पेंशन की सत्यापन करने वालों की नजरों से कैसे बचा रहा सफाईकर्मी
Kausambi News - कौशाम्बी के फैजुल्लापुर ग्राम पंचायत के सफाई कर्मी ज्ञान चंद्र 17 वर्ष से दिव्यांग पेंशन का लाभ ले रहे हैं। उनके परिवार में सफाई कर्मचारी होने के बावजूद यह सवाल उठता है कि उन्हें पेंशन कैसे मिली।...

विकास खंड कौशाम्बी के फैजुल्लापुर ग्राम पंचायत नैनुआ सलेमपुर में तैनात सफाई कर्मी ज्ञान चंद्र पुत्र राम संजीवन 17 वर्ष से दिव्यांग पेंशन का लाभ ले रहा है। पति-पत्नी व बेटे के सफाई कर्मचारी होने के बाद भी इसे दिव्यांग पेंशन के लिए पात्र किसने करार दिया यह पेंशन का सर्वे करने वालों को सवालों के घेरे में खड़ा कर रहा है। उरई अशरफपुर निवासी ज्ञानचंद्र नवंबर 2008 में सफाई कर्मी के पद पर नियुक्त हुआ। पैर से दिव्यांग ज्ञान चंद्र सफाई कर्मचारी होने के बाद भी 17 वर्ष से दिव्यांग पेंशन का लाभ लेता चला आ रहा है। इतना ही नहीं पत्नी भी फैजुल्लापुर ग्राम पंचायत में सफाई कर्मी नियुक्त है।
इसका लड़का नगर पंचायत में सफाई कर्मी है। घर में हजारों रुपये का वेतन आने के बाद भी दिव्यांग पेंशन का लाभ ले रहा है। उरई ग्राम पंचायत में अब तक पता नहीं कितने सचिव आए और गए सब इसे सत्यापन में पात्र करते गए। गरीबों के हक पर डाका डालते चले आ रहे सफाई कर्मचारी पर आज तक किसी भी जिम्मेदार ने शिकंजा नहीं कसा। मामले सहायक विकास अधिकारी पंचायत जितेंद्र शुक्ल का कहना है कि दिव्यांग हैं लेकिन पेंशन की जानकारी नहीं है। सहायक विकास अधिकारी समाज कल्याण कपिल त्रिपाठी का कहना है कि ज्ञान चंद्र दिव्यांग पेंशनर हैं। यह गांव के सचिव ही बता सकते हैं कि वही ज्ञान चंद्र है या दूसरे हैं। ग्राम पंचायत सचिव आशीष कुमार ने बताया कि गलत पेंशन का लाभ ले रहे हैं। सहायक विकास अधिकारी समाज कल्याण को लिख कर दे दिया गया है। जल्द ही मामले में नियमानुसार कार्रवाई करवाई जाएगी।
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