ईरान-इजराइल संघर्ष से इराक में फंसे यूपी के 27 लोग, क्यों वापसी पर मंडराया खतरा?
इजराइल से युद्ध के बीच यूपी के 27 लोगों का काफिला इराक में फंस गया है। 24 जून को तेहरान एयरपोर्ट से इनकी वापसी पर खतरा मंडराने लगा है। इसका कारण इजरायल-ईरान संघर्ष के चलते रूट बंद होना है। इससे बीच रास्ते में सफर रुक गया है।

ईरान-इजरायल के बीच बढ़ते तनाव के बीच भारत सरकार ने अपने नागरिकों को सुरक्षित निकालने की प्रक्रिया तेज कर दी है। विदेश मंत्रालय ने ईरान में रह रहे भारतीय नागरिकों की सूची व विवरण जुटाना शुरू कर दिया है। इसके साथ ही राज्य सरकारों को भी सतर्क करते हुए एडवाइजरी जारी की गई है। इस घटनाक्रम के चलते नौगावां सादात और अमरोहा में भी चिंता बढ़ गई है। यहां से ईरान, इराक और सीरिया की ज़ियारत को गए 27 लोगों का काफिला इस समय इराक में फंसा हुआ है। 24 जून को इनकी वापसी तेहरान एयरपोर्ट से प्रस्तावित थी, लेकिन ईरान में हालात बिगड़ने और कुछ रास्तों के बंद हो जाने से उनका सफर अधर में लटक गया है। ईरान में प्रवेश संभव न होने के कारण इन लोगों को ईराक के नजफ शहर में रुकना पड़ा है।
हर साल नौगावां सादात से कई जायरीन ईद-उल-अजहा और ईद-ए-गदीर के मौके पर काफिलों में शामिल होकर ईरान, इराक और सीरिया जाते हैं। इस बार भी अली अब्बास, उनकी पत्नी नसरीन और बेटा अमान के अलावा मजहर अब्बास, इमरान हैदर, फरहान, निसार हैदर सहित 27 लोग ज़ियारत के इरादे से रवाना हुए थे। लेकिन युद्ध के हालात ने इनकी वापसी को संकट में डाल दिया है। इनके परिजन घर पर इनकी सलामती और सुरक्षित वापसी के लिए लगातार दुआ कर रहे हैं।
शारजह या कुवैत से वापसी को लेकर तेज की कोशिश
नौगावां सादात। ईरान और इजरायल के बीच हालात बेहद तनावपूर्ण बने हुए हैं, जिनके हाल-फिलहाल में सुधरने की कोई उम्मीद दूर-दूर तक नजर नहीं आ रही है। ऐसे में इन लोगों की 24 जून को ईरान के तेहरान एयरपोर्ट से वापसी भी मुश्किल से होती दिख रही है। हिन्दुस्तान से बातचीत में अली अब्बास ने बताया कि एक-दो दिन का इंतजार कर रहे हैं इसके बाद ईरान से टिकट कैंसिल कराकर शारजाह या कुवैत के रास्ते वापस आने की कोशिश करेंगे।
शीराज से कुम शिफ्ट किए गए एमबीबीएस करने ईरान गए छात्र
नौगावां सादात। बस्ती के मोहल्ला दौलत शहीद निवासी मोहम्मद हैदर का बेटा साकी कौसर, मोहल्ला फकरपूरा निवासी फरमान अहमद का बेटा समून तथा मोहल्ला शाह फरीद निवासी अफजाल हैदर की बेटी हुदा जहरा एमबीबीएस की पढ़ाई करने के लिए ईरान गए हुए हैं। तीनों शीराज शहर की एक यूनिवर्सिटी से मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं। शीराज शहर इजरायल फौज के निशाने पर है लिहाजा ईरान सरकार ने छात्र-छात्राओं को कुम शहर में शिफ्ट कर दिया है। जिनकी सुरक्षा को लेकर परिजन फिक्रमंद हैं। उनका कहना है कि जल्दी हालात नहीं सुधरते हैं तो भारतीय दूतावास से संपर्क करते हुए बच्चों को भारत वापस बुला लेंगे।
24 घंटे पहले शहर लौटे कई परिवार
अमरोहा। शहर के मोहल्ला सद्दो निवासी डा.सादिक अपनी पत्नी फारेहा नकवी और बच्चों के साथ ज्यारत को गए हुए थे जो सोमवार को ईराक से ही शहर लौट आए हैं। इसके अलावा भी कई अन्य लोगों ने बीते 24 घंटे के भीतर घर वापसी की है। ईरान में हालात तनावपूर्ण होने की वजह से ये लोग ईराक से फ्लाइट पकड़कर लौट आए हैं। वहीं, मोहल्ला कटरा गुलाम अली निवासी फाजिल नकवी भी टूरिस्ट वीजा से परिवार संग ईराक-ईरान के सफर गए हुए हैं जो फिलहाल ईराक में हैं।
इराक जाना जरूरी, सीरिया व शाम जाने पर पाबंदी
अमरोहा। शिया समुदाय में इमामों के रोजों के अलावा कर्बला का अपना एक अलग ही मुकाम है। हर साल इन मुकद्दस जगहों की ज्यारत के लिए देश से बड़ी तादाद में शिया समुदाय के लोग इस पाक सफर पर जाते हैं। ईद-उल-अजहा और जश्ने ईद-ए-गदीर से पहले बाकायदा काफिले बनाकर लोग ज्यारत के लिए निकलते हैं। हालांकि, फिलहाल सीरिया और शाम की सरकार ने ज्यारत पर पाबंदी लगा रखी है लेकिन ईराक और ईरान के रास्ते खुले हुए हैं। सीरिया और शाम नहीं जाने पर ये सभी लोग ईरान में इमाम अली रजा के रोजे की ज्यारत का इरादा करकर निकले थे लेकिन बीच सफर में इजरायल-ईरान में शुरू हुई जंग ने इन्हें वापस घर लौटने पर मजबूर कर दिया है।