कर्नाटक भगदड़ मामले में स्थिति रिपोर्ट दाखिल करे राज्य : हाईकोर्ट
कर्नाटक हाईकोर्ट ने क्रिकेट स्टेडियम के बाहर भगदड़ मामले में राज्य सरकार को 10 जून तक स्थिति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। इस हादसे में 11 लोगों की मौत हुई और 56 अन्य घायल हुए। सरकार ने कहा कि...

कर्नाटक हाईकोर्ट ने यहां क्रिकेट स्टेडियम के बाहर भगदड़ मामले में गुरुवार को राज्य सरकार को 10 जून तक स्थिति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। हादसे में 11 लोगों की मौत और 56 अन्य लोग घायल हुए हैं। अदालत ने मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य को नोटिस जारी किया। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश वी. कामेश्वर राव और न्यायमूर्ति सी.एम. जोशी की पीठ ने अदालत की रजिस्ट्री को निर्देश दिया कि वह इस मामले को स्वत: संज्ञान जनहित याचिका के रूप में देखें। महाधिवक्ता शशि किरण शेट्टी ने राज्य का पक्ष रखते हुए कहा कि स्टेडियम में मुफ्त प्रवेश की घोषणा के कारण गेट पर भारी भीड़ उमड़ पड़ी, जिससे भगदड़ मच गई।
उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार इस मामले को नकारात्मक रवैये से नहीं देखना चाहती। शेट्टी ने कहा कि दोषारोपण सही नहीं है। हमारा उद्देश्य यह समझना है कि क्या गलत हुआ और यह सुनिश्चित करना है कि ऐसी त्रासदियां भविष्य में दोबारा न हों। मामले को आगे की सुनवाई 10 जून को तय की गई है। एसओपी का पालन करना चाहिए था : हाईकोर्ट पीठ ने कहा कि बड़े सार्वजनिक आयोजनों के लिए स्पष्ट मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) का पालन किया जाना चाहिए था। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि घटनास्थल पर एम्बुलेंस उपलब्ध होनी चाहिए थी, और निकटतम अस्पतालों के बारे में स्पष्टता होनी चाहिए थी। एंबुलेंस मौजूद थी लेकिन पर्याप्त नहीं : महाधिवक्ता महाधिवक्ता ने कहा कि एम्बुलेंस वास्तव में मौजूद थीं, लेकिन उन्होंने स्वीकार किया कि वे इस आपात स्थिति के लिए पर्याप्त नहीं थीं। उन्होंने कहा कि मुद्दा उनकी अनुपस्थिति नहीं, बल्कि संख्या का था। लोगों स्टेडियम के अंदर की स्थिति का अंदाजा नहीं था आरसीबी की इंडियन प्रिमियर लीग (आईपीएल) खिताबी जीत के बाद शहर में जश्न के दौरान पुलिस और सुरक्षा कर्मियों की तैनाती का जिक्र करते हुए शेट्टी ने कहा कि चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर स्थिति अराजक हो गई थी। उन्होंने कहा कि स्टेडियम और उसके आसपास 2.5 लाख से अधिक लोग इकट्ठा हो गए थे, जबकि इसकी क्षमता लगभग 30,000 है। उन्होंने बताया कि लोगों को स्टेडियम के अंदर भारी भीड़ होने का अंदाजा नहीं था। जांच शुरू है, किसी को बख्शा नहीं जाएगा महाधिवक्ता ने अदालत को बताया कि मजिस्ट्रेट जांच पहले ही शुरू हो चुकी है और यह 15 दिन में पूरी हो जाएगी। हम संभावित चूक की जांच कर रहे हैं। किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। इवेंट मैनेजमेंट एजेंसी समेत सभी संबंधित पक्षों को नोटिस जारी किया गया है। पीड़ित परिवारों को मुआवजा शेट्टी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने पहले सार्वजनिक बयान में पीड़ितों के परिवारों को मुआवजा देने की बात कही। हम भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए सार्वजनिक और अदालत के सुझावों पर अमल करेंगे। स्टेडियम के केवल तीन गेट ही खुले रहे जनहित याचिकाकाकर्ता का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता जी.आर. मोहन ने बताया कि निःशुल्क प्रवेश की घोषणा आईपीएल फ्रैंचाइज के प्रतिनिधि द्वारा की गई थी। उन्होंने कहा कि भारी भीड़ के बावजूद, केवल तीन गेट ही खुले रखे गए, जिससे अड़चनें और अव्यवस्था पैदा हो गई। मामले की जांच को स्वतंत्र एजेंसी नियुक्त हो वरिष्ठ अधिवक्ता अरुणा श्याम ने अदालत से निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए एक स्वतंत्र एजेंसी नियुक्त करने का आग्रह किया। सुनवाई के अंत में पीठ ने कहा कि वह अपने आदेश में स्थिति रिपोर्ट में आवश्यक विवरण निर्दिष्ट करेगी। याचिकाकर्ता अधिवक्ता लोहित ने किए चार सवाल - सम्मान समारोह की मंजूरी किसने दी? क्या कर्नाटक सरकार या राज्य क्रिकेट संघ ने ऐसा किया? - राज्य या देश का प्रतिनिधित्व न करने वाले खिलाड़ियों को सम्मानित करने में सरकार की क्या जिम्मेदारी है? - विधान सौध और चिन्नास्वामी स्टेडियम में अलग-अलग समारोह क्यों आयोजित किए गए? - भीड़ नियंत्रण व सुरक्षा के क्या इंतजाम किए गए थे?
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।