भीलवाड़ा में लेपर्ड का कहर 8 लोगों पर हमला, मासूम की पीठ फाड़ी, बुजुर्ग की आंख नोची
भीलवाड़ा जिले के आसींद क्षेत्र में सोमवार को एक लेपर्ड (तेंदुआ) ने आतंक मचा दिया। करीब 2 किलोमीटर के दायरे में दौड़ते हुए उसने 8 लोगों को अपना शिकार बना डाला। हमले में एक 12 वर्षीय बच्चा गंभीर रूप से घायल हुआ है, वहीं एक बुजुर्ग की आंख नोच ली गई।

भीलवाड़ा जिले के आसींद क्षेत्र में सोमवार को एक लेपर्ड (तेंदुआ) ने आतंक मचा दिया। करीब 2 किलोमीटर के दायरे में दौड़ते हुए उसने 8 लोगों को अपना शिकार बना डाला। हमले में एक 12 वर्षीय बच्चा गंभीर रूप से घायल हुआ है, वहीं एक बुजुर्ग की आंख नोच ली गई। कई महिलाओं पर घर में घुसकर हमला किया गया। पूरे इलाके में दहशत का माहौल है।
लेपर्ड का पहला हमला नूवालिया गांव के सोनू भील के बेटे राजवीर (12) पर हुआ। सुबह करीब 10 बजे वह खेत में बकरियां चरा रहा था, तभी झाड़ियों से निकले लेपर्ड ने उसकी पीठ, गर्दन और शरीर के अन्य हिस्सों पर पंजे मारते हुए गंभीर रूप से घायल कर दिया। शोर मचाने पर सोनू भील और अन्य ग्रामीणों ने लाठियों व पत्थरों से उसे भगाया। राजवीर को पहले आसींद और फिर गंभीर हालत में जिला अस्पताल रेफर किया गया।
इसके बाद लेपर्ड ने थारेला गांव के 60 वर्षीय नेनु भील पर हमला कर उनकी आंख नोच ली। उनके सिर पर भी गहरे घाव हुए हैं। इसी दौरान नूवालिया गांव की पानी देवी बलाई पर भी हमला किया गया। दोनों को प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल भेजा गया।
हमलों का सिलसिला यहीं नहीं रुका। करीब दोपहर 2 बजे लेपर्ड ने नूवालिया गांव में एक घर में घुसकर लीलादेवी और प्रेमदेवी पर हमला कर दिया। प्रेमदेवी पर पीछे से सिर पर वार किया गया। चीख-पुकार सुनकर परिजनों ने शोर मचाया, जिससे वह भाग गया। दोनों महिलाएं दौलतगढ़ के PHC में भर्ती हैं।
कुछ देर बाद लेपर्ड मानाबा का खेड़ा गांव पहुंचा और तीन और लोगों पर हमला कर दिया। इसके बाद वह कूपाराम पुत्र रूपालाल के घर में घुस गया। परिवार के सदस्य जान बचाकर कमरे में बंद हो गए। लेपर्ड घर में इधर-उधर टहलता रहा। इस बीच जब एक ग्रामीण ने उसका वीडियो बनाना चाहा, तो उसने झपटने की कोशिश भी की।
सूचना पर पहुंची वन विभाग की टीम ने समझदारी से काम लेते हुए लेपर्ड को घर के बाथरूम में बंद कर दिया। फिलहाल उसे पकड़ने के लिए उदयपुर से विशेषज्ञों की टीम बुलाई गई है। वहीं इलाके में सुरक्षा के लिहाज से पिंजरे भी लगाए गए हैं।
वनपाल नंदलाल गुर्जर ने बताया कि दौलतगढ़ क्षेत्र में फैले ग्रेनाइट के मलबे लेपर्ड के ठिकाने बन चुके हैं। वह लंबे समय से मवेशियों का शिकार कर रहा था, लेकिन इंसानों पर पहली बार इस तरह का बड़ा हमला हुआ है।
गांवों में दहशत है, लोग खेतों में जाने से डर रहे हैं और भारी संख्या में ग्रामीण घटनास्थल पर जुटे हुए हैं। वन विभाग द्वारा रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है और लेपर्ड को सुरक्षित पकड़ने की कोशिशें की जा रही हैं
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