बोले बेल्हा : विकास के दावों से दूर गांव के रास्तों में उड़ रही धूल
Pratapgarh-kunda News - प्रतापगढ़ के सराय गनई गाँव में विकास की कमी है, जहाँ कच्चे रास्ते और बिजली की समस्या है। ग्रामीणों ने कई बार अधिकारियों से मदद मांगी, लेकिन समस्याएँ जस की तस हैं। बारिश में रास्ते खराब हो जाते हैं,...
प्रतापगढ़ मुख्यालय से महज चार किलोमीटर की दूरी पर बसा बाबा बेलखरनाथ ब्लॉक का सराय गनई ग्राम पंचायत विकास के दावों से काफी दूर है। प्रतापगढ़-पट्टी राजमार्ग को जोड़ने वाला गांव का रास्ता कच्चा है। कई वर्ष से गांव वाले इसी रास्ते से शहर आते-जाते हैं। ईंट भट्ठों के ट्रैक्टरों के इसी रास्ते पर फर्राटा भरने के कारण धूल से पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। गांव के बच्चे इसी रास्ते विद्यालय जाते हैं। नहर पर पुलिया न होने के कारण कई बार बच्चे नहर में गिर चुके हैं। ग्रामीणों को बारिश के दिनों में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
ग्राम पंचायत के लोगों ने आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान से समस्याएं साझा करते हुए बताया कि उन लोगों ने समाधान के लिए तमाम प्रयास किया लेकिन आस अब तक अधूरी है। पट्टी-प्रतापगढ़ मुख्य मार्ग से करीब 300 मीटर अंदर स्थित ग्राम पंचायत सराय गनई जिला मुख्यालय से भी महज पांच किलोमीटर दूर है। आबादी भी तीन हजार के आसपास है लेकिन ग्राम पंचायत के चार पुरवे में विकास की आस अब तक अधूरी है। सरकारी योजनाएं यहां भी पहुंची लेकिन उनका लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि रास्ते कच्चे होने के कारण आज भी लोगों को घरों तक पहुंचना मुश्किल हो रहा है। ईंट भट्ठे के करीब से जाने वाले आम रास्ते पर धूल भरी है। ट्रैक्टर दूर तक धूल उड़ाते हैं। ट्रैक्टर जाने के दौरान बच्चों का आना जाना मुश्किल हो जाता है। बारिश सिर पर है। रास्तों पर पानी भरने से पैदल चलना मुश्किल हो जाता है। गांव में 15 घर ऐसे भी है जिनके यहां बारिश के दिन में कोई बीमार पड़ जाता है तो एम्बुलेंस 800 मीटर दूर खड़ी होती है और मरीज को कंधों पर लादकर ले जाना पड़ता है। ग्रामीणों ने बताया कि आज सरकारी कागज में भले ही पूरे जिले का विद्युतीकरण हो गया है लेकिन सराय गनई की विश्वकर्मा बस्ती में बांस-बल्ली के सहारे विद्युत आपूर्ति की जा रही है। इसके लिए कई बार अधिकारियों के साथ ही जनप्रतिनिधियों से भी गुहार लगाई लेकिन चंद पोल नसीब नहीं हो सके। बारिश में तार टूटकर गिरने से करंट दौड़ने का खतरा बना रहता है। जर्जर हो गया है पंचायत भवन, पानी को तरस रहा अमत सरोवर सराय गनई में यूं तो विकास की रूपरेखा तय करने, गांव के लोगों की बैठक करने के लिए 35 साल पहले पंचायत भवन बन गया था। अब वह बदहाल हो चुका है। दरवाजे खिड़कियां सब गायब हैं। ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत भवन नया बनना चाहिए। उसकी बाउंड्रीवॉल भी बननी चाहिए। गांव का अमृत सरोवर सूखने से भी लोग आहत हैं। लोगों का कहना है कि उमस भरी गर्मी में बेसहारा पशु पक्षियों को पानी नहीं मिल पा रहा है। निराश्रित मवेशी के साथ पक्षी भी तड़प रहे हैं। इसमें पानी भरने के लिए जिम्मेदारों का ध्यान नहीं जा रहा है। बांस-बल्ली के सहारे दौड़ाया गया केबल मात्र चार पुरवे की ग्राम पंचायत में चंद विद्युत पोल की दरकार अब तक अधूरी है। गांव की विश्वकर्मा बस्ती में लोगों बांस-बल्ली के सहारे लाइन जोड़कर कनेक्शन दे दिया गया है। इससे आए दिन घटनाएं होती हैं। लोगों के साथ ही मवेशी भी करंट की चपेट में आकर झुलस जा रहे हैं। कई बार विद्युत पोल लिए मांग की गई, लेकिन यह मांग अब तक अधूरी है। दूसरे गांव में बना सामुदायिक शौचालय, नहीं खुलता ताला सरकार की ओर से हर गांव में सामुदायिक शौचालय की योजना सराय गनई में भी आई थी। हालांकि बजट आने के बाद यहां शौचालय का निर्माण दूसरे गांव गनईडीह में करा दिया गया। उसमें हमेशा ताला बंद रहता है। इस गांव के लोग वहां कभी जाते भी नहीं। ऐसे में उसे संचालित नहीं किया जा सका। ठेकेदार अधूरी छोड़कर चला गया इंटरलॉकिंग गांव में पूर्व सांसद संगमलाल गुप्ता ने अपने कार्यकाल में 100 मीटर इंटरलॉकिंग अपनी निधि से दिया था। ठेकेदार ने इसका निर्माण शुरू किया। रास्ते में दोनों ओर से नींव बनाकर बालू भरने का काम किया गया लेकिन उसे पूरा नहीं किया। गांव के लोगों ने गुणवत्ता को लेकर शिकायत की तो ठेकेदार चला गया और फिर नहीं लौटा। जरा हमारी भी सुनिए... गांव में इंटरलॉकिंग सड़क पास हुई थी। ठेकेदार की ओर से किनारे-किनारे की दीवार बनाकर बालू भरने का काम किया जाने लगा। सड़क में खामी होने पर गांव वालों ने विरोध किया। साल भर होने वाला है ईंट बिछाए बिना ठेकेदार चला गया जो अबतक नहीं आया। अशोक कुमार सिंह सरकार स्वच्छ भारत मिशन के तहत हर ग्रामसभा में कूड़ाघर बनवाकर, कूड़ा गाड़ी भी आवंटित कर रही है। सरायगनई गांव में कूड़ाघर तो नहीं बना लेकिन कूड़ा गाड़ी आवंटित हो गई। उसका उपयोग न के बराबर हो रहा है। हनुमान सिंह गांव की सबसे बड़ी समस्या रास्तों की है। बारिश में गांव के रास्तों पर पैदल चलना मुश्किल हो जाता है। गांव में 15 घर ऐसे भी हैं जिनके यहां अगर बारिश के दिन में कोई बीमार पड़ जाता है तो एंबुलेंस 800 मीटर दूर खड़ी होती है और मरीज को कंधों पर लादकर ले जाना पड़ता है। राजेश कुमार गांव में बना पंचायत भवन 35 साल पुराना है। इस समय जर्जर हालत में है। यहां दूसरा पंचायत भवन के साथ ही उसकी बाउंड्रीवॉल बननी चहिए। इसके परिसर में सौंदर्यीकरण होना चाहिए। महेंद्र कुमार सिंह गांव का अमृत सरोवर सूखा पड़ा है। इससे बेसहारा पशु पक्षियों को पीने के लिए पानी नहीं मिल पा रहा है। गांव के तालाबों का कनेक्शन नहर से कर देना चाहिए। जिससे अगर नहर में पानी आए तो तालाबों में पानी पहुंच जाए। राजीव कुमार सिंह गांव से बाहर निकलने वाले रास्ते पर नहर पर जो पाइप पड़ी है वह स्कूली बच्चों के लिए काफी खतरनाक है। बारिश के दिनों में बच्चे फिसल कर नहर में गिर पड़ते है। इस पर पक्के पुल का निर्माण होना चाहिए। डब्बू यादव गांव का जो रास्ता प्रतापगढ़-पट्टी राजमार्ग से जुड़ता है उस पर तो चलना मुश्किल है। इसी रास्ते से सटा हुआ ईंट भट्ठा है। उसके ट्रैक्टर इस रास्ते पर बेतरतीब तरीके से दौड़ते हैं। भट्ठा मलिक को इस पर अंकुश लगाना चाहिए और पानी का छिड़काव कराना चाहिए। कंचन देवी गांव में सफाई कर्मचारी की डयूटी नियमित होनी चहिए। हर तरफ नालियों की अच्छे तरीके से सफाई होनी चाहिए। ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव होना चाहिए ताकि गंदगी से पनप रहे मच्छरों से निजात मिल सके। हीरावती गांव में बारिश में कच्चे रास्तों पर चलना सबसे बड़ी दिक्कत होती है। दो-तीन ऐसे रास्ते हैं जिन पर दो पहिया, चार पहिया की बात छोड़िए पैदल चलना भी काफी संघर्ष मय रहता है। रामचंद्र गांव में बने प्राथमिक विद्यालय के बाउंड्री परिसर में लगा खुला विद्युत तार काफी ढीला हो गया है। इससे परिसर मे खेल रहे स्कूली बच्चों पर खतरा मंडराता रहता है। यहां विद्युत विभाग को केबल लगानी चाहिए। ताकि बच्चों के साथ किसी प्रकार की दुर्घटना न होने पाए। शिवकुमार बोले जिम्मेदार बाबा बेलखरनाथ धाम की सराय गनई ग्राम पंचायत की समस्याओं का खंड विकास अधिकारी से बात कर समाधान कराया जाएगा। प्राथमिक विद्यालय परिसर में खुला विद्युत तार बदलवाया जाएगा। गांव में इंटरलॉकिंग सड़क अधूरी क्यों छोड़ी गई है इसकी जनकारी कर इसे पूरा कराया जाएगा। तनवीर अहमद, एसडीएम पट्टी
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