कबीर ने उठाई पाखंड के खिलाफ आवाज::फोटो
Lucknow News - लखनऊ, संवाददाता। बीबीएयू में हिन्दी विभाग की ओर से संत कबीरदास जयंती पर आयोजित

लखनऊ, संवाददाता। बीबीएयू में हिन्दी विभाग की ओर से संत कबीरदास जयंती पर आयोजित विमर्श कार्यक्रम में कबीर: अकथ कहानी प्रेम की विषय पर चर्चा हुई। यहां लोगों ने कबीरदास की रचनाओं पर व्यक्तित्व पर अफने विचार रखे। कार्यक्रम अध्यक्ष व कुलपति प्रो. राज कुमार मित्तल ने कहा कि कबीर संत, समाज-सुधारक के साथ भारत की बौद्धिक विरासत के ऐसे युगपुरुष हैं, जिन्होंने ज्ञान के जरिए जाति, धर्म और पाखंड के खिलाफ आवाज उठाई। मुख्य वक्ता व इलाहाबाद विवि के प्रो. योगेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि जिस तरह बुद्ध ने करुणा को धर्म का स्तंभ बनाया, वैसे ही कबीर ने प्रेम और सदगुरु को आत्मिक विमर्श का विषय बनाते हुए समाज को जोड़ने की भूमिका निभाई।
विशिष्ट वक्ता व दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो. पूरन चंद टण्डन ने कबीर को एक क्रांतिकारी कवि बताया और कहा कि उनका अनुभव मूलक ज्ञान ही उनकी भक्ति की विशेषता है। कबीर की वाणी समाज में व्याप्त भेदभाव, छुआछूत और अंधविश्वास के विरुद्ध चेतना का संचार करती है। इस मौके पर डीएसडब्ल्यू प्रो. नरेंद्र कुमार, कार्यक्रम संयोजक व भाषा एवं साहित्य विद्यापीठ के संकायाध्यक्ष प्रो. राम पाल गंगवार, प्रो. सर्वेश कुमार सिंह, डॉ. बुद्धि सागर गुप्ता आदि रहे।
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