Kamla Prasad Rao Inspires Blood Donation Over 150 People Follow Suit तीन माह पूरा होते ही रक्तदान करने पहुंच जाते हैं ब्लड बैंक, Maharajganj Hindi News - Hindustan
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तीन माह पूरा होते ही रक्तदान करने पहुंच जाते हैं ब्लड बैंक

Maharajganj News - कमला प्रसाद राव हर तीन महीने में रक्तदान करने के लिए जिला अस्पताल के ब्लड बैंक जाते हैं। उन्होंने अब तक 59 बार रक्तदान किया है और उनके जुनून से 150 से अधिक लोगों ने रक्तदान करने की आदत डाली है।...

Newswrap हिन्दुस्तान, महाराजगंजSat, 14 June 2025 10:42 AM
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तीन माह पूरा होते ही रक्तदान करने पहुंच जाते हैं ब्लड बैंक

महराजगंज, हिन्दुस्तान टीम। रक्तदान करने का जुनून सीखना है तो कमला प्रसाद राव से ले सकते हैं। तीन माह पूरा होते ही वे जिला अस्पताल परिसर स्थित ब्लड बैंक पहुंच जाते हैं। गेट पर बैठ जाते हैं। बोलते हैं कि बाबू जल्दी से ब्लड निकाल लीजिए। आज ब्लड नहीं निकाला गया तो आत्मा को बहुत तकलीफ होगी। रक्तदान करने में एक दिन कैसे लेट हो गया? यह लेट पूरी जिंदगी सालती रहेगी। इनके इस जुनून से ब्लड बैंक अधिकारी से लेकर एलटी कायल हो गए हैं। ब्लड लेने के बाद उन्हें फ्रूटी या जूस पिलाते हैं। ब्लड कर्मचारियों के काफी अनुनय-विनय के बाद कमला प्रसाद जूस लेते हैं।

कमला प्रसाद रक्तदान करने का हाफ सेंचुरी पार कर चुकें है। इस रक्तदानी से प्रेरणा लेकर करीब 150 लोगों ने जन्मदिन, शादी सालगिरह या अन्य मौको पर रक्तदान करना शुरू कर दिया। इनमें से अधिकांश रक्तदानी भी रक्तदान के हाफ सेंचरी के करीब पहुंच चुकें हैं। रक्तदान करने से व्यक्ति कमजोर नहीं बल्कि और फुर्तीला हो जाते हैं। इतना ही नहीं रक्तदान करने से हृदय रोग और कैंसर के जोखिम को कम करने में मदद करता है। रक्त प्रवाह में सुधार करता है और आयरन के स्तर को संतुलित करता है। रक्तदान दूसरों की जान बचाने और सकारात्मक सामाजिक योगदान देने में भी मदद करता है। पनियरा निवासी कमला प्रसाद राव रक्त का एक-एक कतरा किसी के काम आ जाएं उद्देश्य से हर तीसरे माह रक्तदान करना शुरू किया। 21 वर्ष की आयु पूरा होने पर दूसरे की जान बचाने व सकारात्मक सामाजित योगदान देने की प्रेरणा जगी। तभी से वे हर तीसरे माह ब्लड बैंक पहुंचते हैं और बिना रक्तदान किए वापस नहीं जाते हैं। इनके जुनून को देख करीब 157 लोगों ने रक्तदान करना शुरू कर दिया। ये सभी रक्तदाताओं को ब्लड डोनर ग्रुप (ह्वाट्सएप) बनाया गया है। यदि ब्लड बैंक में जरूरतमंद के ग्रुप का ब्लड नहीं मिलता है ब्लड डोनर ग्रुप में मैसेज भेजा जाता है। मैसेज पर संबंधित ग्रुप के डोनर ब्लड बैंक पहुंचते हैं और रक्तदान कर जरूरतमंद को उपलब्ध कराने का कार्य करते हैं। एक यूनिट रक्तदान से चार की बचाई जा सकती है जिंदगी यदि एक यूनिट रक्तदान करते हैं तो ब्लड से चार अवयव आरबीसी, प्लाज्मा, प्लेटलेट्स और क्रायोप्रेसिपटेट अलग-अलग किया जाता है। खून की कमी से जूझ रहे एनेमिक को आरबीसी, जलने के बाद गंभीर स्थिति में उसे प्लाज्मा, डेंगू से पीड़ित को प्लेटलेट्स और हीमोफीलिया से गंभीर मरीज को क्रायोप्रेसिपटेट अवयव चढ़ाकर उसकी जिंदगी बचाई जाती है। ब्लड बैंक में 59 यूनिट ब्लड हैं सुरक्षित जिला अस्पताल परिसर में 600 यूनिट वाले ब्लड बैंक संचालित है। इनमें विभिन्न ग्रुप के 59 यूनिट ब्लड सुरक्षित हैं। ब्लड डोनेट कर जरूरतमंद संबंधित ग्रुप का ब्लड ले सकते हैं। इन मरीजों को मिलता है फ्री में ब्लड ब्लड बैंक से दिव्यांग, लावारिस और जननी सुरक्षा योजना के तहत पीड़ित नि:शुल्क ले सकते है। इसके लिए किसी तरह की शुल्क या डोनर की जरूरत की नहीं पड़ती है। जिले के ये हैं महारक्तदानी खून को नालियों में बहाने के बजाय शरीर के नाड़ियों में बहाना चाहिए। इससे किसी जरूरतमंद की जिंदगी बचाई जा सकती है। संत निरंकारी मिशन से जुड़ने के साथ ही रक्तदान करना शुरू कर दिया। दूसरे की जिंदगी बचाने के लिए हर तीन माह पर ब्लड बैंक पहुंचकर रक्तदान करते है। दो बार ओमान में थे, रक्तदान किए तीन माह हो गए थे। वहीं पर ही दो बार रक्तदान किया। अब तक 59 बार रक्तदान कर चुकें हैं। कमला प्रसाद राव, निवासी पनियरा संत निरंकारी सूचना पर जरूरतमंद को ब्लड उपलब्ध कराने के मन बेचैन हो जाता है। तीन माह पूरा होने ब्लड बैंक पहुंचकर रक्तदान करते हैं। खून की कमी से किसी की जान न जाएं इस उद्देश्य से रक्तदान करने का जुनून हुआ। अब तो हर तीन माह पर रक्तदान करने की आदत हो गई है। रक्तदान करने के बाद मन को काफी शांति मिलती है। 46 बार रक्तदान कर चुकें हैं। इसमें परिवार के सदस्यों का पूरा सहयोग है। डॉ. कैलाश नाथ मौर्य, शिक्षक निवासी फरेंदा यदि एक यूनिट ब्लड से चार की जिंदगी बचाई जा सकती है तो 18 वर्ष पूरा कर चुके हर स्वस्थ्य व्यक्ति को रक्तदान करना चाहिए। ब्लड डोनर ग्रुप पर सूचना मिलते ही ब्लड बैंक पहुंच जाते है। रक्तदान कर जरूरतमंद को खून उपलब्ध कराते हैं। इसके अलावा शादी की साल गिरह पर पति-पत्नी साथ ब्डल बैंक पहुंचकर रक्तदान करते हैं। अब तक 28 बार रक्तदान कर चुकें है। रक्तदान करने से काफी फुर्तिला महसूस होता है। देवेश पांडेय, एलटी जिला अस्पताल

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