संभल के मंदिर पर भी चला प्रशासन का बुलडोजर, विधि-विधान के साथ दूसरी जगह शिफ्ट हुईं मूर्तियां
संभल में अब प्रशासन ने मंदिर पर भी बुलडोजर चलाया है। दरअसल अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान प्रशासन व पालिका समेत एनएचएआई की टीम ने मंगलवार को मुरादाबाद-आगरा नेशनल हाईवे पर इस्लामनगर चौराहा के निकट बना दशकों पुराना मंदिर ढहा दिया।

यूपी के संभल में अब प्रशासन ने मंदिर पर भी बुलडोजर चलाया है। दरअसल अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान प्रशासन व पालिका समेत एनएचएआई की टीम ने मंगलवार को मुरादाबाद-आगरा नेशनल हाईवे पर इसलामनगर चौराहा के निकट बना दशकों पुराना मंदिर ढहा दिया। वहीं मूर्तियों को विधि-विधान के साथ दूसरी जगह शिफ्ट कर दी गईं। कई साल से राष्ट्रीय राजमार्ग के चौड़ीकरण के दौरान भी मंदिर सड़क से नहीं हट सका था।
सोमवार को जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने भी सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में हाईवे को अतिक्रमण मुक्त कराते हुए मंदिर को दूसरी जगह शिफ्ट करने के निर्देश दिए थे। इस पर प्रशासन से पूरे विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना कर मंदिर की मूर्तियों को इसलामनगर चौराहा स्थित गांधी चौक पर बने नए मंदिर में शिफ्ट किया। वहीं, पीपल के पेड़ को भी सड़क से हटाने के निर्देश दिए गए। मंगलवार को एसडीएम चंदौसी विनय कुमार मिश्रा पालिका की टीम के साथ इसलामनगर चौराहा पर पहुंचे और नेशनल हाईवे की एक लेन पर बीच में आ रहे दशकों पुराने मंदिर में पूजा-अर्चना की। पूरे विधि-विधान से आचार्य के साथ मंदिर में रखीं भगवान की प्रतिमाओं को गांधी चौक में बने नए मंदिर में शिफ्ट करने का काम शुरू हुआ।
भगवान की प्रतिमाएं दूसरे मंदिर में रखने के बाद पालिका की टीम ने सड़क के बीच में आ रहे मंदिर के ढांचे को जेसीबी की मदद से ढहा दिया। इस दौरान लोगों की भारी भीड़ लगी रही। एसडीएम ने मंदिर के मलबे को साफ कराते हुए एनएसएआई के अधिकारियों को सड़क ठीक करने के निर्देश दिए गए। इस दौरान सीओ यातायात डॉ. प्रदीप कुमार समेत स्थानीय पुलिस, पीएसी, यातायात पुलिस तथा आरआरएफ के जवान मौजूद रहे।
12 दुकानों पर भी चला बुलडोजर
इस्लामनगर चौराहा पर प्रशासन की जेसीबी जमकर गरजी और कई दशकों पहले चौराहा पर स्थित सरकारी जमीन पर कब्जा कर बनाई गईं करीब 12 दुकानों को कब्जा मुक्त कराते हुए जेसीबी से ध्वस्त कराया गया। अतिक्रमण पर प्रशासन की जेसीबी गरजी तो लोगों में हड़कंप मच गया। जिन कब्जों को प्रशासन द्वारा हटाया गया है, इन्हें पहले हटाने का अल्टीमेटम दिया गया था, लेकिन इसके बाद भी कब्जे नहीं हटाए गए। प्रशासन की सख्ती के चलते लोग खुद ही अपनी दुकानों व मकानों के बाहर अतिक्रमण ध्वस्त करते नजर आए।