शिवाजी ने स्वराज्य, स्वधर्म और स्वभाषा का कार्य किया
Gangapar News - फूलपुर। छत्रपति शिवाजी ने सैंकड़ों साल पहले स्वराज्य, स्वधर्म, स्वभाषा और स्वदेश के पुनरुत्थान के

छत्रपति शिवाजी ने सैंकड़ों साल पहले स्वराज्य, स्वधर्म, स्वभाषा और स्वदेश के पुनरुत्थान के लिए जो कार्य किया है, उसकी तुलना नहीं हो सकती। उनका राज्याभिषेक एक व्यक्ति को राजसिंहासन पर बिठाना, इतने तक सीमित नहीं था। वे उस जमाने में एक ऐेसे युगपुरुष थे, जिन्होंने विदेशी सल्तनत से खुद को अलग रखा और अपना स्वतंत्र राज्य निर्माण किया। वे मात्र एक व्यक्ति नहीं, वे एक विचार और एक युग प्रवर्तन के शिल्पकार थे। भारत एक सनातन देश है, यह हिंदुस्थान है यहां पर अपना राज होना चाहिए। उक्त बातें नगर पंचायत के श्रीहरिकृपा मंडपम में आरएसएस द्वारा आयोजित हिन्दू साम्राज्य दिनोत्सव में बतौर मुख्य वक्ता संघ के काशी प्रांत के सह महाविद्यालयीन विद्यार्थी प्रमुख डा.प्रमोद ने कहीं।
उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक, संपूर्ण हिंदूराष्ट्र के लिए एक संदेश था कि यह विजय का रास्ता है। इस पर चलो छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक का प्रयोजन ही यह था। व्यक्ति के रूप में सगुण आदर्श के नाते छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन का प्रत्येक अंश हमारे लिए दिग्दर्शक है। उस चरित्र की, उस नीति की, उस कुशलता की, उस उद्देश्य के पवित्रता की आज आवश्यकता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता नगर संघ चालक कृष्ण कुमार केसरी लालाजी और संचालन नगर कार्यवाह उमाचरण ने किया। मौके पर सह विभाग कार्यवाह बेचन सिंह, जिला प्रचार प्रमुख अनिरुद्ध विश्वकर्मा, सह जिला प्रचार प्रमुख जिज्ञनेश सिंह, शोभनाथ चौरसिया, धीरेन्द्र मौर्या, नगर पंचायत अध्यक्ष अमरनाथ यादव, गजानन पाण्डेय, सुभाष चंद्र, शशि मौर्या, रवि पाण्डेय, सुरेश विश्वकर्मा, उत्तम यादव आदि मौजूद रहे।
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