंड के स्लावोस वुजनांस्की-विस्नेव्स्की - मिशन विशेषज्ञ और यूरोपीय स्पेस एजेंसी के वैज्ञानिक शामिल होंगे। शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में अपने 14 दिन के प्रवास के दौरान कई खास विज्ञान और पोषण से जुड़े प्रयोग करेंगे। ये प्रयोग इसरो और भारत सरकार के जैव-प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) की तरफ से तैयार किए गए हैं। इनका उद्देश्य अंतरिक्ष में मेथी और मूंग की अंकुरण प्रक्रिया देखना, बीजों को माइक्रोग्रैविटी (अंतरिक्ष की स्थिति) में रखकर धरती पर वापस लाकर उनपर आगे की खेती करना, भविष्य की लंबी अवधि की अंतरिक्ष यात्राओं के लिए पोषण और जीवन-समर्थन प्रणाली विकसित करना है। इसके अलावा शुक्ला नासा के साथ मिलकर 5 संयुक्त अध्ययन भी करेंगे। अपने 14 दिन के अंतरिक्ष प्रवास के दौरान शुभांशु शुक्ला और उनकी टीम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, स्कूल के छात्रों और भारत की अंतरिक्ष इंडस्ट्री के लोगों से वीडियो कॉल के जरिए बातचीत करेंगे।
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