जिले में 29 हजार छात्र हुए उत्तीर्ण,महाविद्यालयों में सिर्फ 15 हजार सीटें
Bahraich News - उत्तर प्रदेश में इंटरमीडिएट परीक्षा के बेहतर परिणामों के बाद, 29 हजार विद्यार्थी स्नातक स्तर पर प्रवेश के लिए तैयार हैं। जिले में केवल 15 हजार सीटें उपलब्ध हैं, जिससे लगभग 14 हजार विद्यार्थियों को...

बेहतर रिजल्ट के बाद अब स्नातक स्तर में प्रवेश के लिए मचेगी मारामारी -बीए, बीकॉम, बीएससी संग प्रोफेशनल कोर्स की ओर भी विद्यार्थियों का बढ़ रहा रुझान -एडमीशन को लेकर इस बार भी परीक्षार्थियों को प्रवेश के लिए भटकना पड़ सकता है फैक्ट फाइल - 29 हजार विद्यार्थी विभिन्न बोर्ड परीक्षाओं में हुए उत्तीर्ण - 45 महाविद्यालयों का हो रहा जिले में संचालन - 15 हजार स्नातक में सीटें - 14 हजार विद्यार्थियों के प्रवेश की होगी चुनौती - 03 अर्द्धसरकारी महाविद्यालयों का ही संचालन बहराइच, संवाददाता। यूपी बोर्ड, सीबीएसई व आईसीएसई बोर्ड के इंटरमीडिएट परीक्षा के बेहतर परिणाम आए हैं।
विभिन्न बोर्ड परीक्षाओं में लगभग 29 हजार परीक्षार्थी 12वीं समकक्ष परीक्षाओं में उत्तीर्ण हुए हैं, जिन्हें महाविद्यालयों में स्नातक स्तर की शिक्षा के लिए प्रवेश लेना होगा। लेकिन जिले में संचालित महाविद्यालयों में सिर्फ 15 हजार छात्रों के स्नातक स्तर की कक्षाओं में प्रवेश की सीटें निर्धारित हैं। ऐसे में 50 फीसद के करीब छात्रों को प्रवेश के लिए भटकना पड़ सकता है। इंटरमीडिएट के सभी बोर्ड के नतीजे घोषित हो चुके हैं। जिले में यूपी बोर्ड के करीब 20 हजार परीक्षार्थी इंटर की परीक्षा में उत्तीर्ण हुए हैं। इसका 80.11 फीसदी रिजल्ट रहा है। जबकि सीबीएसई, आईसीएसई में 09 हजार परीक्षार्थी पासआउट हुए हैं। इस प्रकार यदि देखा जाए, तो सभी बोर्डों के इंटर की परीक्षा पास करने वाले परीक्षार्थी अब डिग्री कॉलेजों में प्रवेश की तैयारी में जुटे हैं। इस बार बीए, बीकॉम, बीएससी में प्रवेश के साथ ही प्रोफेशनल कोर्स की ओर भी परीक्षार्थियों का रुझान बढ़ा है। जिले में किसान पीजी कॉलेज सबसे बड़ा महाविद्यालय है। यहां लगभग 5000 सीटें हैं। दूसरे नंबर पर महिला पीजी कॉलेज है। यहां लगभग 1500 सीटे हैं। इसके बाद जिले के अन्य महाविद्यालय जहां 6500 सीटों को छोड़कर शेष 43 डिग्री कॉलेजों में सीटें उपलब्ध हैं। मालूम हो कि इस बार सभी बोर्डों में 29 हजार परीक्षार्थी पास हुए हैं, जबकि 45 महाविद्यालयों में सीटें 15 हजार हैं। इन सभी कालेजों में प्रवेश को लेकर हर साल मारामारी की स्थिति रहती है। इस बार भी प्रवेश को लेकर समस्या रहेगी, क्योंकि पिछले कई साल से सीटें नहीं बढ़ी हैं और हर साल रिजल्ट प्रतिशत बढ़ता जा रहा है। जिले के अधिकांश स्टूडेंट्स की इच्छा राजकीय और अनुदानित कॉलेज में प्रवेश लेने की होती है। क्योंकि निजी स्कूलों की भारी फीस वहन करना हर किसी के बस की बात नहीं है। अगर डिग्री कॉलेजों में सीटें नहीं बढ़ी तो इस बार काफी परीक्षार्थियों को प्रवेश के लिए भटकना पड़ सकता है। नीट और इंजीनियरिंग में बना सकते हैं बेहतर कैरियर किसान पीजी कॉजेज प्रबंध समिति के सचिव व शिक्षाविद मेजर डॉ.एसपी सिंह ने बताया कि नीट और इंजीनियरिंग दोनों में अच्छे करियर विकल्प हैं। उन्होंने कहा कि नीट के माध्यम से एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष (आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी) सहित विभिन्न मेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश मिलता है। इसके बाद आप डॉक्टर, सर्जन, दंत चिकित्सक, या अन्य मेडिकल पेशेवर बन सकते हैं। इंजीनियरिंग के माध्यम से विविध करियर विकल्प उपलब्ध हैं। इस क्षेत्र में सिविल इंजीनियरिंग, कंप्यूटर इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, और रासायनिक इंजीनियरिंग। इंजीनियरिंग में नौकरी करने के लिए आपको विभिन्न क्षेत्रों में काम करने का अवसर मिलता है, जैसे कि निर्माण, सॉफ्टवेयर विकास, ऊर्जा उत्पादन में विभिन्न तकनीकी क्षेत्रों में विशेषज्ञ बन सकते हैं। ये दोनों ही रास्ते आपको उच्च शिक्षा और पेशेवर अवसरों का मार्ग प्रदान करते हैं। इसके अलावा कॉमर्श की पढ़ाई कर बैंकों में अच्छा अवसर प्राप्त कर सकते हैं। इस क्षेत्र में सीए का भी बेहतर अवसर मिल सकता है। इसके साथ ही प्राइवेट लेबल पर जीएसटी, इनकम टैक्स आदि का विकल्प चुन सकते हैं। बीएससी में मैथ और फिजिक्स की पढ़ाई कर अच्छा करियर बनाया जा सकता है। इसमें नासा, इसरो में वैज्ञानिक बनने से लेकर बड़ी-बड़ी कंपनियों में जाने का मौका हो सकता है। कहा कि कैरियर आपकी रुचियों, क्षमताओं और लक्ष्यों पर निर्भर करता है।
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