दिल्ली में स्कूल छोड़ने वाले छात्रों की होगी पहचान, RWAs की मदद से घर-घर जाकर सर्वे
दिल्ली में स्कूल छोड़ने और विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की अब हर माह पहचान की जाएगी। शिक्षा विभाग इसके लिए घर-घर जाकर सर्वे करेगा। यह पहली बार है कि ऐसे छात्रों की पहचान के लिए आरडब्ल्यूए की मदद ली जाएगी। इसके लिए 150 से अधिक टीमें गठित की गई हैं।

दिल्ली में स्कूल छोड़ने और विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की अब हर माह पहचान की जाएगी। शिक्षा विभाग इसके लिए घर-घर जाकर सर्वे करेगा। यह पहली बार है कि ऐसे छात्रों की पहचान के लिए रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) की मदद ली जाएगी। इसके लिए 150 से अधिक टीमें गठित की गई हैं। ऐसे बच्चों की पहचान के बाद शिक्षा विभाग उन्हें दोबारा मुख्यधारा से जोड़ेगा।
शिक्षा निदेशालय इस मुहिम को मौजूदा शैक्षणिक सत्र से शुरू करने की योजना बना रहा है। शिक्षा विभाग की योजना के मुताबिक, छात्रों की पहचान के बाद उनका दाखिला आसपास के स्कूलों में कराया जाएगा। इस मुहिम का उद्देश्य छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है।
साथ ही, छात्रों को बुरी संगत और अपराध की दुनिया में जाने से बचाना है। यह समग्र शिक्षा दिल्ली के तहत किया जाएगा। समग्र शिक्षा दिल्ली की ओर से सर्वेक्षण दल गठित करके कर साल गर्मी और सर्दी की छुट्टियों में नियमित सर्वेक्षण कराया जाता है।
छात्रों की दैनिक रिपोर्ट देनी होगी : स्कूल छोड़ने वाले छात्रों की पहचान के बाद उनके प्रवेश की स्थिति की रिपोर्ट टीमों को रोजाना शिक्षा निदेशालय को देनी होगी। जानकारी के मुताबिक, दिल्ली में हर सर्वेक्षण में शिक्षा विभाग को स्कूल छोड़ने वाले 15 से 20 हजार छात्र मिलते हैं। इस लिहाज से आकलन करें, तो औसतन 300 छात्र हर दिन स्कूल छोड़ते हैं। शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी कहा कि यह आंकड़े चिंताजनक हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए यह फैसला किया गया है कि हर माह सर्वेक्षण किया जाएगा। इसे लेकर तैयारियां चल रही हैं। प्रत्येक क्लस्टर में कम से कम एक टीम होगी। मंगोलपुरी, जनकपुरी, नांगलोई, वजीरपुर, संगम विहार, उत्तर पूर्वी दिल्ली जैसे कुछ इलाकों में अधिक टीमें हो सकती हैं।
छात्र के नहीं आने पर फोन करेंगे शिक्षक : अब कोई भी छात्र यदि 15 दिन से ज्यादा बिना सूचना के स्कूल नहीं आता, तो उनके घर पर संपर्क किया जाएगा। फोन कर जानकारी ली जाएगी। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर विभाग के अधिकारी उनके घर जाएंगे।
वहीं, शिक्षा विभाग, नगर निगम, नई दिल्ली पालिका परिषद के सभी स्कूलों के विभागाध्यक्ष स्कूल न जाने वाले बच्चों की पहचान के लिए अपने-अपने क्षेत्रों में नियमित रूप से जाएंगे।
फेल छात्र एनआईओएस में ले सकेंगे दाखिला
वहीं, दूसरी ओर शिक्षा निदेशालय ने शैक्षणिक सत्र 2025-26 में राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) के माध्यम से 10वीं क्लास में एडमिशन लेने वाले छात्रों के रजिस्ट्रेशन के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं। इसमें सरकारी स्कूलों को 9वीं कक्षा में दो बार फेल होने वाले छात्रों का दाखिला सुनिश्चित करने को कहा है।
शिक्षा निदेशालय ने बताया कि यह देखा गया है कि जब कोई छात्र 9वीं कक्षा में एक या दो बार फेल हो जाता है तो उसे रेगुलर स्कूल में दाखिला नहीं मिलता, जिसकी वजह से वह पढ़ाई बीच में ही छोड़ देता है। ऐसे छात्र एनआईओएस परियोजना के तहत दसवीं क्लास में दाखिले के लिए रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। निर्देश में यह भी कहा है कि सभी स्कूल प्रमुख ऐसे छात्रों से संपर्क कर उन्हें समझाने की कोशिश करेंगे। छात्रों के लिए कक्षाएं दिल्ली भर में सरकारी स्कूलों में लगभग 75 नामित अध्ययन केंद्रों पर आयोजित की जाएंगी। छात्रों की संख्या के अनुसार अध्ययन केंद्रों की संख्या भिन्न हो सकती है।