Puja Ghar Vastu Tips: नया-नया घर लिया हो या फिर नए घर में पूजा वाली जगह फाइनल कर पा रहे हैं, तो आप वास्तु की कुछ बातों को ध्यान रखकर अपने पूजा घर को बेहतरीन भी बना सकते हैं। साथ ही कुछ जरूरी बातों को ध्यान में रखकर आप पूजा वाली जगह की एनर्जी को और भी ज्यादा पॉजिटिव बना सकते हैं। तो चलिए जानते हैं कि आखिर हमें पूजा घर बनवाते हुए किन बातों का ध्यान सबसे ज्यादा रखना है?
पूजा घर किस कमरे में हो, इसे लेकर लोग अक्सर कन्फ्यूज रहते हैं। आपको इस बात का सबसे ज्यादा ध्यान रखना है कि पूजा घर बेडरूम में किसी भी हालत में नहीं बनाना है। बेडरूम और पूजा घर की एनर्जी काफी अलग होती है। इसी वजह से पूजा घर कभी भी बेडरूम में नहीं होना चाहिए।
पूजा घर की स्थापना से पहले ये सवाल तो जरूर मन में आता है कि इसकी दिशा किस ओर होनी चाहिए। बता दें कि आप दक्षिण छोड़कर घर के किसी भी दिशा में पूजा घर बना सकते हैं। दक्षिण दिशा में पूजा घर का होना शुभ नहीं माना जाता है। दरअसल इस दिशा को यम (मृत्यु के देवता) की दिशा मानी जाती है। ऐसे में ये दिशा पूजा घर के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं है।
अपने पूजा स्थल पर गलती से भी महाभारत की कोई तस्वीर ना लगाएं। साथ ही पक्षी या फिर किसी जानवर की पेटिंग लगाने से बचें। इन दोनों का पूजा घर में होना शुभ नहीं माना जाता है।
अपने पूजा घर में सभी मूर्तियों को हमेशा साफ करते रहे हैं। किसी भी टूटी हुई मूर्ति को पूजा घर से तुरंत हटा लें। साथ ही आसपास की सफाई का भी विशेष रूप से ध्यान रखें।
पूजा घर में हमेशा हम सभी देवी-देवताओं की प्रतिमा या तस्वीर रखते हैं। आपके पूजा स्थल पर जो मेन मूर्ति है, उसकी दिशा मेन एंट्रेंस के सामने नहीं होनी चाहिए।
पूजा घर बनवाते वक्त उसकी दीवारों के रंग का चयन थोड़ा सोच-समझकर ही करें। सफेद या पीले पत्थरों से बने मंदिर भी सही रहेंगे। वहीं अगर दीवार के रंग का चयन करना हो तो आप हमेशा सफेद, हल्के पीले या फिर हल्के नीले रंग को ही चुनें।
अपने पूजा घर के दरवाजों की दिशा का भी ध्यान रखिए। पूजा घर बनवाते वक्त कोशिश करें कि दरवाजे उत्तर और पूर्व दिशा की ओर ही हो। डिस्क्लेमर- (इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।)