बोले मुजफ्फरनगर : न्याजपुरा के लिए काली नदी पर पुल बना, सड़क बनाना भूल गए
Muzaffar-nagar News - बोले मुजफ्फरनगर : न्याजपुरा के लिए काली नदी पर पुल बना, सड़क बनाना भूल गए
चरथावल रोड से न्याजूपुरा होकर शहर में आने वाले मार्ग पर स्थित काली नदी पर करीब चार साल पूर्व पुल का निर्माण कराया गया था। पुल के साथ ही एक किलोमीटर लंबी सड़क का भी निर्माण होना था, लेकिन संबंधित विभाग द्वारा करीब चार सौ मीटर लंबाई तक सड़क बनाकर बाकी मार्ग अधूरा छोड़ दिया गया, जो आज तक अधूरा ही है। सड़क न बनने से बहुउपयोगी यह मार्ग पुल होने के बावजूद उपयोग में नहीं आ पा रही है, जिससे क्षेत्र की करीब डेढ़ लाख की आबादी परेशान है। चार सालों में कई बार जनप्रतिनिधियों के साथ ही अफसरों से भी लोग सड़क निर्माण की गुहार लगाते-लगाते थक चुके हैं, लेकिन आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई।
यदि यह सड़क बन जाती है तो शहर के शामली रोड, हनुमान चौक व आबकारी रोड पर वाहनों का दबाव कम होकर जाम की समस्या का भी स्थायी समाधान हो सकता है। -------- न्याजूपुरा काली नदी पुल मुजफ्फरनगर। चरथावल मार्ग से शहर में आने के लिए वर्तमान में एकमात्र मार्ग शामली रोड-हनुमान चौक ही है, जिस पर वाहनों का अत्यधिक दबाव होने के कारण यहां अक्सर जाम की समस्या रहती है। इसी समस्या के निदान के लिए वर्ष 2020 में राज्यमंत्री कपिलदेव अग्रवाल ने अपनी निधि से चरथावल मार्ग पर शहर से जुड़े न्याजूपुरा मार्ग पर स्थित काली नदी के ऊपर पुल निर्माण मंजूर कराया था। वर्ष 2021 में इस पुल का निर्माण शुरू होकर करीब एक साल में यह पुल बनकर तैयार हो गया था, जिसे राज्य सेतु निगम द्वारा कराया गया था। पुल के साथ ही न्याजूपुर मार्ग पर पुल से छप्पर वाली मस्जिद तक एक किलोमीटर लंबी और दस मीटर चौड़ी पक्की सड़क का भी निर्माण कराया जाना था, लेकिन संबंधित विभाग द्वारा मात्र 400 मीटर की दूरी तक पक्की सड़क बनाकर बाकी अधूरी ही छोड़ दी गई थी। पुल निर्माण को तीन साल से अधिक समय बीतने के बावजूद आज तक बाकी 600 मीटर लंबी सड़क का निर्माण आज तक भी पूरा नहीं कराया गया है, जिससे क्षेत्रीय लोग काफी परेशान हैं। भारतीय किसान मजदूर संयुक्त मोर्चा के अल्पसंख्यक अध्यक्ष हाजी इंतजार अंसारी ने बताया कि इस मार्ग पर पुल बनने से न्याजूपुरा के साथ ही मिमलाना रोड, रामलीला टिल्ला, शाहबुद्दीनपुर समेत कई क्षेत्रों में रहने वाले डेढ़ लाख से अधिक लोगों को बड़ा फायदा होता। करीब चार साल पहले काली नदी पर पुल बनाए जाने के बाद करीब 400 मीटर तक सड़क निर्माण कराकर बाकी सड़क को अधूरा ही छोड़ दिया गया था। उस समय राज्य सेतु निगम द्वारा किसानों को मुआवजा न दिए जाने को आधार बनाकर सड़क निर्माण को अधूरा छोड़ा था, जबकि किसानों ने सड़क की उपयोगिता को देखते हुए किसी भी तरह का मुआवजा लेने से इंकार किया था। इसके बाद से आज तक इस अधूरी छोड़ी गई सड़क का निर्माण पूरा नहीं कराया गया है, जिससे पुल बनने के बावजूद इस क्षेत्र का न तो विकास हो पा रहा है और न ही आवागमन संबंधी समस्याओं का ही समाधान हो पा रहा है। उन्होंने बताया कि सड़क निर्माण न होने से इस मार्ग पर वाहनों का आवागमन नहीं हो पा रहा है। वहीं, कच्ची सड़क होने के कारण बारिश के समय यहां जलभराव व कीचड़ का जमावड़ा हो जाता है, जिससे वाहन तो दूर पैदल निकलना भी मुश्किल हो जाता है। वहीं, कच्ची सड़क पर ई-रिक्शा समेत अन्य छोटे वाहन ऊबड़-खाबड़ रास्ते की वजह से आए दिन पलट जाते हैं, जिससे राहगीर चोटिल हो जाते हैं। इस संबंध में कई बार क्षेत्रीय लोगों द्वारा जनप्रतिनिधियों के साथ ही डीएम समेत अन्य अफसरों से भी मिलकर शिकायती पत्र देते हुए सड़क निर्माण पूरा कराए जाने की मांग की जा चुकी है, लेकिन आज तक सडक निर्माण होना तो दूर, संबंधित विभाग द्वारा किसी तरह का आश्वासन तक नहीं दिया गया है। वहीं, स्थानीय समाजसेवी सरताज अहमद ने बताया कि करीब दो साल पूर्व तत्कालीन विधायक चंदन चौहान ने भी उक्त सड़क को अपनी निधि से बनवाए जाने की संस्तुति राज्य सेतु निगम से की थी, लेकिन उनके संस्तुति पत्र को भी विभाग व प्रशासन द्वारा ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। वहीं, इस पूरे क्षेत्र को दो साल से अधिक समय नगरपालिका में शामिल हुए हो चुका है, लेकिन नगरपालिका प्रशासन ने भी इस अधूरी सड़क को पूरा कराने की दिशा में कोई प्रयास आज तक नहीं किए हैं। ------- क्षेत्र में हैं एक दर्जन से अधिक स्कूल-मदरसे मुजफ्फरनगर। क्षेत्रीय निवासी मुजस्सिम व मोहसिन अंसारी ने बताया कि इस क्षेत्र में एक सरकारी स्कूल के साथ ही एक दर्जन से अधिक निजी स्कूल व मदरसे स्थित हैं, जिनके छात्र-छात्राएं इसी मार्ग से होकर स्कूल-मदरसे जाते हैं। वहीं, यह क्षेत्र किसान बाहुल्य है, जहां अधिकांश लोग खेती करते हैं और अपनी फसल मंडी में ले जाने के लिए वे इसी मार्ग का इस्तेमाल करते हैं। इसके साथ ही कांवड़ यात्रा के समय जब शहर के मार्ग वाहन संचालन के लिए बंद कर दिए जाते हैं, तब भी अन्य वाहन संचालक आवागमन के लिए इसी मार्ग का इस्तेमाल करते हैं। काली नदी पर पुल बनने के बाद यदि इस सड़क का भी निर्माण करा दिया जाता तो चरथावल मार्ग से होकर शहर में आने के लिए वैकल्पिक मार्ग मिलने से वाहन चालकों को काफी फायदा होता। वहीं, यह मार्ग शुरू होने से शामली रोड, हनुमान चौक व आबकारी रोड पर भी वाहनों का दबाव काफी कम हो जाता और शहर में दिन भर लगने वाले जाम की समस्या से भी लोगों को काफी बड़ी राहत मिल जाती। ------- --- शिकायतें और सुझाव --- शिकायतें --- - करीब चार साल पहले काली नदी पर पुल तो बना, लेकिन सड़क निर्माण को अधूरा ही छोड़ दिया गया, जिससे लोग पूरी तरह परेशान हैं। - सड़क निर्माण न होने के कारण पूरे मार्ग पर बारिश के समय जलभराव व कीचड़ जमा हो जाता है, जिससे पैदल चलना भी मुश्किल होता है। - सड़क निर्माण न होने से ऊबड़-खाबड़ सड़क पर ई-रिक्शा व अन्य छोटे वाहन आए दिन पलटते हैं, जिससे राहगीर चोटिल होते हैं। - सड़क न बनाए जाने के कारण शहर के शामली रोड पर वाहनों का दबाव कम नहीं हो पा रहा, जिससे शहर में पूरे दिन जाम लगता है। ----- सुझाव --- - राज्य सेतु निगम द्वारा तत्काल प्रभाव से समस्या का संज्ञान लेते हुए काली नदी पुल पर अधूरा छोड़ा गया सड़क निर्माण पूरा कराना चाहिए। - बरसात के समय होने वाली जलभराव व कीचड़ की समस्या के समाधान हेतु सड़क के दोनों ओर नाले का निर्माण कराया जाना चाहिए। - सड़क निर्माण कराए जाने तक कच्ची व ऊबड़-खाबड़ सड़क को भराव कराकर एक सार कराना चाहिए, ताकि वाहन पलटने से बच सके। - सड़क का निर्माण कराकर चरथावल रोड से आने वाले वाहनों को न्याजूपुरा की तरफ निकाला जाए, ताकि शहर में जाम की समस्या न रहे। -------- इन्होंने कहा --- देखिए, यह मामला पीडब्लूडी विभाग का है। यदि शहरी क्षेत्र में होगा तो जरूर सड़क बनवाने का काम किया जाएगा। इसकी पालिका की टीम को भेजकर जानकारी जुटाने के बाद विभागीय स्तर पर कार्रवाई की जाएगी। मीनाक्षी स्वरूप, चेयरपर्सन नगरपालिका ----- - काली नदी पर पुल बने तीन साल से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन आज तक पुल से न्याजूपुरा आने वाले मार्ग पर सड़क का निर्माण नहीं कराया गया है। हाजी इंतजार अंसारी, अल्पसंख्यक अध्यक्ष भारतीय किसान मजदूर संयुक्त मोर्चा ----- - काली नदी पुल से एक किलोमीटर की दूरी स्थित छप्परवाली मस्जिद तक सड़क बनाई जानी थी, लेकिन आज तक इस सड़क का अधूरा पड़ा निर्माण पूरा नहीं कराया गया है। इरफान ----- - काली नदी पुल बनने से क्षेत्र की करीब डेढ़ लाख की आबादी को फायदा होता, लेकिन सड़क न बनने से लोग अब परेशान हो चुके हैं। मुजस्सिम ----- - क्षेत्र में एक दर्जन से अधिक स्कूल-मदरसे हैं, जिनके छात्र-छात्राओं को यह मार्ग बनने से काफी राहत मिलेगी। प्रशासन को जल्द सड़क का निर्माण पूरा कराना चाहिए। मोहसिन अंसारी ----- - सड़क निर्माण पूरा न होने से पूरा मार्ग कच्चा व ऊबड-खाबड़ है, जिस पर आए दिन ई-रिक्शा व अन्य छोटे वाहन पलटते हैं, जिससे राहगीर चोटिल होते हैं। मोहम्मद इनाम ----- - काली नदी पुल बने हुए तीन साल से अधिक समय हो चुका है, लेकिन आज तक इससे जुड़ी एक किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण पूरा नहीं किया गया है। शाहरूख ----- - कच्ची पड़ी सड़क पर बरसात के समय भारी जलभराव व कीचड़ जमा हो जाता है, जिससे होकर वाहन निकलना तो दूर, पैदल भी नहीं चला जा सकता, जिससे परेशानी होती है। आस मोहम्मद ----- - राज्य सेत निगम द्वारा मुआवजे को आधार बनाकर सड़क निर्माण अधूरा छोड़ा गया था, लेकिन किसानों द्वारा मुआवजा न लेने संबंधी शपथ-पत्र दिए जाने के बावजूद सड़क निर्माण पूरा नहीं कराया जा रहा है। दीन मोहम्मद ----- - पुल के साथ सड़क बनाए जाने से शहर में शामली रोड-हनुमान चौक क्षेत्र में वाहनों का दबाव कम होगा, जिससे शहर क्षेत्र में जाम की समस्या से भी निजात मिलेगी। शाहनवाज ----- - पुल बनाए जाने के साथ ही यदि सड़क का भी निर्माण पूरा हो जाता तो चरथावल की तरफ से शहर में आने के लिए एक वैकल्पिक मार्ग मिलता, लेकिन यह उम्मीद आज तक अधूरी है। शमसाद अंसारी ----- - चरथावल मार्ग से शहर में आने वाले इस मार्ग पर सड़क बनने से शहर में शामली रोड क्षेत्र पर वाहन कम होते, जिससे शहर क्षेत्र को जाम की समस्या से राहत मिल जाती, लेकिन सड़क न बनने से यह उम्मीद पूरी नहीं हुई। शावेज एडवोकेट ----- - इस मार्ग पर बरसात के समय जलभराव व कीचड़ की बड़ी समस्या होती है, जिसके समाधान के लिए सड़क के दोनों ओर नाले का निर्माण कराया जाना चाहिए। मोहम्मद फैज ----- - काली नदी पुल से जुड़ी सड़क न बनने से न्याजूपुरा के साथ ही रामलीला टिल्ला व मिमलाना रोड के एक लाख से अधिक लोग वाहनों का आवागमन शुरू न होने से परेशान हैं। दिलशाद ----- - काली नदी पर करीब तीन साल पूर्व पुल का निर्माण पूरा हो गया था, लेकिन इससे जुड़ी सड़क आज तक भी पूरी नहीं बन पाई, जिससे स्थानीय लोगों की अपेक्षाएं पूरी नहीं हुई हैं। यूसुफ ----- - क्षेत्र में एक दर्जन से अधिक स्कूल व मदरसे के छात्र-छात्राओं को सड़क न बनने से किसी तरह की राहत नहीं मिल पा रही है, जिससे काफी परेशानियां होती हैं। मोहम्मद जीशान ----- - तीन साल से अधिक समय से अधूरी पड़ी सड़क का निर्माण कराने के लिए कई बार डीएम समेत अन्य अफसरों को भी शिकायती पत्र दिए गए, लेकिन आज तक सड़क का निर्माण पूरा नहीं हुआ। वाजिद ----- - सड़क निर्माण पूरा न होने से इस मार्ग पर केवल छोटे वाहन ही संचालित होते हैं और वे भी सड़क के गड्ढों में फंसकर आए दिन पलटते हैं, जिससे राहगीर चोटिल होते हैं। शोएब ----- - कांवड़ यात्रा के समय मार्ग बंद होने से इसी मार्ग का इस्तेमाल वाहन संचालक शहर आने-जाने के लिए करते हैं। सड़क निर्माण पूरा नहीं होने से स्थानीय लोगों के साथ ही राहगीरों को भी परेशानी होती है। शहजाद
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