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बालू निकासी पर रोक से दोगुना से अधिक हुआ भाव

Gangapar News - पक्का भवन बनाना हुआ मंहगामेजा। परानीपुर से लेकर मिर्जापुर के गोंगाव तक कछुआ सेंचूरी घोषित हो जाने से परानीपुर गंगाघाट से निकाली जाने वाली बालू पर रोंक

Newswrap हिन्दुस्तान, गंगापारSun, 15 June 2025 05:02 PM
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बालू निकासी पर रोक से दोगुना से अधिक हुआ भाव

परानीपुर से लेकर मिर्जापुर के गोंगाव तक कछुआ सेंचुरी घोषित हो जाने से परानीपुर गंगाघाट से निकाली जाने वाली बालू पर रोक लगा दी गई। कभी बालू के लिए मसहूर रहा तरहार क्षेत्र इस समय बालू के लिए तड़प रहा है। परानीपुर गंगाघाट से बालू की निकासी बंद कर दिए जाने से तरहार क्षेत्र के बारा, दशरथपुर, मिश्रपुर, पकरी सेवार, शंभूचक, तरवाई, बिजौरा, ऊंचडीह, पट्टीनाथ राय, शिवपुरा, गुरूदत्त का पुरा, बिगहनी, बिगहना, चिलबिला, शुक्लपुर, जेवनिया, कनिगड़ा, परवा, सहित विभिन्न गांवों में पक्का मकान बनवाना लोगों के लिए मुश्किल हो गया है। बालू दाम दोगुना से अधिक हो गया है। कभी 2500 में 100 फीट मिलने वाली बालू का दाम पांच हजार से छह हजार में मिल रही है।

सफेद बालू न मिलने से मजबूरी में लोग टोंस नदी की लाल बालू महंगे दामों में लेकर भवन निर्माण करा रहे हैं। परानीपुर के दशरथपुर गांव निवासी सतीश चन्द्र तिवारी ने बताया कि गंगा से जब तक बालू की निकासी होती रही टोंस नदी की बालू की मांग न के बराबर रही। टोंस नदी के आसपास बसे गांवों के लोग परानीपुर गंगाघाट की बालू ले जाते रहे। भूईपारा गांव के राजेश कुमार ने बताया कि बालू का अभाव होने से सरकारी आवास का काम रूका पड़ा है, बालू का रेट बढ़ जाने से आवास पाने वाले बालू के लिए दर-दर भटक रहे हैं। जो लोग दो वर्ष पहले अपने घरों के आसपास बालू बेचने के लिए रखे थे, निर्धारित दर से दो गुना की मांग कर रहे हैं। शाहपुर कला टोंस नदी की बालू का भाव आसमान पर शाहपुर कला गांव स्थित टोंस नदी से बालू की निकासी धड़ल्ले चल रही है। बरसात को देखते हुए बालू की निकासी करवाने वाले ठेकेदार तेजी के साथ बालू का खनन कर स्थानीय लोगों को बेच रहे हैं। धन कमानें के उद्देश्य से लोग बालू में पैसा लगाकर अपने खेतों में लाल बालू डंप कर रहे हैं। परानीपुर गंगा घाट से बालू की निकासी बंद हो जाने से शाहपुर कला, मई पताई सहित विभिन्न गांवों के लोग इस धंधे से जुड़ गए हैं, कई बेरोजगार धन कमाने की लालसा से अपने खेतों में बालू डंप कर ले रहे हैं। सिंचाई का साधन न होने जमीन ऊंची-नीची होने से मई कला, शाहपुर सहित आसपास गांवों के लोग बालू का ढेर लगा चुके हैं। खनन विभाग पूरी तरह खामोश है, बालू निकालने डंप करने वालों ने बताया कि खनन विभाग से उन्होंने बालू डंप करने की अनुमति ले रखी है, मेजा ऊर्जा निगम के पीछे जहां देखा जाए सिर्फ बालू का ढेर दिखाई पड़ रहा है। बालू डंप करने वालों ने बताया कि नाव से निकाली बालू का रेट 17 सौ रुपये की 100 फीट बिक रही है, जबकि मशीन से निकाली गई बालू का रेट आठ से 10 हजार रुपये सौ फीट बिक रहा है।

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