more educated is reason for breaking of families said Bageshwar Sarkar Dhirendra Shastri in Meerut where Saurabh murder ज्यादा शिक्षित होना घरों के टूटने का कारण, सौरभ हत्याकांड वाले मेरठ में बोले बागेश्वर सरकार धीरेंद्र शास्त्री, Uttar-pradesh Hindi News - Hindustan
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ज्यादा शिक्षित होना घरों के टूटने का कारण, सौरभ हत्याकांड वाले मेरठ में बोले बागेश्वर सरकार धीरेंद्र शास्त्री

बागेश्वर सरकार धीरेंद्र शास्त्री मंगलवार को मेरठ पहुंचे और हनुमंत कथा का शुभारंभ किया। इस दौरान मेरठ में सौरभ हत्याकांड से जैसी वारदातों से वह भी चिंतित दिखाई दिए। वारदात का जिक्र तो नहीं किया लेकिन यह जरूर बताया कि घर आज क्यों टूट रहे हैं। इसके पीछे ज्यादा शिक्षित होने को भी कारण बताया।

Yogesh Yadav मेरठ। संवाददाताTue, 25 March 2025 10:26 PM
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ज्यादा शिक्षित होना घरों के टूटने का कारण, सौरभ हत्याकांड वाले मेरठ में बोले बागेश्वर सरकार धीरेंद्र शास्त्री

सौरभ हत्याकांड के कारण देश दुनिया में चर्चा में आ गए मेरठ में मंगलवार से बागेश्वर धाम सरकार आचार्य धीरेंद्र शास्त्री की हनुमंत कथा शुरू हो गई। कथा को सुनने के लिए भारी भीड़ उमड़ी। कथा में धीरेंद्र शास्त्री ने सौरभ हत्याकांड या किसी अन्य मामले का जिक्र तो नहीं किया लेकिन इशारों में लोगों को यह जरूर बताया कि इस तरह की घटनाएं क्यों हो रही हैं। धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि घर में हनुमंत कथा होगी तो घर कभी नहीं टूटेंगे। आज घरों के टूटने का कारण ज्यादा शिक्षित होना हो गया है। आज लोग ज्यादा शिक्षित हो गए हैं, संस्कार की कमी हो गई है। धार्मिक आयोजन कम और पाश्चात्य संस्कृति को लोग अपना रहे हैं, जिसके चलते लोगों के घर टूट रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहले लोग कम पढ़े लिखे थे पूरे कपड़े पहनते थे, आज लोग शिक्षित हो गए हैं तो उनके कपड़े भी कम हो गए हैं।

आचार्य धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि पहले दो कमरे का मकान होता था, उस घर में रहने वालों में प्यार होता था। एक साथ रहते थे, लोगों के दिल बड़े होते थे, मेहमान आ जाए तो उसे घर में कई दिन रोककर उसका आदर सत्कार करते थे, लेकिन आज मकान तो बड़े हो गए लेकिन लोगों के दिल छोटे हो गए। घर में रहने वालों को एक-दूसरे से कोई मतलब नहीं होता। घर बड़े हो गए हैं उसके बाद भी माता पिता वृद्धा आश्रम में रहते हैं। अमीर वह नहीं जिसके पास पैसा है, अमीर वह है जिसके दरवाजे पर उसके माता पिता, घर के बुजुर्ग हंसते हुए रहते हैं। अमीर वह है जिनके घर में बुजुर्ग हों और वह सुखी हों।

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जीवन में मंगल होना चाहिए

आचार्य धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि मस्त रहो व्यस्त रहो, मंगल ग्रह पर जीवन हो न हो पर जीवन में मंगल होना चाहिए। वही हर परिस्थिति में हंस सकता है जिसके हृदय में हनुमान जी बसते हैं। जीवन में मस्त रहोगे तो दुख पीछे जाएगा और सुख आगे आएगा। अगर कुंडली में मंगल दोष है तो रोजाना हनुमान जी के दर्शन करो, दोष दूर हो जाएगा।

मंच पर हुआ हनुमान चालीसा का पाठ

बागेश्वर धाम सरकार आचार्य धीरेंद्र शास्त्री ने मंच पर विराजमान हनुमान जी की मूर्ति पर माल्यार्पण किया और उसके बाद हनुमान चालीसा का पाठ किया। उन्होंने कहा कि अब मेरठ की धरती पर अगले पांच दिनों के लिए हनुमंत महाकुंभ दरबार सज गया है। कथा का शुभारंभ करते हुए कहा कि कीर्तन करने से मन के पाप बाहर आते हैं। मंच से सभी देवी देवताओं के जयकारे लगवाए।

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जैसी संगति वैसा असर

आचार्य धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि जिसकी जैसी संगति होती है उसका वैसा ही असर होता है। हमेशा अच्छे लोगों की संगत करनी चाहिए। बुरे लोगों का साथ हमेशा दुख ही देता है। जिस प्रकार एक जुआरी पूरे गांव को जुआरी बना देता है, वैसे ही बुरी संगत जीवनभर पछतावा कराती है। हनुमान जी की भक्ति करोगे तो प्रभु राम की भक्ति अपने आप मिल जाएगी।

चित्र कैसा भी हो चरित्र अच्छा होना चाहिए

कथा में आचार्य धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि चित्र कैसा भी हो चरित्र हमेशा अच्छा होना चाहिए। चित्र दोबारा बन सकता है लेकिन एक बार लगा चरित्र पर दाग कभी नहीं हट सकता है। इसलिए अपने कर्म अच्छे रखने चाहिए। दूसरों के सुख दुख में काम आना चाहिए। कभी किसी का परिहास नहीं करना चाहिए। चरित्र अच्छा होगा तो भगवान की भक्ति मिलेगी।