आपसी झगड़े में ‘पाकिस्तान बना हथियार, फैला दे रहे सनसनी
Gorakhpur News - फ्लैग: आपसी विवाद को देशद्रोह का रंग देने के नए ट्रेंड से पुलिस भी हैरानरखपुर, वरिष्ठ संवाददाता। सरहद पर भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाकर आतंकीवादियों का ख

गोरखपुर, वरिष्ठ संवाददाता। भारत ने ऑपरेशन ‘सिंदूर चला सरहद पार के आतंकियों का खात्मा करते हुए पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया, लेकिन कुछ शरारती तत्व इस माहौल को आपसी झगड़े में सनसनी फैलाने का हथियार बना रहे है। अगर आरोपित एक जाति विशेष का है तो उसे पाकिस्तान का समर्थक बता दिया जा रहा है। हाल के दिनों में इस तरह के तीन मामले सामने आए, जिसमें आपसी रंजिश में विपक्षी को पाकिस्तान समर्थक बनाकर न सिर्फ पुलिस को सूचना दी गई, बल्कि तहरीर में भी इस बात का जिक्र किया गया, जिसकी सच्चाई पुलिस की जांच में सामने आई। आपसी विवाद में विपक्षी को सजा दिलाने के इस नए ट्रेंड से पुलिस भी हैरान है।
रिटायर पुलिस अफसरों की माने तो गोरखपुर में यह ट्रेंड हमेशा से रहा है। कोई चर्चित मामला सामने आने पर लोग उसे नजीर के तौर पर इस्तेमाल कर अपने केस को गंभीर बताने लगते हैं। जमीन विवाद में चंद वर्ष पहले देवरिया में एक ही परिवार के लोगों की हत्या के बाद हर जमीन विवाद के प्रार्थना पत्र में लोग इसका जिक्र करने लगे थे कि अगर कार्रवाई नहीं हुई, तो देवरिया कांड हो जाएगा। अब शरारती तत्वों के बीच आपसी विवाद में दूसरे पक्ष को देशद्रोही बताने की होड़ लगी है। मामले की जांच में सच्चाई सामने आने तक सोशल मीडिया पर ये मामले वायरल हो जाते हैं और फिर पुलिस को कार्रवाई से पहले इसके खंडन में पसीना बहाना पड़ता है। ....... केस एक 14 मई को तिवारीपुर थानाक्षेत्र के जाफरा बाजार में कोटेदार के पास एक महिला का केवाईसी करने गए पार्षद प्रतिनिधि और कोटेदार के बीच विवाद हो गया। इसके बाद पार्षद प्रतिनिधि ने विपक्षी को पाकिस्तान का समर्थक बता दिया। आरोप लगाया कि विपक्षी पाकिस्तान के समर्थन में टिप्पणी कर रहे थे, जिस वजह से विवाद हुआ। इसके बाद वह सड़क जाम कर प्रदर्शन भी करने लगे। पार्षद भी पहुंचे। बाद में खुद ही मान लिया कि केवाईसी का विवाद था। पुलिस ने हत्या की कोशिश सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज कर आरोपितों पर कार्रवाई की। केस दो 24 मई की रात में कैंपियरगंज इलाके में दो पक्षों में विवाद हो गया। ईंट पत्थर चले और कई लोग चोटिल हो गए। फिर पुलिस को घटना की जानकारी दी गई और पुलिस के आते ही बताया गया कि दूसरे पक्ष ने पाकिस्तान के समर्थन में नारेबाजी की और धार्मिक नारे लगाते हुए हमलावर हो गए। विवाद का कारण इसे ही बताया गया, लेकिन जांच हुई तो पता चला कि दोनों पक्ष में रुपये के लेनदेन का विवाद है, जिस वजह से मामले को बेवजह ही तूल पकड़ाने की कोशिश की जा रही है। पुलिस ने सही तथ्यों के आधार पर कार्रवाई की। एक्सपर्ट कमेंट चर्चित कांड होने पर गोरखपुर के लोग इसका इस्तेमाल अपने केस में प्रभावी कार्रवाई के लिए करते हैं। लेकिन, देशविरोधी बता देना और इस शब्द का इस्तेमाल करना गलत हैं, इससे किसी दिन माहौल बिगड़ सकता है। -शिवपूजन, रिटायर पुलिस अफसर
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