पंद्रह दिन से थायराइड की जांच ठप, मरीज परेशान
Azamgarh News - आजमगढ़ के मंडलीय अस्पताल में थायराइड की जांच के लिए जरूरी रसायन की कमी के कारण पिछले एक पखवाड़े से जांच रुकी हुई है। मरीजों को निजी अस्पतालों में जाकर जांच करानी पड़ रही है, जिससे उन्हें अतिरिक्त खर्च...

आजमगढ़, संवाददाता। मंडलीय अस्पताल में जरूरी रसायन के अभाव में थायराइड की जांच पखवारे भर से ठप पड़ी है। इससे मरीजों की परेशानी बढ़ गई है। उन्हें निजी अस्पतालों में जांच करानी पड़ रही है। मंडलीय अस्पताल में प्रतिदिन करीब 1200 मरीजों का ओपीडी में इलाज होता है। इसके साथ ही 325 बेडों पर मरीज भर्ती किए जाते हैं। अस्पताल में प्रतिदिन 200 से 250 लोगों की जांच की जाती है। इनमें करीब 40 से 50 मरीजों को थायराइड की जांच कराने की सलाह दी जाती है। इन दिनों डॉक्टर का पर्चा लेकर पैथालॉजी में पहुंचने वाले मरीजों को भटकना पड़ रहा है।
उन्हें यह कहकर लौटा दिया जा रहा है कि थायराइड की जांच नहीं हो रही है। ऐसे में परेशान मरीजों को बाहर निजी पैथालॉजी में 500 रुपये खर्च कर जांच करानी पड़ रही है। मंडलीय अस्पताल के पैथालॉजी की मशीन में कोई दिक्कत नहीं है। जांच करने वाला रसायन खत्म हो गया है, जिससे समस्या आ रही है। पैथालॉजी की तरफ से अस्पताल के उच्च अधिकारियों को इस संबंध में अवगत करा दिया गया है। बजट के अभाव में पैथॉलाजी की जांच प्रभावित हो रही है। इसकी जांच शुरू होने में अभी समय लग सकता है। तीन लाख रुपये है एक महीने का पैथालॉजी का बजट मंडलीय अस्पताल की पैथालॉजी का एक माह का बजट तीन लाख रुपये का है। एक साल में तीन करोड़ रुपये से अधिक खर्च होते हैं। महाकुंभ के बाद से अस्पताल की पैथालॉजी को बजट नहीं मिला है। जिससे यहां जांच के आवश्यक रसायनों की कमी हो गई है। जिससे थायराइड के साथ ही अन्य जांचें प्रभावित हो रही हैं। विभाग ने शासन से बजट की मांग की है। इन जांचों की है सुविधा मंडलीय अस्पताल की पैथालॉजी में हिमोग्लोबीन, सीबीसी, एसईएल, एलफटी, केएफटी, आर्थो प्रेफाइल, विटामिन सहित कई प्रकार की जांच सुविधाएं उपलब्ध हैं। यहां पर आधुनिक आटोमैटिक मशीन से जांच की जाती है। जांच प्रक्रिया पूरी होने पर मरीज के मोबाइल नंबर पर मैसेज जाता है। मैसेज मिलने पर जांच रिपोर्ट के लिए अस्पताल आने की जरूरत नहीं पड़ती है। कहीं से भी जांच रिपोर्ट डाउनलोड की जा सकती है। कुछ जांचों की किट खत्म हो गई थी। जिससे जांच प्रभावित थी। अब पर्याप्त मात्रा में किट आ गई है। जल्द ही जांच की सुविधा मिलने लगेगी। कभी-कभी शासन से बजट की समस्या आ जाती है। डॉ. ओपी सिंह, एसआईसी, मंडलीय अस्पताल
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