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एससी, एसटी और ओबीसी को कांग्रेस ने हमेशा छला : धमेंद्र प्रधान

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने राहुल गांधी पर हमला किया, कहा कि कांग्रेस झूठ और फरेब की ब्रांड एंबेसडर बन गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने हमेशा SC, ST और OBC समुदायों को धोखा...

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीTue, 27 May 2025 08:25 PM
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एससी, एसटी और ओबीसी को कांग्रेस ने हमेशा छला : धमेंद्र प्रधान

नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर पलटवार किया। कहा कि राहुल और पूरी कांग्रेस आज देश में झूठ और फरेब की सबसे बड़ी ब्रांड एंबेसडर बन चुकी है। एससी, एसटी और ओबीसी को कांग्रेस के शाही परिवार ने हमेशा छला है। राहुल द्वारा नॉट फाउंड सूटेबल (एनएफएस) को नया मनुवाद करारा देने और एससी/एसटी, ओबीसी के योग्य उम्मीदवारों को जानबूझकर अयोग्य घोषित करने का आरोप लगाए जाने पर प्रधान ने कहा कि लंबे समय तक शासन करने के बाद भी कांग्रेस ने दलित, पिछड़ों और शोषितों को उनके अधिकारों से वंचित रखा।

कहा कि 2014 में जब यूपीए की सरकार गई, उस दौरान केंद्रीय विश्वविद्यालयों में 57 फीसदी एससी, 63 फीसदी एसटी और 60 फीसदी ओबीसी वर्ग के शिक्षकों के पद रिक्त थे। उन्हें प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने सत्ता में आने के साथ ही भरने का काम किया। 2014 में शिक्षकों के 16,217 पदों को बढ़ाकर 18,940 करने का काम भी मोदी सरकार ने किया। बताया कि 2014 में रिक्त पदों की संख्या जो 37 फीसदी थी, वह आज 25.95 फीसदी है। भाजपा शासन में ज्यादा भर्तियां प्रधान ने कहा कि कांग्रेस के 2004-14 के कार्यकाल में आईआईटी में सिर्फ 83 एससी, 14 एसटी और 166 ओबीसी फैकल्टी थी। एनआईटी में केवल 261 एससी, 72 एसटी और 334 नियुक्तियां हुईं। वहीं, मोदी सरकार में 2014-24 के बीच आईआईटी में 398 एससी, 99 एसटी और 746 ओबीसी और एनआईटी में 929 एससी, 265 एसटी और 1510 ओबीसी शिक्षक नियुक्त हुए हैं। मोदी सरकार ने असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए पीएचडी की अनिवार्यता खत्म की। एनएफएस कांग्रेस की देन शिक्षा मंत्री ने कहा जिस एनएफएस की बात राहुल कर रहे हैं, वह कांग्रेसी सोच की ही देन थी। आजादी के बाद कांग्रेस की नीति के कारण ही ये एनएफएस अब तक चलता आ रहा था। वंचित वर्ग को उस अन्याय से मुक्ति दिलाने के लिए मोदी सरकार में पहली बार द सेंट्रल एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन्स (रिजर्वेशन इन टीचर कैडर) एक्ट-2019 लाया गया। इसके बाद एनएफएस अब इतिहास है। अब एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित पद किसी भी अन्य वर्ग द्वारा भरा नहीं जाएगा।

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