पश्चिम बंगाल में युवाओं और महिलाओं पर रहेगा भाजपा का चुनावी दांव
-लोकसभा चुनाव में नहीं मिली थी उम्मीदों के अनुरूप सफलता नई दिल्ली, विशेष संवाददाता।

नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा राज्य में नए संगठन के साथ चुनाव मैदान में उतरेगी। इसमें युवाओं और महिलाओं को ज्यादा अहमियत दी जाएगी। जल्द ही राज्य में नए प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा के साथ नई टीम को चुनाव की दृष्टि से तैयार किया जाएगा। पश्चिम बंगाल में भाजपा ने फिलहाल अपना लक्ष्य तीन अंको में पहुंचने का रखा है। बीते विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 77 सीटें जीती थी। इस बार भाजपा की रणनीति ममता बनर्जी के खिलाफ सत्ता विरोधी माहौल को बनाना और अपने लिए समर्थन जुटाने की है।
पार्टी के रणनीतिकारों का कहना है कि पिछले विधानसभा चुनाव में जब भाजपा गई थी, तब उसके महज तीन विधायक थे और संगठन भी गांव-गांव तक नहीं था। इसके बावजूद वह 77 सीटों तक पहुंची थी। बहुमत के लिए चाहिए 148 सीटें पार्टी के पश्चिम बंगाल की चुनाव रणनीति से जुड़े एक प्रमुख नेता ने कहा है कि बीते पांच साल में ममता बनर्जी के खिलाफ माहौल बढ़ा है। तृणमूल में भी अंदरुनी झगड़े बढ़े हैं। इन सबके बीच भाजपा ने अपनी पकड़ गांव-गांव तक बनाई है। ऐसे में भाजपा का आगे बढ़ना तय है और वह तीन अंकों में यानी सौ सीटों से ज्यादा पहुंचेगी। हालांकि, सत्ता हासिल करने को लेकर भाजपा ज्यादा आशान्वित नहीं है। 294 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 148 सीटों का है। ऐसे में भाजपा को पिछली बार की सीटों को दो गुना से ज्यादा करना होगा। पिछले चुनाव में 77 सीटें मिली थीं भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में 42 में से 18 सीटें जीतकर उम्मीद जगाई थी। इससे वह 2021 के विधानसभा चुनाव में 77 तक पहुंच गई थी। लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में उसकी छह सीटें घट गई और वह 12 सीटें ही जीत पाई। इससे अब विधानसभा की सीटों के बढ़ने को लेकर तो उसे काफी उम्मीदें है, लेकिन 148 तक पहुंच सके इसे लेकर वह बहुत ज्यादा आशान्वित नहीं है।
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