एनडीए सरकार ने महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए अहम फैसले किए
एनडीए सरकार के 11 वर्षों में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए कई योजनाएं लागू की गईं। स्वच्छ भारत अभियान, उज्ज्वला योजना और 33% महिलाओं के लिए आरक्षण जैसे कदम उठाए गए। सरकार ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम,...

विकल्प हेडिंग : एनडीए सरकार ने 11 वर्षों में महिलाओं को सशक्त बनाया 11 वर्षों का रिपोर्ट कार्ड नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। एनडीए सरकार के 11 सालों के कार्यकाल में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए जमीनी स्तर पर अनेक प्रयास किए गए। स्वच्छ भारत अभियान और उज्ज्वला जैसी योजनाओं के जरिये गांव-देहात की महिलाओं को सशक्त बनाया गया। वहीं, राजनीति में हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण का विधान पारित हुआ। सेना में महिलाओं के लिए करियर के अधिक मौके शुरू किए गए। केंद्र सरकार की तरफ से एनडीए सरकार में महिलाओं के सशक्तीकरण के प्रयासों को लेकर एक विस्तृत रिपोर्ट जारी की गई है।
इसमें नारी शक्ति वंदन अधिनियम के पारित होने से लेकर राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में महिला उम्मीदवारों का प्रवेश, सैनिक स्कूलों में लड़कियों को प्रवेश तथा तीनों सेनाओं में महिलाओं को स्थायी कमीशन दिए जाने आदि का जिक्र किया गया है। सरकारी रिपोर्ट कार्ड के अनुसार, 2014 तक सिर्फ 39 फीसदी घरों में शौचालय थे, जो अब सौ फीसदी घरों में हैं। इसी प्रकार 10.33 करोड़ महिलाओं के नाम उज्ज्वला योजना के तहत एलपीजी कनेक्शन जारी हुए। इससे महिलाओं को भोजन पकाने के दौरान धुएं से मुक्ति मिली। इसी प्रकार प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत संस्थागत प्रसव के दौरान महिलाओं को पांच हजार रुपये की राशि देने से जहां संस्थागत प्रसव के मामलों में वृद्धि है वहीं मातृ मृत्यु दर भी 130 से घटकर 80 से तक नीचे आ गई है। इसी प्रकार, जननी सुरक्षा सुरक्षा योजना, शिशु सुरक्षा योजना, आंगनबाड़ी उन्नयन योजना, मिशन पोषण, सुरक्षित मातृत्व अभियान ऐसी योजनाएं हैं जिन्होंने महिलाओं को स्वास्थ के मोर्चे पर सशक्त बनाया। - इन योजनाओं ने महिलाओं को आर्थिक रूप से सक्षम बनाया इसी प्रकार प्रधानमंत्री मुद्रा योजना और स्टैंड अप इंडिया योजना में महिलाओं को क्रमश: 68 और 83 फीसदी ऋण प्राप्त हुए। ये योजनाएं महिलाओं को आर्थिक मोर्चे पर सशक्त बनाने में सफल रही। रिपोर्ट कार्ड में मुस्लिम महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए तीन तलाक के खिलाफ कानून एवं कामकाजी महिलाओं के लिए 26 सप्ताह के मातृत्व अवकाश को भी बड़ी उपलब्धि बताया गया है।
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