चचेरे भाइयों का अपहरण कर हत्या करने में दिल्ली पुलिस के सिपाही को भाई समेत उम्रकैद
Bulandsehar News - 2022 में सलेमपुर क्षेत्र में दो चचेरे भाइयों की हत्या के मामले में, विशेष न्यायाधीश ने दिल्ली पुलिस के सिपाही तुषार शर्मा और उसके भाई को उम्रकैद की सजा सुनाई है। दोनों ने एक बाल अपचारी के साथ मिलकर...

वर्ष 2022 में सलेमपुर क्षेत्र में दो चचेरे भाइयों को अगवा कर उनकी हत्या करने के मामले में विशेष न्यायाधीश (आवश्यक वस्तु अधिनियम)/अपर सत्र न्यायाधीश न्याय कक्ष संख्या-14 के न्यायाधीश धीरेंद्र कुमार तृतीय ने दिल्ली पुलिस के सिपाही को भाई समेत उम्रकैद की सजा सुनाई है। दोनों अभियुक्तों ने एक बाल अपचारी के साथ मिलकर दोनों चचेरे भाइयों की हत्या कर उसकी गर्दन काटकर गंगा में बहा दी थी, जबकि धड़ों को संभल क्षेत्र में अलग-अलग स्थानों पर फेंक दिया था। न्यायाधीश ने दोनों अभियुक्तों पर 1.45-1.45 लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। बुधवार को एडीजीसी योगेश शर्मा एवं आशुतोष सिंह ने बताया कि 2 अक्तूबर 2022 को थाना सलेमपुर के गांव कैलावन निवासी नरेश पुत्र लक्ष्मण सिंह ने तहरीर दी थी, जिसमें उन्होंने बताया था कि 1 अक्तूबर 2022 की रात को उसका पुत्र भूपेंद्र कुमार उर्फ गोलू एवं भतीजा जगदीश उर्फ भूरा गांव कैलावन में मां काली की शोभायात्रा देखने गए थे।
इसके बाद से उनका कहीं अता-पता नहीं है। थाना पुलिस द्वारा जांच शुरू कर दी गई। उसी रात को संभल के थाना रजपुरा क्षेत्र के गांव भोपतपुर में गला कटा हुआ शव बरामद हुआ। बाद में उक्त शव की शिनाख्त जगदीश उर्फ भूरा के रूप में हुई। 4 अक्तूबर को थाना पुलिस ने एक बाल अपचारी एवं दीपांशु उर्फ दुर्गेश को गिरफ्तार कर उनकी निशानदेही पर संभल क्षेत्र से ही अनूपशहर रोड से मृतक भूपेंद्र उर्फ गोलू का सिर कटा शव बरामद कर लिया। पुलिस की पूछताछ में पता चला कि बाल अपचारी, आरोपी दीपांशु उर्फ दुर्गेश एवं उसके भाई तुषार उर्फ गोलू पुत्र स्व.किशनगोपाल निवासी गांव कैलावन के साथ मिलकर दोनों युवकों को घर से बुलाकर ले गए थे। तुषार उर्फ गोलू दिल्ली पुलिस में सिपाही पद पर कार्यरत था और छुट्टी पर घर आया हुआ था। आरोपियों द्वारा दोनों की हत्या कर गर्दन काटकर गंगा में फेंक दी और धड़ों को अलग-अलग स्थानों पर डाल दिया था। पुलिस ने जांच कर न्यायालय में बाल अपचारी, दोनों आरोपी सगे भाइयों और उनकी मां लता के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर दिया। बाल अपचारी की पत्रावली पृथक कर दी गई, जिसका मामला वर्तमान में किशोर न्यायालय में विचाराधीन है। उधर, विशेष न्यायाधीश(आवश्यक वस्तु अधिनियम)/अपर सत्र न्यायाधीश न्याय कक्ष संख्या-14 के न्यायाधीश धीरेंद्र कुमार तृतीय ने गवाहों के बयान, साक्ष्यों का अवलोकन और दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की दलीलों को सुनकर आरोपी दुर्गेश उर्फ दीपांशु एवं उसके भाई तुषार शर्मा उर्फ गोलू को दोषी करार दिया। न्यायाधीश ने अभियुक्तों को उम्रकैद और 1.45-1.45 लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। अभियुक्तों की मां को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया गया है। सिपाही दिल्ली के हजतरंज थाना में तैनात एडीजीसी योगेश शर्मा ने बताया कि दोषी सिपाही दिल्ली के हजरतगंज थान में तैनात है। वहीं से न्यायालय में तारीख करने आता था। बुधवार को उम्रकैद की सजा सुनाए जाने के बाद दोषी सिपाही तुषार शर्मा उर्फ गोलू को न्यायिक हिरासत में जिला कारागार बुलंदशहर भेज दिया गया है।
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