पारा शिक्षकों की हड़ताल से दबाव, 3000 तक बढ़ सकता है मानदेय
राज्य के 67 हजार पारा शिक्षकों को बिहार या फिर छत्तीसगढ़ की तर्ज पर वेतनमान नहीं मिलेगा। उनके मानदेय में ही वृद्धि की जायेगी। वर्तमान में राज्य सरकार ने केके खंडेलवाल कमेटी की अनुशंसा के आधार पर...

राज्य के 67 हजार पारा शिक्षकों को बिहार या फिर छत्तीसगढ़ की तर्ज पर वेतनमान नहीं मिलेगा। उनके मानदेय में ही वृद्धि की जायेगी। वर्तमान में राज्य सरकार ने केके खंडेलवाल कमेटी की अनुशंसा के आधार पर अधिकतम 1836 रुपये बढ़ाने का निर्णय लिया था, लेकिन पारा शिक्षकों की एक महीने से ज्यादा दिनों से चल रही हड़ताल की वजह से मानदेय बढ़ोतरी में संशोधन की तैयारी कर रही है। टेट पास व प्रशिक्षित पारा शिक्षकों के मानदेय में 2500-3000 तक की वृद्धि हो सकती है। वहीं, प्रशिक्षित के साथ-साथ अप्रशिक्षित पारा शिक्षकों के मानदेय में वृद्धि हो सकेगी।
हड़ताली पारा शिक्षक जहां आंदोलन तेज कर रहे हैं और वेतनमान के बगैर काम पर लौटने को तैयार नहीं हैं। ऐसे में राज्य सरकार मानदेय में की गई बढ़ोतरी पर एक बार फिर से मंथन करने को विवश हुई है। इस पर विभाग के आलाधिकारी मुख्यमंत्री रघुवर दास को पूरी स्थिति से अवगत करायेंगे और मानदेय में कितनी बढ़ोतरी की जा सकती है, उसका प्रस्ताव देंगे। स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग ने केके खंडेलवाल कमेटी की अनुशंसा के आधार पर क्लास छह से आठ के प्रशिक्षित व टेट पास पारा शिक्षकों के मानदेय में 1836 रुपये की बढ़ोतरी की थी और सिर्फ प्रशिक्षत के मानदेय में 320 रुपये की बढ़ोतरी की गई थी। वहीं, क्लास एक से पांच के प्रशिक्षित व टेट पास पारा शिक्षकों के मानदेय में 1562 रुपये की और सिर्फ प्रशिक्षित के मानदेय में 246 रुपये की बढ़ोतरी की थी। प्रारंभिक स्कूलों में कार्यरत अप्रशिक्षित शिक्षकों के मानदेय में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई थी।
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