बोले मैनपुरी: किशनी मंडी में कदम-कदम पर बैठी समस्या
Mainpuri News - मैनपुरी। किशनी अनाज मंडी की बेकदरी लगातार बढ़ रही है। इस मंडी में हर साल करोड़ों का कारोबार होता है।
किशनी अनाज मंडी की बेकदरी लगातार बढ़ रही है। इस मंडी में हर साल करोड़ों का कारोबार होता है। किसान बड़ी उम्मीद से यहां अपने उत्पाद बेचने आते हैं, लेकिन किसानों के इस उत्पादन को पर्याप्त दाम नहीं मिल पाते। यहां ट्रांसपोर्ट की बड़ी समस्या है। यही वजह है कि किसानों की फसलें इस मंडी से आगे ले जाने में असुविधा होती है। इस मंडी में एक बड़ी समस्या ये भी है कि माल को सुरक्षित रखने के इंतजाम न के बराबर हैं। किसान और कारोबारी इसके लिए कई बार अपनी बात उठा चुके हैं, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है। यहां बारिश के दिनों में बदहाली इस कदर हो जाती है कि किसान और कारोबारी तालाब के रूप में बदलने वाली मंडी में परेशानियों का सामना करते हैं। पिछले दिनों बारिश हुई तो मंडी के चबूतरे, सड़कें तालाब बन गईं।
बदहाल अनाज मंडी में किसानों के उत्पादन के साथ धोखा हो रहा है। किसानों के उत्पादन को अपेक्षित भाव नहीं मिल पाता। सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने और उन्हें बाजिव बाजार उपलब्ध करवाने के वायदे कर रखे हैं लेकिन स्थानीय प्रशासन बाजिव बाजार की व्यवस्था कब तक कर पाएगा, इस सवाल का जवाब प्रशासनिक अधिकारियों के पास नहीं है। मंडी में कारोबार करने वाले कारोबारी कहते हैं कि मंडी शुल्क तो वसूल होता है लेकिन आढ़तियों, किसानों को कोई सुविधा नहीं दी जा रही है। यही वजह है कि मंडी बदहाल होती जा रही है। मंडी के चबूतरे क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। उत्पादन रखने और सुखाने के इंतजाम अपेक्षित नहीं है। इसके अलावा मंडी की सड़कों का हाल बहुत बुरा हो गया है।
सड़कें क्षतिग्रस्त हैं और गड्ढों में तब्दील हो गई हैं। बरसात का पानी सड़कों को तालाब बना रहा है। दो दिन पहले बारिश हुई तो किसानों का उत्पादन पानी की चपेट में आकर खराब हो गया। सड़कों पर निकलने वाले वाहन गड्ढों में फंसते हैं और पलट भी जाते हैं। मंडी प्रशासन से सड़कें बनवाने की मांग की गई है मगर कोई सुनवाई नहीं हो रही है। मंडी का प्रमुख मार्ग गहरे-गहरे गड्ढों में बदल चुका है। किसानों, कारोबारियों और मजदूरों को कहना है कि मंडी में चबूतरे बनाए जाएं, भंडार के लिए गोदामों का निर्माण हो। इसके अलावा मंडी में प्रकाश व्यवस्था की उचित व्यवस्था की जाए। शाम होते ही मंडी में अंधेरा छा जाता है। मंडी में रुकने, ठहरने का भी कोई इंतजाम नहीं है। यहां पुलिस चौकी न बने तो पुलिस पिकेट की तैनाती होनी ही चाहिए। मंडी में पीने के पानी की भी बड़ी समस्या है। बरसात के दिनों में यहां आढ़तियों के साथ पल्लेदार भी पानी की समस्या का सामना करते हैं। किसानों का लाखों का माल खुले आसमान के नीचे रहता है लेकिन सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है। मंडी के पास ही सब्जी मंडी भी स्थापित की जाए ताकि कारोबार बढ़े और लोगों को अपनी आय बढ़ाने, रोजगार पाने का मौका मिल सके।
बोले लोग
मंडी परिसर में पीने के पानी की बड़ी समस्या है। यहां कम से कम 6 नए हैंडपंप स्थापित किए जाएं। इसके अलावा एक पानी की टंकी की स्थापना भी मंडी परिसर में होनी चाहिए। तभी पानी की समस्या का समाधान होगा।
-रवि यादव
मंडी परिसर में गर्मी के दिनों में पानी की समस्या पैदा हो जाती है जो किसान यहां आते हैं वह पीने के पानी के लिए परेशान होते हैं। यहां मंडी प्रशासन या फिर नगर पंचायत की ओर से ठंडे पानी की सुविधा के लिए वाटर एटीएम स्थापित किए जाएं।
-विजय गुप्ता
मंडी परिसर में जलभराव की समस्या के समाधान के लिए यहां जल निकासी के बेहतर इंतजाम किए जाएं। जिससे पानी नहीं भरेगा और किसानों का उत्पादन भी खराब नहीं होगा। जो हर साल किसानों का नुकसान कर रहा है।
-ओमवीर यादव
मंडी परिसर में शाम होते ही अंधेरा छा जाता है। यहां प्रकाश व्यवस्था के इंतजार नहीं है। यहां कम से कम चार स्ट्रीट लाइट लगाई जाए और प्रत्येक पोल पर छोटी स्ट्रीट लाइट लगाकर अंधेरा दूर किया जाए। ताकि किसानों को कोई परेशानी न हो।
-शिवम यादव
मंडी परिसर की जितनी भी सड़कें हैं सभी को नए सिरे से बनाया जाए। सड़के बेहद खराब हो चुकी है। इन पर आवागमन अब परेशानियां पैदा करता है। किसानों के ट्रैक्टर तथा अन्य वाहन सड़कों पर हुए गड्ढों में फंसकर पलट भी जाते हैं।
-मोनू गुप्ता
मंडी परिसर में सुरक्षा के इंतजाम नहीं है। यहां पुलिस पिकेट की बड़ी जरूरत है। यहां अक्सर माल चोरी हो जाता है। किसानों के साथ धोखाधड़ी की घटनाएं भी होती रहती हैं। पुलिस तैनात रहेगी तो सुरक्षा प्रबंध चौकस रहेंगे।
-संजीव यादव
मंडी परिसर में जलभराव की समस्या के समाधान के लिए नई सड़कें तैयार की जाएं और जल निकासी का भी इंतजाम करवाया जाए। बारिश होते ही मंडी बड़ा तालाब बन जाती है। मंडी प्रशासन को इस समस्या का समाधान करना चाहिए।
-रवनेश
मंडी परिसर में किसानों का माल आए और उसे सुरक्षित रखने की आवश्यकता हो तो गोदाम का इंतजाम होना चाहिए। किसान अपना माल सुरक्षित रखेंगे तो हें उसे बेचने में आसानी होगी और उनके माल की कीमत भी उनकी इच्छा के अनुसार मिलेगी।
-शमशाद
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।