बीएमएल फैक्ट्री मामला : रैयतों व फैक्ट्री के नए मालिक के बीच वार्ता बेनतीजा
--विधायक ममता देवी ने फैक्ट्री मालिक को ग्रामीणों की मांगों पर 24 घंटे में सोंच विचार करने का दिया अल्टीमेटम, आज दोबारा होगी वार्ता

गोला, निज प्रतिनिधि। गोला थाना क्षेत्र के कामता स्थित बीएमएल प्लांट के खरीदार मालिक व विस्थापित रैयतों के बीच समझौता वार्ता बुधवार देर रात 10 बजे तक चली। इसके बावजूद समझौता वार्ता बेनतीजा संपन्न हुई। रैयतों की ओर से सौंपे गए 35 सुत्री मांग पत्र के पहले प्वाइंट पर ही सहमति नहीं बन पाई। पहले प्वाइंट में जमीन दाताओं को 20 हजार से अधिक वेतन देने की मांग की गई है। प्लांट के मालिक ने इस मांग को मानने से इंकार कर दिया। दूसरी ओर रैयत भी अपनी मांग पर अड़ गए। जिससे दोनों पक्षों में सहमति नहीं बन पाई। रैयतों ने बताया कि जब से फैक्ट्री की स्थापना हुई है।
यहां कार्यरत मजदूरों को 8 से 11 हजार रुपए तक मासिक वेतन का भुगतान किया जाता है। देर रात तक जब सहमति नहीं बन पाई तो विधायक ने रैयतों की मांग को जायज ठहराते हुए फैक्ट्री के मालिक को सोंच विचार करने के लिए 24 घंटे का समय दिया। विधायक ने कहा कि रैयतों की समस्त मांगे जाएज है। रैयतों की मांग पर गौर करने के लिए फैक्ट्री प्रबंधन को 24 घंटा का समय दिया गया है। इसके बाद समस्या के समाधान के लिए दोबारा बैठक होगी। बता दें कि फैक्ट्री फाउंडर मालिक अर्श साहू व कुमुद प्रसाद साहू ने प्लांट को बेच दिया है। प्लांट की जमीन अर्श साहू के नाम है, जबकि इस जमीन पर कुमुद प्रसाद साहू ने प्लांट की स्थापना की है। अर्श साहू का कहना है कि उसने जमीन नहीं बेची है। कुमुद प्रसाद साहू ने अभिषेक कनोडिया व मनीष पेरिवाल के पास प्लांट को बेच दिया है। इस बात की जानकारी होने के बाद रैयत अपनी विभिन्न मांगों को लेकर पिछले ग्यारह दिनों से प्लांट के मुख्य गेट को जाम कर आन्दोलनरत हैं। जिससे फैक्ट्री में उत्पादन पूरी तरह से ठप है।
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