आउटसोर्सिंग कर्मियों के नियमावली के विरोध में होगा आंदोलन
झारखंड राज्य आउटसोर्सिंग कम्प्यूटर ऑपरेटर संघ ने नियमावली के विरोध में आंदोलन की योजना बनाई है। संघ ने सरकार से समान काम के लिए समान वेतन, 60 वर्ष तक सेवा सुरक्षा, और समायोजन की मांग की है। 9 से 15...

आउटसोर्सिंग कर्मियों के नियमावली के विरोध में होगा आंदोलन जामताड़ा, प्रतिनिधि। झारखण्ड राज्य आउटसोर्सिंग कम्प्यूटर ऑपरेटर संघ की गुरुवार को ऑनलाइन बैठक हुई। बैठक में राज्य में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के लिए गठित नियमावली में दिए गए बिन्दुओं पर विस्तृत चर्चा की गई। बैठक के दौरान नियमावली में दिए गए कई बिंदुओं पर आपत्ति दर्ज की गई और उसमें सुधार पर चर्चा हुई। इस संबंध में जानकारी देते हुए संघ के नेताओं ने कहा कि संघ के द्वारा लगातार सरकार एवं वित्त विभाग से निम्न बिन्दुओं को नियमावली में समाहित करने का अनुरोध किया जाता रहा है। लेकिन सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही है।
बताया कि वित्त विभाग, झारखण्ड सरकार द्वारा संविदा/एकमुश्त पर कार्यरत कर्मचारियों के लिए निर्धारित मानदेय का भुगतान भी समान काम के बदले समान वेतन के तहत दिया जाए। बिहार सरकार के तर्ज पर सभी आटसोर्सिंग कर्मचारियों की सेवा 60 वर्ष तक सुरक्षित किया जाय। मध्य प्रदेश सरकार के तर्ज पर सभी आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को आउटसोर्सिंग व्यवस्था/ठेका प्रथा से मुक्त करते हुए संबंधित विभाग के अधीन संविदा के आधार पर समायोजन किया जाय। झारखण्ड राज्य के सभी विभागों/कार्यालयों में वर्तमान में कार्यरत बल के अनुसार सभी आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का पद सक्षम स्तर से स्वीकृत करते हुए कार्यरत कर्मियों को स्वीकृत पद के अनुरूप समायोजित किया जाय। वहीं अपनी मांग पूरी कराने को लेकर आंदोलन करने की भी रणनीति बनाई गई। जिसमें 09, 10 एवं 11 जून को काला बिल्ला लगाकर कार्य करने,11 जून को संध्या 06:00 बजे जिला मुख्यालय में कैंडल मार्च निकालने,12 जून को जिला मुख्यालय (समाहरणालय) के समक्ष एकदिवसीय धरना प्रदर्शन किया जाना है। 15 जून, को राँची स्थित मोरहाबादी मैदान में एकदिवसीय महाधरना का कार्यक्रम करने का निर्णय लिया गया। Ø
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