ब्याज दर में कटौती से आर्थिक वृद्धि तेज होगी : आरबीआई
आरबीआई ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था की गति उम्मीद के अनुरूप...

नई दिल्ली, एजेंसी। आरबीआई ने शुक्रवार को चालू वित्त वर्ष 2025-26 के लिए जीडीपी की वृद्धि दर के अनुमान को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा। आरबीआई गर्वरन संजय मल्होत्रा ने कहा कि वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार उम्मीद के अनुरूप बनी हुई है। ब्याज दर में कटौती से आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा। चालू वित्त वर्ष की दूसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा पेश करते हुए आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि चूंकि वैश्विक परिवेश अनिश्चित बना हुआ है, इसलिए घरेलू वृद्धि पर ध्यान केंद्रित करना और भी महत्वपूर्ण हो गया है। आज की मौद्रिक नीति उसी दिशा में उठाया गया कदम है।
उन्होंने उम्मीद जताई कि ब्याज दर में कटौती का आर्थिक वृद्धि पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। हालांकि, उन्होंने कहा कि इसका प्रभाव वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी छमाही में ही नजर आएगा। मल्होत्रा ने यह भी कहा कि सामान्य से अधिक दक्षिण-पश्चिम मानसून की बारिश की उम्मीद से कृषि क्षेत्र और ग्रामीण मांग के परिदृश्य को और बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। दूसरी ओर, सेवा गतिविधियों में निरंतर उछाल से शहरी खपत में सुधार आएगा। वहीं, आरबीआई ने मौद्रिक नीति रुख को उदार से बदलकर तटस्थ कर दिया है। इसका मतलब है कि केंद्रीय बैंक आर्थिक स्थिति के हिसाब से नीतिगत दर में समायोजन को लेकर लचीला बना रहेगा। महंगाई से राहत संभव इसी के साथ आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष 2025-26 के लिए अपने महंगाई दर के अनुमान को चार प्रतिशत से घटाकर 3.7 प्रतिशत कर दिया है। केंद्रीय बैंक को उम्मीद है कि जिंसों की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में कमी के साथ मुख्य मुद्रास्फीति नरम बनी रहेगी। चार प्रतिशत से कम औसत खुदरा मुद्रास्फीति का यह अनुमान हाल के वर्षों में सबसे कम है। खुदरा मुद्रास्फीति अप्रैल में घटकर 3.16 प्रतिशत पर आ गई है, जो इसका छह साल का निचला स्तर है। खुदरा ऋण क्षेत्र में सुधार आरबीआई गवर्नर ने खुदरा ऋण क्षेत्र में सुधार का संकेत देते हुए बताया कि असुरक्षित व्यक्तिगत ऋण और क्रेडिट कार्ड बकाया जैसे संवेदनशील पोर्टफोलियो में पहले जो तनाव देखा गया था, वह अब कम हो गया है। हालांकि, माइक्रोफाइनेंस क्षेत्र में तनाव अब भी बना हुआ है। इस संबंध में बैंक और एनबीएफसी अपने जोखिम प्रबंधन ढांचे को पुनर्गठित कर रहे हैं। बॉक्स --- जीडीपी अनुमान वित्त वर्ष 2025-26 की अक्टूबर-दिसंबर और जनवरी-मार्च तिमाही के लिए जीडीपी वृद्धि दर क्रमशः 6.6 प्रतिशत एवं 6.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है। तिमाही वृद्धि अनुमान - अप्रैल-जून 6.5 प्रतिशत - जुलाई-सितंबर 6.7 प्रतिशत - अक्टूबर-दिसंबर 6.6 प्रतिशत - जनवरी-मार्च 6.3 प्रतिशत क्रिप्टो पर नजर मल्होत्रा ने कहा कि हम क्रिप्टो के बारे में चिंतित हैं क्योंकि यह वित्तीय स्थिरता और मौद्रिक नीति को बाधित कर सकती है। सरकार की एक समिति इस पर नजर रख रही है। गौरतलब है कि शीर्ष न्यायालय ने केंद्र को क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने के लिए एक 'स्पष्ट' नीति तैयार करने का पिछले महीने निर्देश दिया था। इसको लेकर कोई कानून न होने के कारण क्रिप्टोकरेंसी अभी तक भारत में अवैध नहीं है। इंडसइंड बैंक का प्रदर्शन अब अच्छा मल्होत्रा ने कहा कि धोखाधड़ी से प्रभावित इंडसइंड बैंक अब अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। उन्होंने कहा कि बैंक के एमडी और सीईओ सुमंत कठपालिया के इस्तीफे को जवाबदेही के नजरिेये से काफी हद तक पर्याप्त कदम माना जाना चाहिए। आरबीआई ने यह भी कहा कि बैंक ने उथल-पुथल भरे दौर में सभी नियामकीय निर्देशों का अनुपालन किया है। हालांकि गवर्नर ने यह स्पष्ट किया कि आरबीआई बैंक के खिलाफ कोई भी कार्रवाई करने से नहीं कतराएगा और अगर कोई आपराधिक मामला सामने आता है तो कानून अपना काम करेगा।
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