मिट्टी का टीला धंसने से किशोरी की मौत
Farrukhabad-kannauj News - कमालगंज, संवाददाता। मिट्टी का टीला धंसने से किशोरी की मौत हो गयी। जबकि उसकी
कमालगंज, संवाददाता। मिट्टी का टीला धंसने से किशोरी की मौत हो गयी। जबकि उसकी चचेरी बहन गंभीर रूप से घायल हो गयी। ग्रामीणों ने कड़ी मशक्क्त के बाद बाहर निकाला। घटना से परिवार में कोहराम मच गया। घटना को देखते हुये पुलिस की टीम ने जांच पड़ताल की। तलैया नगला निवासी रामधनी जाटव की 14 वर्षीय बेटी नन्हीं अपनी चचेरी बहन गोल्डी व पास के ही एक दर्जन से अधिक बच्चों के साथ सदरियापुर गांव के निकट पूर्वी ओर सूखे नाले से मिट्टी खोदने के लिए मंगलवार की सुबह घर से गयी हुयी थी। दोपहर 12:30 बजे के बाद मक्के के खेत में पानी लगा रहे ग्रामीणों ने बच्चों के रोने की आवाज सुनी।
इस पर प्रमोद राठौर दौड़कर उस ओर पहुंचे तो देखा दो बच्चे इसमें दबे हुये हैं। इस पर उन्होंने शोर शराबा किया। आस पास के अन्य ग्रामीण भी आ गये। मिट्टी में दबे दोनों बच्चों को निकालने के लिए ग्रामीणो ने कड़ी मशक्कत की। करीब 45 मिनट की मशक्कत के बाद ग्रामीणों ने दोनों बालिकाओं को गंभीर अवस्था में बाहर निकाला। इस बीच मौके पर अन्य ग्रामीण भी पहुंच गये थे। ग्रामीण दोनो को इलाज के लिए सीएचसी लेकर आये। जहां डॉक्टर ने नन्हीं को मृत घोषित कर दिया जबकि गोल्डी को इलाज के लिए भर्ती कर लिया। उसकी भी हालत गंभीर बनी हुयी है। घटना की जानकारी थाना पुलिस को दी गयी। प्रभारी सीओ ऐश्वर्या उपाध्याय, थाने के प्रभारी निरीक्षक राजीव कुमार पुलिस बल के साथ अस्पताल पहुंचे। घटना को लेकर परिजनों से जानकारी की। इसके बाद पुलिस की टीम ने मौके पर जाकर भी स्थिति को देखा। नन्हीं के शव को पुलिस ने कब्जे में ले लिया। गोल्डी की हालत गंभीर बनी हुयी है। उसे इलाज के लिए लोहिया अस्पताल रेफर किया गया है। टीला गिरते ही डर गये थे बच्चे कमालगंज। घर की पुताई के लिए बच्चे सूखे नाले के टीले से मिट्टी लेने के लिए सुबह बड़े हसी खुशी के साथ निकले थे। खुदाई करते समय जब नन्ही और गोल्डी मिट्टी में दबी तो ऐसे में साथ गये एक दर्जन बच्चे भाग गये। खेत पर काम कर रहे किसानों को जब बच्चों के रोने की आवाज सुनायी दी तो किसान दौड़े। कड़ी मशक्कत के बाद दबे बच्चों को बाहर निकाला।खुदाई करते समय तीन फावड़े भी टूट गये। गर्मी काफी थी ऐसे में ग्रामीणो को बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। ग्रामीणों ने हिम्मत करके मिट्टी में दबे बच्चो को बाहर निकाला। नन्ही उर्फ गुरमीता की मौत से परिजन दुखी है। मां मंजूदेवी का रो रोकर ब्ुरा हाल हो रहा है। पिता मजदूरी करते है। बहन सुमन, रुबीना, भाई सुमेत के अलावा परिवार के अन्य सदस्य परेशान हो रहे हैं। परिवार में ही प्रधानी है जिसने भी घटना को सुना वह मौके की ओर दौड़़ा। प्रधान प्रतिनिधि चाचा भी मौके पर पहुंच गये। बच्चे इस्से पहले भी कईबार मिट्टी ला चुके थे। इस तरह की उम्मीद नही थी कि बच्चे टीले मे दब जाएंगे। वहीं घायल गोल्डी की हालत को लेकर उसकी मां रानी देवी परेशान है।
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