इम्तिहान से पहले ही मालूम थे सवाल ... SOG ने दबोचा ट्रेनी SI
स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने राजस्थान पुलिस में सब इंस्पेक्टर (एसआई) भर्ती परीक्षा का पेपर लीक मामला अब पुलिस सिस्टम की आंतरिक परतों को बेनकाब करता नजर आ रहा है। एसओजी ने शनिवार को इस केस में बड़ा एक्शन लेते हुए

स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने
राजस्थान पुलिस में सब इंस्पेक्टर (एसआई) भर्ती परीक्षा का पेपर लीक मामला अब पुलिस सिस्टम की आंतरिक परतों को बेनकाब करता नजर आ रहा है। एसओजी ने शनिवार को इस केस में बड़ा एक्शन लेते हुए राजस्थान पुलिस अकादमी (आरपीए) में ट्रेनिंग ले रहे एक ट्रेनी एसआई को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी एक साधारण कड़ी नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम की साख पर सवाल है।
गिरफ्तार आरोपी की पहचान विजेंद्र कुमार जोशी (30) पुत्र मदन लाल निवासी बलारा, सीकर के रूप में हुई है। जोशी इस समय जयपुर स्थित आरपीए की इंटेलिजेंस ट्रेनिंग अकादमी में एसआई ट्रेनिंग में था। हैरानी की बात यह है कि जिस इंसान को कानून का रक्षक बनना था, वो खुद कानून की परीक्षा को धोखे से पार कर सिस्टम में दाखिल हो चुका था।
पहले ही बन चुकी थी संदिग्ध लिस्ट
एसओजी के एडीजी वीके सिंह के अनुसार, कुछ दिन पहले ही पेपर लीक मामले में तीन और आरोपियों—पुरुषोत्तम दाधीच (35), संदीप लाटा (42) और कुंदन पाण्ड्या (54)—को अरेस्ट किया गया था। पूछताछ में सामने आया कि इन्होंने कई उम्मीदवारों को परीक्षा से पहले पेपर मुहैया करवाया था। इन्हीं में से एक नाम ट्रेनी एसआई विजेंद्र कुमार जोशी का भी सामने आया।
पेपर पढ़कर बना पुलिस अफसर
एसओजी को मिले इनपुट के मुताबिक, जोशी ने एसआई भर्ती परीक्षा से पहले लीक पेपर पढ़ा था। उसकी सफलता इस बात का प्रमाण बन गई कि पूरे पेपर लीक नेटवर्क ने किस स्तर तक तंत्र को गुमराह किया है। ये केवल एक भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी नहीं है, बल्कि कानून के भविष्य कंधों को लाचारी के आधार पर गढ़ने की साजिश है।
गिरफ्तारी और रिमांड
एसओजी ने जोशी को शनिवार दोपहर कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे 9 जून तक दो दिन की रिमांड पर सौंपा गया है। सूत्रों के अनुसार, रिमांड के दौरान पूछताछ में पेपर लीक नेटवर्क से जुड़ी कई और अहम जानकारियां सामने आ सकती हैं। एसओजी इस मामले में अब उन अफसरों की भूमिका की भी जांच कर रही है, जो पेपर लीक से जुड़ी कड़ियों को जानते हुए भी खामोश रहे।
पहले भी कई एसआई गिरफ्तार
यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले एसआई रेनू, सुरेंद्र बगड़िया और सुरजीत को भी पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है। इन तीनों को भी परीक्षा से पहले लीक हुआ पेपर पढ़ाया गया था, और इसमें कनेक्शन फिर से दाधीच, लाटा और पाण्ड्या के साथ जुड़ता है। अब यह पूरा गिरोह धीरे-धीरे बेनकाब होता जा रहा है।
एसओजी की कार्रवाई से सवाल
इस पूरे घटनाक्रम ने राजस्थान पुलिस की भर्ती प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या वाकई उम्मीदवारों की योग्यता की जांच ठीक से हो रही है? क्या भविष्य में ऐसे ट्रेनी अफसर समाज की सुरक्षा की जिम्मेदारी निभा पाएंगे? एसओजी की जांच भले ही तेज हो, लेकिन ये भी साफ है कि सिस्टम के अंदर तक फैला यह फर्जीवाड़ा सिर्फ गिरफ्तारी से नहीं रुकेगा।
अब निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि रिमांड के दौरान विजेंद्र जोशी किन बड़े नामों को सामने लाता है और क्या वाकई पुलिस विभाग खुद को भीतर से साफ करने का साहस दिखा पाएगा?
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