आतंक के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में एकजुट होने की जरूरत: बिरला
नई दिल्ली के लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की सख्त नीति पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद वैश्विक शांति और मानवाधिकारों के लिए खतरा है, और सभी देशों को मिलकर इसका सामना करना...

नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि भारत आतंकवाद को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करने की नीति का सख्ती से पालन कर रहा है। सभी देशों को इस वैश्विक लड़ाई में एकजुट होना चाहिए। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि आतंकवाद वैश्विक शांति, स्थिरता और मानवाधिकारों के लिए सबसे बड़ा खतरा है, ऐसे में इस खतरे को समाप्त करने के लिए सभी प्रगतिशील देशों को मिलकर संयुक्त रणनीति बनानी होगी। लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, बिरला ने ये टिप्पणियां पुर्तगाल की राजधानी लिस्बन में वहां की असेंबली के अध्यक्ष जोस पेड्रो अगुइर-ब्रैंको के साथ मंगलवार को द्विपक्षीय बैठक के दौरान कीं।
इसके बाद बिरला ब्राजील जाएंगे, जहां वह 11वें ब्रिक्स संसदीय मंच की बैठक में भाग लेने वाले भारतीय संसदीय शिष्टमंडल का नेतृत्व करेंगे। बिरला ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले का उल्लेख करते हुए कहा, यह हमला भारत की प्रगति और सामाजिक सद्भाव में बाधा डालने के उद्देश्य से किया गया था लेकिन भारतीय सुरक्षा बलों ने अपने साहस, शौर्य और बुद्धिमत्ता से इन दुर्भावनापूर्ण इरादों को विफल कर दिया। उन्होंने यह भी कहा, ‘ऑपरेशन सिंदूर सैन्य अभियान के अंतर्गत भारत ने आतंकवादियों के ठिकानों को नष्ट कर इस खतरे का सफलतापूर्वक मुकाबला किया। बिरला ने इस बात का उल्लेख किया कि भारत और पुर्तगाल के संबंध 500 वर्षों से भी अधिक पुराने हैं। ये ऐतिहासिक संबंध व्यापार और वाणिज्य तक ही सीमित नहीं है, बल्कि दोनों देशों के नागरिकों के बीच भी गहरा जुड़ाव है।
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