जीएसडीपी में योगदान देने में नोएडा अव्वल, लखनऊ दूसरे नंबर पर
Lucknow News - वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए जिला घरेलू उत्पाद (डीडीपी) के अनुमान के अनुसार, गौतमबुद्धनगर ने 2.64 लाख करोड़ रुपये के जीडीपी के साथ शीर्ष स्थान प्राप्त किया है। लखनऊ दूसरे स्थान पर है। प्रदेश के कुल...

जीएसडीपी में योगदान देने में नोएडा अव्वल, लखनऊ दूसरे नंबर पर -आर्थिक आत्मनिर्भरता की ओर उत्तर प्रदेश के दृढ़ पग – वर्ष 2023-24 के जिला घरेलू उत्पाद अनुमान के आंकड़े जारी लखनऊ, विशेष संवाददाता वित्तीय वर्ष 2023-24 के जिला घरेलू उत्पाद (डीडीपी) अनुमान के अनुसार, गौतमबुद्धनगर प्रदेश में 2.64 लाख करोड़ रुपये के सकल घरेलू उत्पाद के साथ शीर्ष पर है, जो प्रदेश के कुल जीएसडीपी में सर्वाधिक योगदान 17.17 प्रतिशत कर रहा है। प्रदेश के कुल घरेलू उत्पाद में सर्वाधिक योगदान करने वाले जिलों की सूची में टाप टेन में गौतमबुद्धनगर 10.30 फीसदी, लखनऊ 5.53, गाजियाबाद 4.57, आगरा 3.03, कानपुर नगर तीन फीसदी, प्रयागराज 2.90, मेरठ 2.43, गोरखपुर 2.23 फीसदी, गाज़ीपुर 2.02 फीसदी और वाराणसी 1.99 फीसदी हैं, जो प्रदेश के कुल जीएसडीपी में 38 फीसदी का योगदान दे रहे हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार के नियोजन विभाग के अर्थ एवं संख्या प्रभाग द्वारा वार्षिक श्रृंखला क्रम में वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए जिला घरेलू उत्पाद अनुमान जारी कर दिए गए हैं। ये अनुमान प्रदेश की समग्रता और संतुलित क्षेत्रीय नीति की सफलता को दर्शा रहे हैं। प्रदेश स्तर पर सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के अनुसार अद्यतन संस्थानों, सरकार द्वारा संचालित नीतियों, निवेश संभावनाओं और नवाचार के साथ प्रदेश की आर्थिक प्रगति की स्पष्ट झलक मिलती है। महोबा में विकास दर सबसे ज्यादा 23 फीसदी, अमेठी में 18 फीसदी से ज्यादा इसी तरह प्रदेश के सभी क्षेत्रों में आर्थिक विकास का परिपक्व मॉडल विकसित हो चुका है। वर्ष 2023-24 में सर्वाधिक विकास दर (स्थिर कीमतों पर) दर्ज करने वाले शीर्ष 10 जिले- महोबा 23.49 फीसदी, चित्रकूट 23.40, अमेठी 21.22, बांदा 21.20, मैनपुरी 20.47, सुल्तानपुर 20.10, बदायूं 19.93, हमीरपुर 19.20, फुलपुर 18.93 एवं अमेठी 18.77 फीसदी हैं। प्रदेश की आर्थिक प्रगति का मुख्य आधार सभी जनपदों के विकास, राज्य सरकार की दूरदर्शिता, कुशल नीति निर्माण और प्रभावी क्रियान्वयन में होता है। वर्ष 2023-24 के जीडीपी आंकड़े स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं कि प्रदेश की आर्थिक वृद्धि प्रदेश के कुछ चुनिंदा नगरीय केन्द्रों तक ही नहीं वरन सम्पूर्ण राज्य में वितरित हो रही है। सकल राज्य घरेलू उत्पाद में 13.5 फीसदी की वृद्धि इसी तरह वर्ष 2023-24 में प्रदेश की स्थिर कीमतों में आधारित सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) में 13.5 फीसदी की दर से वृद्धि दर्ज की गई है। प्रत्येक जिले का अनुमानित सकल घरेलू उत्पाद (डीडीपी) दर्शाता है कि जिलों की आर्थिक संरचना का अनुपात, साझा योगदान तथा प्रगति की दिशा क्या है। प्रति व्यक्ति आय 94068 पहुंची राज्य की तेजी से आगे बढ़ती अर्थ एवं उत्पादन प्रक्रिया दर्शा रही है कि प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय वर्ष 2023-24 में बढ़कर 94,068 रुपये तक पहुंच गई है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 13.1 प्रतिशत अधिक है। यह दर गत 5 वर्षों में सर्वाधिक है। दो लाख से अधिक प्रति व्यक्ति आय दर्ज करने वाले शीर्ष 10 जनपदों में गौतमबुद्धनगर, लखनऊ, गाजियाबाद, मेरठ, आगरा, कानपुर नगर, वाराणसी, नोएडा, प्रयागराज और मुजफ्फरनगर शामिल हैं। उत्तर प्रदेश का जनपद स्तर पर अपनी भौगोलिक, सांस्कृतिक और क्षेत्रीय विशेषताओं के अनुरूप विकास हो रहा है। राज्य के पश्चिमी क्षेत्र में औद्योगिक उत्पादन और शहरीकरण बढ़ रहा है, वहीं पूर्वी और मध्य क्षेत्र में बुनियादी ढांचा, कृषि, स्वास्थ्य और सामाजिक उद्योग अपने तेज़ी से उन्नति कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश इस गति से प्रभावित पथ पर चलते हुए देश की तेजी से विकसित होने वाली अर्थव्यवस्थाओं के रूप में उभर रहा है। यह प्रगति न केवल उत्तर प्रदेश के आर्थिक मानचित्र को पुनर्संव्यवस्थित करती है, बल्कि प्रत्येक जनपद, संसाधन एवं सपने को भी साकार करती है। ‘विकसित भारत के लिए विकसित राज्य @2047 की दिशा में सफलता के साथ अग्रसर है।
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