अहिंसा बौद्ध धर्म का है मूल सिद्धांत: डॉ आलोक
Ambedkar-nagar News - अम्बेडकरनगर के बीएनकेबी पीजी कालेज में बुद्ध-पथ-प्रदीप कार्यशाला का समापन हुआ। इस कार्यक्रम में बौद्ध धर्म के सिद्धांतों जैसे अहिंसा और शांति पर जोर दिया गया। सहायक आचार्य डॉ आलोक ने कहा कि सभी...

अम्बेडकरनगर, संवाददाता। नगर के बीएनकेबी पीजी कालेज में अंतरराष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान लखनऊ संस्कृति विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित सात दिवसीय बुद्ध-पथ-प्रदीप कार्यशाला समापन लेफ्टिनेंट डॉ. विवेक तिवारी के संचालन में हुआ। सात दिवसीय कार्यक्रम के अन्तिम दिन दीप प्रज्वलन व बुद्ध वंदना के साथ शुरूआत हुई। सहायक आचार्य डॉ आलोक ने कहा कि बौद्ध धर्म में अहिंसा, शांति और विश्व समुदाय के सिद्धांत गहराई से जुड़े हुए हैं। अहिंसा बौद्ध धर्म का मूल सिद्धांत है कि सभी प्राणियों के प्रति करुणा और अहिंसा बरती जाए। यह न केवल शारीरिक हिंसा से बचने बल्कि मन और वचन से भी दूसरों को नुकसान न पहुंचाने पर जोर देता है।
पंचशील में पहला शील प्राणातिपात से विरति यानि जीव-हिंसा से बचना है। बौद्ध धर्म आंतरिक और बाह्यशांति को बढ़ावा देता है। महात्मा बुद्ध की शिक्षाएं जिसमें द्वेष को प्रेम से जीता जाता है और धम्मपद शांति की नींव रखती हैं। कार्यशाला संयोजक डॉ शशांक मिश्र ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि सब प्राणी सुखी हों। पर्यावरण संकट, सामाजिक असमानता और सांस्कृतिक विभाजन के दौर में वैश्विक एकता को प्रोत्साहित करती है। इससे पहले योग-प्राणायाम प्रशिक्षक दानिश रिजवी, पालि भाषा प्रशिक्षण सत्र में हिमांशु सिंह और बौद्धिक सत्र में महाविद्यालय के बीएड विभाग के सहायक आचार्य डॉ आलोक कुमार तिवारी ने 'बौद्ध दर्शन, विश्वशांति, अहिंसा और वैश्विक समुदाय विषय पर विचार रखे।
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