14 मार्च को मनाई जाएगी होली, भारत में नहीं दिखेगा चंद्र ग्रहण
Sambhal News - ज्योतिषाचार्य पंडित शोभित शास्त्री के अनुसार, होली का त्योहार 14 मार्च को मनाया जाएगा। होलिका दहन 13 मार्च की रात होगा, लेकिन इस बार भद्रा का साया रहेगा। चंद्र ग्रहण 14 मार्च को होगा, जो भारत में नहीं...

ज्योतिषाचार्य पंडित शोभित शास्त्री ने बताया कि इस साल रंगों का त्योहार होली 14 मार्च दिन शुक्रवार को मनाई जाएगी। पंचांग के अनुसार, इस वर्ष फाल्गुन पूर्णिमा तिथि 13 मार्च को सुबह 10 बजकर 35 मिनट से 14 मार्च को दोपहर 12 बजकर 23 मिनट तक है। 13 मार्च की रात होलिका दहन किया जाएगा और उसके अगले दिन होली मनाई जाएगी। हालांकि इस बार होलिका दहन पर भद्रा का साया है। साल का पहला चंद्र ग्रहण होली के दिन 14 मार्च को लगेगा। चंद्र ग्रहण का प्रारंभ सुबह में 09:29 बजे से होगा और इसका समापन दोपहर में 03:29 बजे होगा। चंद्र ग्रहण का सूतक काल 9 घंटे पहले ही प्रारंभ हो जाएगा। इसमें कोई भी शुभ कार्य नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि साल का पहला चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। इसके कारण यहां पर ना तो चंद्र ग्रहण का कोई दुष्प्रभाव होगा और ना ही इसका कोई सूतक काल मान्य होगा। ऐसे में होली के त्योहार पर चंद्र ग्रहण का साया नहीं होगा। आप 14 मार्च को हर्षोल्लास के साथ होली का त्योहार मनाएं। अपनों के साथ रंग और गुलाल खेलें। भारत में इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। इसका प्रभाव मुख्य रूप से ऑस्ट्रेलिया, यूरोप व अफ्रीका के अधिकांश क्षेत्र के अलावा प्रशांत, अटलांटिक, आर्कटिक महासागर, उत्तरी व दक्षिणी अमेरिका, पूर्वी एशिया और अंटार्कटिका पर पड़ेगा। भारत में चंद्र ग्रहण दिखाई नहीं देगा, क्योंकि चंद्र ग्रहण भारतीय समय अनुसार दिन में घटित होने वाला है। उन्होंने बताया कि पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि 13 मार्च को सुबह 10 बजकर दो मिनट पर लग जाएगी। इस दिन भद्रा का साया भी रहेगा, जो रात 10 बजकर 44 मिनट पर समाप्त होगा। होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 13 मार्च रात 10:44 बजे के बाद, मध्य रात्रि में केवल 1 घंटा 4 मिनट का समय रहेगा। भद्रा के दौरान होलिका दहन करने से अशुभ फल मिल सकते हैं। होलिका दहन की परंपरा पुरानी है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। भद्रा को अशुभ माना जाता है और इसकी अवधि में किसी भी शुभ कार्य को करने से बचने की सलाह दी जाती है। इस बार फाल्गुन पूर्णिमा पर भद्रा का साया होने के कारण होलिका दहन का शुभ समय रात के मध्य में रहेगा। ज्योतिष के अनुसार, भद्रा काल में होलिका दहन अशुभ माना जाता है। भद्रा समाप्ति-13 मार्च को रात 10:44 बजे तक। मध्य रात्रि के बाद शुभ मुहूर्त की अवधि 1 घंटा 4 मिनट रहेगी।
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