Ursula Hospital Implements New Prescription System Amid Complaints of Unapproved Medications उर्सला में हाथ से नहीं अब कम्प्यूटर से जारी होंगे दवा पर्चे, Jhansi Hindi News - Hindustan
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उर्सला में हाथ से नहीं अब कम्प्यूटर से जारी होंगे दवा पर्चे

Jhansi News - उर्सला अस्पताल में डॉक्टरों द्वारा बाहर की दवा लिखने की मनाही के बावजूद शिकायतें बढ़ गई थीं। प्रबंधन ने अब हाथ से दवा लिखने पर रोक लगा दी है और कंप्यूटराइज्ड दवा पर्चे जारी करने का निर्णय लिया है। यह...

Newswrap हिन्दुस्तान, झांसीThu, 19 June 2025 03:33 PM
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उर्सला में हाथ से नहीं अब कम्प्यूटर से जारी होंगे दवा पर्चे

कानपुर, प्रमुख संवाददाता। मनाही के बाद भी उर्सला के डॉक्टर बाहर की दवा लिख रहे हैं। लगातार शिकायतों से आजिज प्रबंधन ने हाथ से दवा लिखने पर रोक लगा दी है। अब मरीजों को रजिस्ट्रेशन की तरह कम्प्यूटराइज्ड दवा पर्चे भी जारी होंगे। यह व्यवस्था जुलाई के पहले सप्ताह से शुरू हो जाएगी। जिला अस्पताल उर्सला में रोजाना आठ सौ से एक हजार मरीजों की ओपीडी होती है। डॉक्टरों को बाहर की दवा लिखने को रोका गया है, इसके बाद रोज कोई न कोई डॉक्टर की शिकायत प्रबंधन के पास पहुंच रही है। ऐसे में निदेशक डॉ. एचडी अग्रवाल ने हाथ से दवा लिखने पर रोक लगा दी है।

इसकी जगह अब ओपीडी में कम्प्यूटर से दवा पर्चे जारी किए जाएंगे। निदेशक ने बताया, 20 कम्प्यूटर व प्रिंटर ओपीडी में लगाए जाएंगे। जुलाई के पहले सप्ताह तक यह व्यवस्था प्रभावी कर दी जाएगी। अगर कोई मरीजों को हाथ से दवा लिखकर देता है तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी। चाय-पानी के लिए रुपये मांगने वाला निष्कासित चाय-पानी के लिए मरीज व तीमारदारों से रुपये वसूलने वाला उर्सला से निष्कासित कर दिया गया है। तीन सदस्यीय जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर प्रबंधन ने यह कार्रवाई की। निदेशक डॉ. एचडी अग्रवाल ने बताया कि तीमारदार से मरीज की बेहतर देखरेख के नाम पर खर्च मांगने वाले स्टाफ पुरुष नर्स गोविंद तिवारी को निष्कासित कर दिया गया। यह आठ साल से संविदा पर यह काम कर रहा था। रुपये लेने का वीडियो वायरल होने के बाद वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. शैलेंद्र तिवारी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय टीम से पूरे प्रकरण की जांच कराई गई। जांच में आरोप सत्य साबित हुए तो गोविंद का निलंबन कर दिया गया। उन्होंने बताया, किसी भी तरह की कोई वसूली होने पर सीधे उनसे शिकायत करें। सड़क का झंझट खत्म, पुराने पुल से इमरजेंसी पहुंचने लगे मरीज उर्सला के गंभीर मरीजों को अब इमरजेंसी जाने के लिए ट्रैफिक के बीच सड़क पार नहीं करनी पड़ेगी। अस्पताल प्रबंधन ने पुराने पुल से गंभीर मरीजों को इधर से उधर पहुंचाना शुरू कर दिया है। मरीजों को पुल तक लाने के लिए दोनों तरफ लिफ्ट भी चालू हो गई है। निदेशक के अनुसार, पुल की मरम्मत के लिए दो करोड़ रुपये का प्रस्ताव सेतु निगम की ओर से शासन को भेजा गया है। अबतक सड़क पार करके मरीजों को इस ओर से उस तरफ लाया जाता है। इससे तेज गति से भाग रहीं गाड़ियों की टक्कर का डर भी रहता है। सुरक्षा का खतरा, इमरजेंसी के इर्द-गिर्द बनेगी बाउंड्री: उर्सला इमरजेंसी के पीछे कंडम भवनों को गिराने के बाद सुरक्षा का खतरा बढ़ गया है। कंडम भवनों को गिराने से अब कोई भी आसानी से इमरजेंसी की तरफ आ सकता है। इससे निजात के लिए प्रबंधन ने शासन को लगभग 250 मीटर की बाउंड्री बनाने का प्रस्ताव भेजा है। बताया गया कि सुरक्षा के लिहाज से बाउंड्री का बनना बेहद जरूरी है। यहां 60 कंडम भवनों को कुछ दिन पहले शासन के आदेश के बाद गिरा दिया गया था। यहां लगभग 15 सालों से अवैध रुप से अस्पताल के पूर्व कर्मचारी रह रहे थे।

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