Public Toilets in Prayagraj Issues with Fees and Accessibility बोले प्रयागराज : स्मार्ट सिटी में ये कैसी व्यवस्था, लघुशंका के लिए भी लोगों से वसूला जा रहा शुल्क, Prayagraj Hindi News - Hindustan
Hindi NewsUttar-pradesh NewsPrayagraj NewsPublic Toilets in Prayagraj Issues with Fees and Accessibility

बोले प्रयागराज : स्मार्ट सिटी में ये कैसी व्यवस्था, लघुशंका के लिए भी लोगों से वसूला जा रहा शुल्क

Prayagraj News - प्रयागराज में सार्वजनिक शौचालयों की संख्या तो बढ़ी है, लेकिन इनका संचालन और शुल्क वसूली में समस्याएं हैं। स्नान और शौच के लिए अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग शुल्क लिया जा रहा है, जबकि कई जगह मूत्रालय के...

Newswrap हिन्दुस्तान, प्रयागराजTue, 3 June 2025 06:01 PM
share Share
Follow Us on
बोले प्रयागराज : स्मार्ट सिटी में ये कैसी व्यवस्था, लघुशंका के लिए भी लोगों से वसूला जा रहा शुल्क

प्रयागराज, हिन्दुस्तान टीम। शहर साफ सुथरा रहे और लोगों को जरूरत पर इधर उधर न भटकना पड़े इसके लिए सार्वजनिक शौचालय-मूत्रालय होने चाहिए लेकिन इनका संचालन किस प्रकार हो रहा है इसकी भी निगरानी जरूरी है। शहर के विभिन्न हिस्सों में बड़ी संख्या में सार्वजनिक शौचालय संचालित हो रहे हैं लेकिन स्नान, शौच आदि के लिए मनमाने तरीके से अलग-अलग जगह अलग-अलग शुल्क वसूला जा रहा है। गंभीर बात यह है कि स्मार्ट सिटी में इन सार्वजनिक सुविधाओं में लघुशंका के लिए भी शुल्क वसूला जा रहा है। बात अगर एमजी मार्ग की करें तो मेडिकल कॉलेज चौराहे से पत्थर गिरजाघर तक आधा दर्जन से अधिक सार्वजनिक शौचालय संचालित किए जा रहे हैं लेकिन इनकी दरों में एकरूपता नहीं है।

कहीं स्नान के लिए दस रुपये तो कहीं पंद्रह रुपये लिए जा रहे हैं। शौच के लिए भी कहीं पांच रुपये तो कहीं दस रुपये देने पड़ते हैं। सार्वजनिक शौचालयों में आम शहरियों को मूत्रालय की सुविधा के उपयोग के लिए भी पैसा देना पड़े तो लोग व्यवस्था पर सवाल उठाएंगे ही। शहर के कुछ स्थानों को छोड़ दिया जाए तो अधिकांश शौचालयों में मूत्रालय की सुविधा के लिए भी शुल्क वसूला जा रहा है। लोगों के पास दो ही विकल्प बचते हैं या तो शुल्क अदा करें या फिर दीवारों को गंदा करें। फुटकर का अभाव, शुल्क न देने की जिद जैसे तमाम कारणों से लोग इनका उपयोग न कर दीवारे गंदी कर रहे हैं जिससे शहर की सूरत बिगड़ रही हैं। लोगों का कहना है कि अगर मूत्रालय जैसी सुविधा के लिए भी शुल्क देना पड़े तो यह तो अंधेरगर्दी है। लोगों ने बताया कि मेडिकल चौराहे से पत्थर गिरजाघर तक की दूरी में करीब आधा दर्जन सार्वजनिक शौचालय चल रहे हैं। मेडिकल चौराहे पर बना शौचायलय मात्र महिलाओं के लिए है। हनुमान मंदिर चौराहे पर शौचालय में शौच के लिए दस रुपये और लघुशंका के लिए दो रुपये शुल्क निर्धारित है जिसकी बकायदा बाहर शुल्क सूची भी लगी हुई है। सिविल लाइंस रोडवेज बस अड्डे पर मूत्रालय तो निशुल्क है लेकिन स्नान के लिए दस रुपये लिए जाते हैं जबकि बस अड्डे के बाहर बने शौचालय में लघुशंका के लिए भी शुल्क लिया जाता है। हालत यह है कि कहीं शौच के लिए दस रुपये तो कहीं पांच रुपये लिया जा रहा है। शौचालय पर लटका रहता है ताला कहने को तो इन सार्वजनिक शौचालयों के खुलने और बंद होने का समय निर्धारित है लेकिन इसका पालन नहीं होता। संचालक सुबह-शाम ही शौचायल खोलते हैं और दिन में ताला बंद कर चले जाते हैं। दिन में जब लोग जरूरत पर यहां पहुंचते हैं तो उन्हें ताला मिलता है। भरद्वाज आश्रम कॉरिडोर परिसर में तो सार्वजनिक शौचालय अरसे तक बंद रहा जिससे लोग परेशान रहे, शिकायतें भी की लेकिन इसका संचालन शुरू नहीं हो पाया जिससे बाहर से आए लोगों को परेशानी होती है। लोगों का कहना है कि शहर में चल रहे सार्वजनिक शौचालयों की निगरानी जरूरी है जिससे पता चले कि इनका संचालन किस प्रकार हो रहा है, कितना शुल्क वसूला जा रहा है और सुविधाएं कैसी हैं। मूत्रालय की व्यवस्था नि:शुल्क है अथवा नहीं। जिम्मेदार अगर इनकी बराबर निगरानी करें तो संचालकों की मनमानी पर रोक लग सकती है। अखरती है पिंक टॉयलेट की कमी शहर में महिलाओं की सुविधा के लिए पिंक टॉयलेट बेहद कम हैं, जिससे घर से बाहर निकली महिलाओं को परेशानी का सामना करना पड़ता है। बात अगर महात्मा गांधी मार्ग की करें तो सीएमपी डिग्री कॉलेज से पत्थर गिरजाघर के बीच मात्र एक पिंक टॉयलेट है। महिलाओें का कहना है कि जिस प्रकार मेडिकल चौराहे पर पिंक टॉयलेट बना है उसी प्रकार सभी मुख्य बाजार के आसपास एवं मुख्य मार्ग पर भी पिंक टॉयलेट बनाने चाहिए जिससे महिलाओं को सहूलियत हो। शिकायतें -सार्वजनिक शौचालयों में नि:शुल्क मूत्रालय की सुविधा नहीं है, शुल्क वसूला जा रहा। -स्नान, शौच आदि के शुल्क में एकरूपता नहीं हैं, हर जगह अलग-अलग शुल्क है। -शौचालयों के खुलने बंद होने के समय का पालन नहीं किया जा रहा है। कई जगह ताला लगा रहता है। -लगेज रूम के अभाव में लोगों को अपने सामान की सुरक्षा खुद करनी पड़ती है। समाधान - -सभी सार्वजनिक शौचालयों में मूत्रालय की नि:शुल्क सुविधा की जाए। -सभी जगह समान रूप से शुल्क लिया जाए और इसकी निगरानी हो। -शौचालयों के खुलने और बंद होने के समय का पालन हो। -लोग अपना सामान सुरक्षित रख सकें इसके लिए तालायुक्त लॉकर की व्यवस्था हो । --हमारी भी सुनें-- जरूरत पर ही लोग यहां आते हैं, हनुमान मंदिर चौराहे के शौचालय में हमसे शौच के लिए दस रुपये शुल्क लिया गया। बस अड्डे के पास पांच रुपये लगते हैं। मजबूरी में जो मांगे देना पड़ता है। -राजू कहने को तो मूत्रालय की सुविधा नि:शुल्क है लेकिन संचालक इसका शुल्क वसूल रहे हैं। लोग दो रुपये फुटकर कहां से लाएं, फुटकर न होने पर बाहर जगह तलाशनी पड़ेगी। जिम्मेदारों को इस पर ध्यान देना होगा।-शिवलाल यादव हर जगह मूत्रालय नि:शुल्क रहती है फिर यहां क्यों शुल्क वसूला जा रहा है। जिम्मेदार आखिर कर क्या रहे हैं। यह बेहद गंभीर मुद्दा है, सभी शौचालयों में मूत्रालय नि:शुल्क हो तो लोगों को काफी सहूलियत होगी।-हरिओम शहर साफ सुथरा रहे और लोग दीवारें गंदी न करें इसके लिए जगह-जगह नि:शुल्क मूत्रालय बनाया जाना चाहिए। सभी सार्वजनिक शौचालयों में यह सुविधा निशुल्क होनी चाहिए ताकि लोगों को बाहर गंदगी न करें।-वशिष्ठ सार्वजनिक शौचालयों में लघुशंका के लिए पैसा लिया जा रहा है, जिम्मेदार इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। इनके खुलने बंद होने का समय भी पता नहीं रहता, बिग बाजार के पास शौचालय दिन में बंद रहता है।-राकेश कुमार स्नान के लिए कहीं दस रुपये शुल्क है तो कहीं पन्द्रह रुपये लिए जा रहे हैं। अलग-अलग जगह शुल्क अलग क्यों है इसे बताने वाला कोई नहीं है। सभी जगह शुल्क समान होना चाहिए ताकि लोगों को सहूलियत हो।-अजय साहू सार्वजनिक शौचालयों की संख्या बढ़ाकर उनमें सुविधाएं मुहैया कराई जाएं तो लोगों को काफी राहत मिल सकेगी। शौचालय साफ रहने चाहिए और इनका शुल्क भी एक समान रहना चाहिए ताकि लोगों को परेशानी न हो।-संजय कुशवाहा यहां आने वाले लोगों को अपने सामान की सुरक्षा की चिंता बनी रहती है। लोगों के सामान सुरक्षित रहें इसके लिए अलमारी या लगेज केबिन की व्यवस्था की जानी चाहिए ताकि लोग निश्चिंत होकर अपनी दैनिक क्रिया कर सकें।-राजेन्द्र प्रसाद सुभाष चौराहे पर बिग बाजार के पास का शौचालय हमेशा बंद रहता है जिससे दिन में लोग इधर उधर परेशान होते हैं। शौचालय दिन में खुला रहे तो जरूरी काम से निकले लोग इसका उपयोग कर सकेंगे।-अक्षय मूत्रालय जैसी जरूरी नागरिक सुविधा सबको निशुल्क मुहैया कराना प्रशासन का काम है। अगर सार्वजनिक शौचालय संचालक इसका शुल्क वसूल रहे हैं तो यह गलत है। सभी जगह मूत्रालय की व्यवस्था निशुल्क होनी चाहिए।-मंसूर अहमद मूत्रालय की व्यवस्था नि:शुल्क हो तो लोगों को परेशान न होना पड़े। लघुशंका के लिए पैसा नहीं लिया जाना चाहिए। स्नान और शौच के लिए भी न्यूनतम शुल्क लिया जाना चाहिए तो ठीक रहेगा।-नागेश पांडेय सार्वजनिक शौचालयों पर शुल्क कम करना चाहिए ताकि लोगों को परेशान न होना पड़े। कहीं-कहीं स्नान के लिए पन्द्रह रुपये तक लिए जा रहे हैं, हर जगह अलग शुल्क क्यों है, जिम्मेदार इस पर ध्यान दें।-राकेश कुमार सभी चाहते हैं कि शहर स्वच्छ रहे, यदि मूत्रालय की व्यवस्था नि:शुल्क हो तो लोग इधर उधर गंदगी नहीं करेंगे। सार्वजनिक शौचालयों पर लघुशंका का शुल्क लेना सरासर गलत है। इस पर रोक लगनी चाहिए।-अनीस शौचालयों में सुविधाएं बढ़ानी चाहिए, सामान सुरक्षित रखने की व्यवस्था होनी चाहिए। इनके खुलने बंद होने का समय निर्धारित होना चाहिए तो लोगों को इसका वास्तविक लाभ मिल सकेगा। मूत्रालय निशुल्क होना चाहिए।-सूरज सभी जगह एक समान शुल्क हो तो अच्छी बात है लेकिन कहीं कम शुल्क ले रहे हैं तो कहीं ज्यादा। बस अड्डे पर तो नहाने के लिए पंद्रह रुपये खर्च करने पड़ते हैं। कई जगह लघुशंका के लिए भी पैसा लिया जा रहा है।-अमरजीत मूत्रालय जैसी जरूरी नागरिक सुविधा के लिए अगर पैसा देना पड़े तो प्रशासन किस लिए है। निशुल्क मूत्रालय होनी चाहिए है। जिम्मेदार इसे गंभीरता से लेकर सभी जगह निशुल्क मूत्रालय की व्यवस्था करें।-अनुज सिंह सार्वजनिक शौचालय की संख्या बढ़ानी चाहिए ताकि लोग इसका प्रयोग करें और शहर में गंदगी न हो। सिविल लाइंस में तो कई जगह हैं लेकिन अन्य बाजारों तलाशना पड़ता है। पुराने शहर में इसकी अधिक जरूरत है।-सोनू सिंह मूत्रालय के लिए शुल्क नहीं लिया जाना चाहिए यह जरूरी सुविधा निशुल्क होनी चाहिए। कुछ जगह इसके लिए शुल्क लिया जा रहा है। जिम्मेदारों को इस पर ध्यान देना होगा ताकि आम लोग परेशानी से बच सकें।-मुशीर बोले जिम्मेदार सार्वजनिक शौचालयों में मूत्रालय का शुल्क नहीं लिया जाना चाहिए, इसके लिए संचालकों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं। इसके बावजूद अगर शुल्क लिया जा रहा है तो पता लगाकर इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।-दीपेन्द्र यादव, अपर नगर आयुक्त, नगर निगम प्रयागराज

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।