Ghazal Evening Poetry and Tea Unite in a Spectacular Gathering शायरों ने महफिल में कलाम पेश कर बांधा समां, Amroha Hindi News - Hindustan
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शायरों ने महफिल में कलाम पेश कर बांधा समां

Amroha News - अमरोहा। बज्मे अदब के संयोजन में चाय और शायरी के उन्वान से गजल की महफिल का आयोजन किया गया। शायरों ने बेहतरीन कलाम पेश कर समा बांध दिया। सोमवार रात शहर

Newswrap हिन्दुस्तान, अमरोहाWed, 14 May 2025 04:16 AM
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शायरों ने महफिल में कलाम पेश कर बांधा समां

बज्मे अदब के संयोजन में चाय और शायरी के उन्वान से गजल की महफिल का आयोजन किया गया। शायरों ने बेहतरीन कलाम पेश कर समा बांध दिया। सोमवार रात शहर में सजी महफिल की अध्यक्षता जीशान अहमद शौक व संचालन शाह फजल अहमद ने किया। जीशान शौक ने कहा...अब तो आ जा के मेरे सांस भी कम होने लगे, तेरे बीमार पे यासीन के दम होने लगे। डा.नासिर अमरोहवी यूं नमूदार हुए...सारे आलम की खैर हो या रब सारी दुनिया में अम्न कायम हो। अनीस अमरोहवी ने पढ़ा...अब आस्तीं से फन को निकले हुए है देख, पहले ही मैंने टोका था ऐसे न पाल लोग।

शाह फजल ने कहा पहले ही देख लिया तुझ पे भरोसा करके, अब कभी तेरे इशारे में नहीं आएंगे। मोहम्मद कासिम ने कहा...उन्हें भी चैन का लम्हा नसीब हो न सका, जो कह रहे थे के जीना हराम कर देंगे। महफिल में इनके अलावा ताजदार अमरोहवी, मकारिम अली, माइल आफंदी, गुलरेज अब्बासी, मेहरबान अमरोहवी, कौनेन असगर व इकरार अमरोहवी अपना कलाम पेश किया। आखिर में कन्वीनर कासिम अमरोहवी ने सभी का शुक्रिया अदा किया।

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