दस लाख रुपये मुआवजा और सरकारी नौकरी की मांग को लेकर ग्रामीणों ने लगाया जाम
Pilibhit News - पूरनपुर में बाघ के हमले से महिला की मौत के बाद ग्रामीणों ने मुख्य मार्ग पर जाम लगा दिया। वे मृतका के परिवार को दस लाख रुपये का मुआवजा और एक सरकारी नौकरी की मांग कर रहे थे। घटना के बाद बाघ फिर से मौके...

पूरनपुर, संवाददाता। बाघ के हमले से महिला की मौत के बाद दूसरे दिन बुधवार को ग्रामीणों ने गांव के मुख्य मार्ग पर जाम लगा दिया। ग्रामीणों ने मृतका के परिवार को दस लाख रुपये का मुआवजा और एक को सरकारी नौकरी देने की मांग की। इस दौरान जाम के कारण आवागमन भी बंद रहा। हालांकि एक दिन पहले ही एसडीएम ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया था। नार्थखीरी वन प्रभाग के गांव रामनगर तिराहे के पास गांव की रेशमा को बुधवार की शाम करीब साढे सात बजे बाघ उस समय उठा ले गया था जब वह नल पर कुछ काम कर रही थी।
बाघ महिला को सीधे नाले के पार अपने वास स्थल पर ले गया। इस बीच आहट पर तमाम ग्रामीण मौके पर पहुंच गए और हो हल्ला करते हुए बाघ के ठिकाने पर पहुंच गए। महिला के शव को ग्रामीण बाहर ले आए थे। इसके बाद घटना को लेकर ग्रामीणों ने जाम लगाने का प्रयास किया और जमकर हंगामा किया था। ग्रामीणों के आक्रोश के चलते पुलिस शव को कब्जे में नहीं ले सकी थी।इधर जानकारी लगने के बाद देर रात करीब नौ बजे एसडीएम अजीत प्रताप सिंह और नायब तहसीलदार ऋषिकांत दीक्षित भी मौके पर पहुंच गए। अधिकारी जब ग्रामीणों से बातचीत कर उनको शांत कर दिया था। इसके बाद पुलिस ने अपनी कार्रवाई को शुरु करते हुए शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा था। दूसरे दिन बुधवार को फिर से ग्रामीणों ने गांव में मुख्य मार्ग पर जाम लगा दिया। ग्रामीण मृतका के परिवार को दस लाख रुपये मुआवजा और एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी की मांग रहे थे। समाचार लिखे जाने तक ग्रामीणों की ओर जाम खोला नहीं गया था। मौके पर नायब तहसीलदार ऋषिकांत दीक्षित और एसओ हजारा मौके पर ही ग्रामीणों को समझाने का प्रयास कर रहे थे। ... दोबारा फिर घटना स्थल पर आया बाघ ग्रामीणों की ओर से शोरगुल के बाद शव को बाहर लाया गया। इसके कुछ देर बाद ही बाघ फिर से घटना स्थल पर आ गया। इससे अफरा तफरी मच गई और भगदड़ मच गई। बाघ को खदेडने के लिए फायरिंग की गई। इससे बाघ चला गया। एसडीएम ने ग्रामीणों की बात को सुनकर आश्वासन दिया।इसके बाद ग्रामीण शांत हुए। देररात करीब एक बजे पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर अपनी कार्रवाई को शुरु किया। सुबह भी ग्रामीणों में घटना को लेकर आक्रोश देखा गया। ग्रामीणों का कहना हैकि पहले भी घटनाएं हो चुकी है। ...... बांस के झुंड में है बाघ का ठिकाना घटना स्थल से तीन सौ मीटर की दूरी पर ही जंगल है। यह जंगल करीब आठ हेक्टेयर का है। यहां पर बांस की झाड़ियां है। ग्रामीणों के अनुसार जंगल की शुरुआत में ही बांस की झाडियों में बाघ का ठिकाना बना हुआ है। यहां पर बाघ ने बैठने का स्थान भी बना लिया है। यहां पर कई जानवरों कीहड्डियां भी पड़ी देखी गई।ग्रामीणों ने बताया कि पूर्व में भी एक महिला पर बाघ ने हमला कर घायल कर दिया था।इसके बाद करीब बीस दिनों तक पिंजरा लगा रहा था। बाघ पकड़ा नहीं गया था। अब फिर से घटना हो गई। वनविभाग लापरवाही बरत रहा ह
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