ग्रामीण बोले, काश टेला बिठौली मार्ग का हो जाता कायाकल्प
Gangapar News - हंडिया तहसील क्षेत्र में टेला रोड और बिठौली मार्ग की स्थिति बहुत खराब है। दोनों सड़कें कई वर्षों से टूट चुकी हैं और गड्ढे जानलेवा बन गए हैं। ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव में इन सड़कों की मरम्मत का मुद्दा...

हंडिया, हिन्दुस्तान संवाद। गुलशन में कलियां सिसकती रहीं और समुंदर में पानी बरसता रहा। यह कहावत हंडिया तहसील क्षेत्र के टेला रोड तथा बिठौली मार्ग पर सटीक बैठती हैं। यह दोनों प्राचीन सड़क नेशनल हाईवे से शुरू होकर एक दूसरे जनपदों से जोड़ती हैं। देखा जाए तो टेला रोड बरौत से वाया टेला आठ किलोमीटर जो मेजा तहसील तथा भदोही जनपद को जोड़ती है।
इसी तरह बिठौली सड़क है। बरौत से बिठौली की दूरी 12 किलोमीटर जो भदोही वाया जौनपुर जनपद को जोड़ती है किंतु इन दोनों मार्गों में नियमित चलने वाले हजारों की संख्या में राहगीर अपने गंतव्य तक पहुंचने में थकान महसूस करने लगते हैं। देखा जाए तो दोनों सड़क कई वर्षों से पूरी तरह टूट चुकी हैं। जगह-जगह बने गड्ढे जानलेवा साबित हो रहे हैं लेकिन मरम्मतीकरण नहीं हो रहा है। जबकि क्षेत्र की तमाम ऐसी सड़क है जिनका मरम्मतीकरण साल में जरूर हो जा रहा है। दोनों सड़कों के निर्माण कार्य का मुद्दा लोकसभा चुनाव में भी ग्रामीणों ने उठाया था जिस पर वर्तमान भाजपा सांसद ने भी आश्वासन दिया था जीत के बाद पहला काम होगा। दोनों सड़कों का दुर्दशा खत्म किया जाएगा। चुनाव जीते हुए वर्ष भर से ज्यादा हो गया किंतु सड़क की दशा आज भी वही है। ग्रामीणों का कहना है इस समय हंडिया विधानसभा पूरी तरह नेताविहीन को चली है जिसके चलते शासन का विकास वाले बजट का हिस्सा हंडिया में नहीं पहुंच रहा है।
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