विधवा महिला की संपत्ति पर यथास्थिति बनाए रखे डीडीए- हाईकोर्ट
दिल्ली उच्च न्यायालय ने विधवा महिला को दिए गए तोड़फोड़ नोटिस पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया। महिला पिछले 25 वर्षों से बटला हाउस में रह रही हैं। डीडीए ने 26 मई को नोटिस जारी किया था, जबकि महिला का...

नई दिल्ली, कार्यालय संवाददाता। दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की ओर से विधवा महिला को दिए गए तोड़फोड़ नोटिस पर फिलहाल यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया। यह आदेश उस याचिका पर दिया गया है, जिसमें दावा किया गया कि महिला पिछले 25 वर्षों से बटला हाउस इलाके में रह रही हैं। उनकी संपत्ति को अवैध निर्माण बताकर गिराने की तैयारी की जा रही है। न्यायमूर्ति हरीश वैद्यनाथन शंकर की एकल पीठ ने यह आदेश पारित करते हुए अगली सुनवाई की तारीख दस जुलाई तय की है। अदालत को बताया गया कि डीडीए ने 26 मई को महिला के मकान पर एक तोड़फोड़ नोटिस चस्पा किया था, जिसमें 15 दिन के भीतर कार्रवाई की चेतावनी दी गई थी।
डीडीए के वकील ने कोर्ट को सूचित किया कि बटला हाउस क्षेत्र के लिए किए गए सीमांकन रिपोर्ट के आधार पर सर्वे और प्रस्तावित कार्रवाई का ब्यौरा जल्द रिकार्ड पर लाया जाएगा। वकील ने कोर्ट को आश्वासन दिया कि तीन सप्ताह के भीतर सीमांकन रिपोर्ट पेश की जाएगी। ------- दोनों पक्षों ने पेश की दलीलें महिला की ओर से अधिवक्ता फहद खान ने अदालत को बताया कि उनकी मुवक्किल की संपत्ति प्रधानमंत्री उदय योजना (पीएम-उदय) के अंतर्गत आती है। डीडीए द्वारा पहले से सर्वे भी किया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि डीडीए ने मनमाने ढंग से महिला की संपत्ति को गिराने वाली सूची में शामिल कर लिया, जबकि संपत्ति योजना के अंतर्गत वैध है। वहीं डीडीए की ओर से दलील दी गई कि उक्त संपत्ति योजना के अंतर्गत नहीं आती। यह अवैध कालोनी में स्थित है, जहां सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार कार्रवाई की जानी है।
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