पूर्व राष्ट्रपति के फर्जी पत्रों का उपयोग कर 25 लाख की ठगी
चेन्नई के दो जालसाजों ने केंद्रीय मंत्री, पूर्व राष्ट्रपति और पूर्व प्रधान न्यायाधीश के जाली पत्रों और ई-मेल आईडी का इस्तेमाल कर 25 लाख रुपये ठग लिए। उन्होंने एक फर्जी संगठन का गठन कर अधिकारियों को...

नई दिल्ली, एजेंसी। चेन्नई के दो जालसाजों ने केंद्रीय मंत्री, पूर्व राष्ट्रपति के जाली पत्रों और भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) की फर्जी ई-मेल आईडी का इस्तेमाल कर 25 लाख रुपये ठग लिए। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के आरोपपत्र के अनुसार, दो आरोपियों रेनिंगस्टन सेल्स और विंसेंट राजू ने ठगी करने के लिए पूरी योजना तैयार की। उसने एक फर्जी संगठन भ्रष्टाचार-रोधी और अपराध-निरोधक (एसीएसी) प्रकोष्ठ के गठन की बात कह पदाधिकारी और कार्यकारी के रूप में नियुक्त होने का दावा किया। जालसाज इतने शातिर थे कि राष्ट्रीय प्रतीक वाले लेटरहेड, रबर स्टांप, आईडी कार्ड और विजिटिंग कार्ड रखते थे।
इसके साथ ही चेन्नई में दो फर्जी कार्यालय स्थापित किए और दिल्ली के पहाड़गंज में अपना मुख्य कार्यालय होने का दावा किया। आरोपियों ने 10 जून 2017 को एक जाली पत्र तैयार किया, जिस पर केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह के जाली हस्ताक्षर थे। इसमें सभी राज्य के मुख्य सचिवों को सेवानिवृत्त प्रधान न्यायाधीश आरएम लोढ़ा को एसीएसी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त करने की सूचना दी गई थी। दोनों ने एक जाली ई-मेल आईडी तैयार की, जिसका इस्तेमाल उन्होंने लक्षित पीड़ितों को झांसे में लेने के लिए किया। सीबीआई ने आरोप लगाया कि ठगों ने 11 मई, 2018 को तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा न्यायमूर्ति लोढ़ा को संबोधित एक और फर्जी पत्र जारी किया, जिसमें उन्हें भारत के एसीएसी प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद स्वीकार करने के लिए बधाई दी गई थी। आरोपियों ने लोगों से काम कराने के नाम पर 25 लाख रुपये वसूल किए।
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