एमएमएमयूटी में शुरू होगा पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड लॉ पाठ्यक्रम, क्लैट के माध्यम से होगा प्रवेश
Gorakhpur News - शैक्षणिक सत्र 2026-27 से विधि शिक्षा के नए अध्याय की शुरुआत पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड

गोरखपुर, निज संवाददाता। मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एमएमएमयूटी) अब विधि शिक्षा के क्षेत्र में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराने जा रहा है। विश्वविद्यालय में पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड लॉ पाठ्यक्रम शुरू करने की योजना को विश्वविद्यालय की विद्या परिषद् ने स्वीकृति दे दी है। यह निर्णय विद्या परिषद की बैठक में कुलपति प्रो. जेपी सैनी की अध्यक्षता में लिया गया। पाठ्यक्रम संचालन के लिए विश्वविद्यालय में एक पृथक विधि विभाग-स्कूल ऑफ लॉ की स्थापना की जाएगी। यह कार्यक्रम शैक्षणिक सत्र 2026-27 से शुरू किया जाएगा, जिसके लिए बार काउंसिल ऑफ इंडिया से मान्यता प्राप्त करना आवश्यक होगा। पाठ्यक्रम की रूपरेखा तैयार करने और मान्यता संबंधी प्रक्रियाएं पूर्ण कराने के लिए मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. अभिजित मिश्र को समन्वयक नामित किया गया है।
इस पाठ्यक्रम में प्रवेश ‘कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (क्लैट) के माध्यम से लिया जाएगा। यह कार्यक्रम उन छात्रों के लिए है जो 12वीं कक्षा उत्तीर्ण कर विधि क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं। इसमें बीए-एलएलबी, बीबीए-एलएलबी और बीकॉम-एलएलबी जैसे विकल्पों के साथ विधिक अध्ययन को कला, वाणिज्य या प्रबंधन विषयों के साथ एकीकृत रूप में पढ़ाया जाएगा। देश के अनेक प्रतिष्ठित संस्थानों जैसे नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (बेंगलुरु, हैदराबाद, दिल्ली, भोपाल, गांधीनगर), काशी हिंदू विश्वविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय, आईआईएम रोहतक और आईआईटी खड़गपुर समेत कई निजी विश्वविद्यालय पहले से ही यह पाठ्यक्रम संचालित कर रहे हैं। यह पाठ्यक्रम छात्रों को वकालत, कॉरपोरेट लॉ, न्यायिक सेवा, कानूनी सलाह और नीति निर्माण जैसे क्षेत्रों में करियर के लिए तैयार करता है। साथ ही, मूट कोर्ट, इंटर्नशिप और कानूनी अनुसंधान जैसी प्रायोगिक गतिविधियों के माध्यम से व्यावसायिक कौशल भी विकसित करता है। कुलपति प्रो. जेपी सैनी ने बताया कि यह पहल पूर्वांचल के छात्रों के लिए विधि शिक्षा का एक नया और सशक्त मंच प्रदान करेगी।
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