झारखंड के अंगीभूत महाविद्यालयों में इंटर के एडमिशन पर विवाद
झारखंड के अंगीभूत महाविद्यालयों में इंटरमीडिएट स्तर पर दाखिला रोक दिया गया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस मुद्दे पर तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है। वित्तरहित शिक्षा मोर्चा ने विरोध का संकेत दिया है,...

झारखंड के अंगीभूत महाविद्यालयों में इंटरमीडिएट स्तर पर दाखिले को गवर्नर के आदेश के तहत रोक दिया गया है। इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने संज्ञान लेते हुए तीन सदस्यों की कमेटी गठित की है, जो गवर्नर से वार्ता कर शिक्षा व्यवस्था सुधार के लिए प्रयासरत है। मुख्यमंत्री ने वर्ष 2023 की मंत्रिपरिषद बैठक में इस सुधार के लिए एक वर्ष का समय मांगा था तथा कहा था कि इस वर्ष नामांकन अवश्य किया जाएगा।वहीं, हाल ही में वित्तरहित शिक्षा मोर्चा ने कहा कि यदि इस वर्ष अंगीभूत महाविद्यालयों में नामांकन किया गया तो वे इसका विरोध करेंगे। इस बयान को कई सामाजिक एवं शैक्षणिक संगठनों द्वारा हास्यास्पद और अनुचित बताया जा रहा है, क्योंकि शिक्षा देना राज्य सरकार की नैतिक और संवैधानिक जिम्मेदारी है।
अंगीभूत महाविद्यालय इंटरमीडिएट अनुबंध शिक्षक संघ के अध्यक्ष शालिनी नाग, महासचिव डॉ. रामानुज पांडे, उपाध्यक्ष नवनीत सिंह सहित अन्य नेताओं ने इस विवादित बयान पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में अंगीभूत महाविद्यालयों में इंटर शिक्षा को बंद करने का कहीं उल्लेख नहीं है, बल्कि उसे अलग करने की बात की गई है। शिक्षक संघ ने यह भी कहा कि झारखंड के कई दूरदराज़ इलाकों में न तो स्वतंत्र महाविद्यालय हैं और न ही उचित स्कूल। ऐसे में छात्र-छात्राओं को शिक्षा पाने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है, जिससे उनकी पढ़ाई बाधित होती है। खासकर गरीब एवं पिछड़े वर्गों के लिए यह स्थिति और अधिक कठिनाई पैदा करती है।
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