जीवन जीने की कला सिखाता है रामचरित मानस : भवानी नन्दन यति
Ghazipur News - सादात, हिन्दुस्तान संवाद। भीमा देवी दुर्गा मंदिर भीमापार में चल रहे श्रीरामचरित मानस

सादात, हिन्दुस्तान संवाद। भीमा देवी दुर्गा मंदिर भीमापार में चल रहे श्रीरामचरित मानस महायज्ञ के पूर्ण पर आयोजित सात दिवसीय कार्यक्रम चौथे दिन आयोजित हुआ। इस सप्त दिवसीय आयोजन की पूर्णाहुति 11 जून को वृहद भंडारा के साथ होगा। इस दौरान मुख्य अतिथि हथियाराम मठ के पीठाधिपति महामंडलेश्वर स्वामी भवानी नन्दन यति महाराज ने उपस्थित श्रद्धालुओं को आशीर्वचन दिया और धर्म के प्रति आस्था बनाए रखने का संदेश दिया। स्वामी भवानी नन्दन यति महाराज ने कहा कि श्रीरामचरित मानस भारतीय संस्कृति की अमूल्य निधि है, जो आस्था से जुड़ा हुआ है। रामचरितमानस की हर चौपाई और मंत्र लोगों को अच्छी सीख देती है।
कुछ चौपाईयां तो ऐसी भी हैं, जिनसे कितना भी बड़ा संकट क्यों न आ जाए, उससे तुरंत छुटकारा मिल जाता है। जीवन में बड़ा बदलाव होता है और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। उन्होंने कहा कि रामचरितमानस न केवल धार्मिक ग्रंथ है, बल्कि यह जीवन जीने की कला भी सिखाता है। उन्होंने युवाओं को धर्म और संस्कृति से जुड़ने की प्रेरणा दी और कहा कि सनातन संस्कृति के संरक्षण के लिए ऐसे आयोजनों की महती आवश्यकता है। मंदिर के पुजारी आचार्य राजकुमार पांडेय व्यास के निर्देशन में आयोजन समिति के सदस्यों ने अतिथियों का माल्यार्पण कर स्वागत किया। इस अवसर पर भजन-कीर्तन का भी आयोजन हुआ, जिससे समूचा वातावरण भक्तिमय हो गया। इस अवसर पर अनेक लोग मौजूद रहे।
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