गन्ना फसल के लिए बहुत महत्वपूर्ण जून माह : डीसीओ
Pilibhit News - डीसीओ खुशीराम ने पीलीभीत के गन्ना विकास परिषद के विभिन्न गांवों का दौरा कर गन्ना सर्वेक्षण की जानकारी ली। उन्होंने किसानों को बताया कि जून महीना गन्ना फसल के लिए महत्वपूर्ण है। उचित देखरेख से उत्पादन...

डीसीओ खुशीराम ने गन्ना विकास परिषद पीलीभीत के ग्राम मंगतपुर, कुकरा, मुड़िया रतनपुर और रम्पुरा टाह का भ्रमण कर गन्ना सर्वे के बारे में जानकारी हासिल की। उन्होंने किसानों ओमप्रकाश, चंद्रसेन, हरिशंकर मौर्य, सुरेंद्र से संवाद किया। डीसीओ ने बताया कि जून महीना गन्ना फसल के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इस समय फसल की उचित देखरेख से उत्पादन में वृद्धि और अधिक किल्लों की प्राप्ति सुनिश्चित की जा सकती है। वर्तमान में कुछ ऐसे कार्य हैं जिनको समय से करके गन्ने की उपज में वृद्धि की जा सकती है। इनमें महत्पूर्ण है मिट्टी चढ़ाना। गन्ने के पौधे जून-जुलाई माह में तेज़ी से ऊँचाई पकड़ते हैं।
इस समय पौधों के पास मिट्टी चढ़ाना अत्यंत आवश्यक होता है, जिससे पौधों को सहारा मिलता है और गिरने से बचाव होता है। इसके साथ ही यह प्रक्रिया नए किल्लों के स्वास्थ्य को भी प्रोत्साहित करती है, जिससे उत्पादन में वृद्धि होती है। अधिक स्वास्थ्य किल्ले पाने के लिए समय पर सिंचाई, निराई-गुड़ाई और मिट्टी चढ़ाना जरुरी है। इसके बाद संतुलित उर्वरक का प्रयोग करना जरुरी है। उन्होंने बताया कि यूरिया की दूसरी खुराक जून माह में अवश्य दें। जैविक खाद या गोबर की खाद भी डालें। ताकि मिट्टी में नमी और जीवांश बना रहे। खेत में पौधों के बीच खाली जगह छोड़ने से किल्लों को फैलने का स्थान मिलता है। पीली पत्तियों व सूखी झाड़ियों की समय-समय पर सफाई करें। लाल सड़न जैसी बीमारियों के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत प्रभावित पौधों को खेत से बाहर करें। समय-समय पर सिंचाई एवं जल प्रबंधन करें। मानसून की प्रतीक्षा में खेतों को सूखने न दें। कहा कि जरूरत पड़ने पर हल्की सिंचाई करें, लेकिन जलभराव से बचें। प्रत्येक सिचाई के बाद ओट आने पर गुड़ाई जरूर करें। नालियों की सफाई रखें ताकि वर्षा जल का आसानी से निकास हो सके। डीसीओ ने सभी गन्ना किसानों से अपील की कि वे बताए गए सभी कार्य समय से अपनाएं और गन्ने की उपज में वृद्धि के साथ-साथ अधिक किल्लों की प्राप्ति सुनिश्चित करे। इससे प्रति हेक्टेयर अधिक पैदावार प्राप्त हो सकेगी। अच्छी पैदावार कोई संयोग नहीं, बल्कि वह समय पर की गयी मेहनत और सही तकनिकी का परिणाम होता है। जून महीने में गन्ना फसल की गयी उचित देखभाल ही नवंबर मे गन्ने की मिठास बढ़ाती है।
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