पंचायत चुनाव शंखनाद, हापुड़ में किसी गांव का नहीं होगा पुनर्गठन
Hapur News - -त्रि स्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर शासन ने कम आबादी वाली गांवों को नई पंचायत में शामिल करने को कहा

प्रदेश में अगले वर्ष 2026 में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होने का शंखनाद हो चुका है। जिसको लेकर उप निर्वाचन आयुक्त ने मतपेटियों के टेंडर जारी कर दिए है। वहीं शासन ने एक हजार से कम आबादी वाले गांवों को पड़ोस की ग्राम पंचायत से जोड़े जाने के आदेश करते हुए जिलाधाकिरी की अध्यक्षता में समिति बनाए जाने को कहा है। परंतु हापुड़ जिले में कोई गांव एक हजार से कम आबादी का नहीं है। भले ही 11 महीने पंचायत चुनाव में बचे हो परंतु गांवों में अगले प्रदान, बीडीसी, प्रमुख, जिला पंचायत सदस्य और अध्यक्ष को लेकर गोटी बिछनी शुरू हो चुकी है।
गांवों की सियासत अब शहर के नेताओं के आसपास घूमने लगी है। बता दे कि जिला पंचायत अध्यक्ष पद को लेकर जिले में इस बार पूरा सियासी घमासान मचेगा। जहां रेखा नागर वर्तमान में जिपं अध्यक्ष है वहीं जिले के कई पदाधिकारी समेत अन्य दलों से भाजपा में आए दिग्गजों की निगाहें भी लगी हुई है। बहरहाल जहां सियासी पारा गर्मी के बीच गर्माने लगा है वहीं प्रशासनिक मशीनरी ने भी काम शुरू कर दिया है। जिला पंचायत राज अधिकारी शिवबिहारी शुक्ला ने बताया कि शासनादेश आया है कि प्रत्येक जिले में अगर कोई गांव या गांव की आबादी नगर निगम, नगर पालिका तथा नगर पंचायत में शामिल हुआ है। और गांव की आबादी एक हजार से नीचे रह गई है। तो उस गांव को पड़ौस के ग्राम पंचायत में शामिल कर दिया जाए। अगर एक हजार की आबादी उस गांव की शहर में शामिल होने के बाद बची है तो उसको नई ग्राम पंचायत बनाया जाए। शिवबिहारी शुक्ला ने बताया कि हापुड़ जनपद में 273 ग्राम पंचायत है। कोई गांव की आबादी किसी भी पालिका, नगर पंचायत में शामिल नहीं हुई है। इस लिए हापुड़ जिले में कोई पुनर्गठन किसी पंचायत का नहीं होगा।
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