Interstate Insurance Fraud Gang Member Arrested in Rajpura Millions Stolen from Victims फर्जी बीमा गिरोह का एक और सदस्य गिरफ्तार, Sambhal Hindi News - Hindustan
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फर्जी बीमा गिरोह का एक और सदस्य गिरफ्तार

Sambhal News - रजपुरा थाना पुलिस ने एक अंतरराज्यीय फर्जी बीमा गिरोह के सदस्य को गिरफ्तार किया, जो मरणासन्न और मृत व्यक्तियों के नाम पर बीमा कर ठगी करता था। आरोपी ने कमल सिंह के दस्तावेजों का दुरुपयोग कर 5 लाख रुपये...

Newswrap हिन्दुस्तान, संभलSun, 4 May 2025 07:25 PM
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फर्जी बीमा गिरोह का एक और सदस्य गिरफ्तार

रजपुरा थाना पुलिस ने रविवार को अंतरराज्यीय फर्जी बीमा गिरोह के एक और सदस्य को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी विभिन्न बीमा कंपनियों को करोड़ों की चपत पहुंचा चुके गिरोह का सक्रिय सदस्य है। पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं, जिसमें बताया गया कि किस तरह यह गिरोह मरणासन्न और मृत व्यक्तियों के नाम पर बीमा कर उन्हें ठगने का काम करता था। अंतरराज्यीय फर्जी गिरोह के सदस्य बबराला के मोहल्ला छतरी चेयरमैन वाली गली निवासी दीशू उर्फ हर्षित शर्मा ने एटा जिले में कटेलिया अवागढ़ निवासी कमल सिंह को आर्थिक लाभ दिलाने का झांसा देकर उनके दस्तावेज ले लिए।

आरोपी ने आधार कार्ड व अन्य दस्तावेजों में संशोधन कराकर पता सी-ब्लॉक राजीव नगर मंडोली सबोली नई दिल्ली दर्ज करा दिया और टाटा एआईए लाइफ इंश्योरेंस में बीमा करा दिया। पॉलिसी के नॉमिनी कमल सिंह के नाम पर फर्जी तरीके से यस बैंक अनूपशहर शाखा में गिरोह के सदस्य नितिन चौधरी के नाम खाता खुलवाया, जिसमें मोबाइल नंबर भी उसी का था। सुनीता की मौत के बाद बीमा क्लेम की 5 लाख रुपये की रकम निकाल ली गई। पुलिस ने जब पॉलिसी में नॉमिनी कमल सिंह से पूछताछ की गई तो उसने हस्ताक्षर करने और बैंक शाखा में जाने से साफ इनकार कर दिया। उसने बताया कि उसे आर्थिक लाभ दिलाने का झांसा देकर नोएडा में बीमा क्लेम के फॉर्म पर हस्ताक्षर कराए थे। 13 जनवरी को उसके खाते से चैक द्वारा 5 लाख रुपये निकाले गए। पुलिस ने कमल सिंह के खाते की केवाईसी व आहरण चैक के बारे में जानकारी की, तो कमल सिंह के खाते की केबाईसी सेल्फ चैक के माध्यम से 5 लाख का भुगतान यश बैंक अनूपशहर में नितिन चौधरी जो फर्जी बीमा के मामले में जेल में बंद है उसके खाते में किया गया था। कई आरोपी पहले से जेल में संभल। पुलिस जांच में सामने आया कि गिरोह के अन्य सदस्य रवि शर्मा, नितिन चौधरी, महेंद्र और सिम विक्रेता प्रेमपाल पहले से ही जेल में हैं। गिरोह गरीब और अनजान लोगों को बहला-फुसलाकर उनके नाम, दस्तावेज और बैंक खाते इस्तेमाल करता था। आरोपी हर्षित शर्मा ने फर्जी मोबाइल नंबर भी एक अन्य व्यक्ति की आईडी पर सिम लेकर एक्टिव कराया था। खुद करते हैं नॉमिनी के खातों का संचालन संभल। आरोपी दीशू उर्फ हर्षित शर्मा ने पुलिस को बताया कि वह बबराला में रवि शर्मा के साथ काम करता था। आईसीआईसी प्रूडिंशयल,पीएनबी मेटालाईफ, बजाज एलाईंस, एसबीआई जीवन बीमा आदि कंपनियों में बीमा कराता है। नॉमिनी के खातों का संचालन गिरोह के सदस्य करते हैं। खातों के डेबिट कार्ड अपने पास रखते हैं और मोबाइल नंबर भी अपना रखते हैं। मौत के बाद जब बीमा का पैसा खातों में आता है, तो उसमें कुछ हिस्सा परिवार को देकर शेष रकम बांट लेते हैं। दीशू उर्फ हर्षित शर्मा जोकि अंतरराज्यीय फर्जी बीमा गिरोह का सदस्य है, उसे गिरफ्तार किया गया है। 18 जनवरी को इस गिरोह का सरगना ओंकारेश्वर मिश्रा व उसके अमित को गिरफ्तार किया था। उनके पास से साढ़े ग्यारह लाख रुपये भी बरामद हुए थे, जिसमें से पांच लाख रुपये की गड्डियां बनी हुई थीं, और यश बैंक शाखा अनूपशहर की मोहर लगी थी। पुलिस ने बैंक से एक लाख से अधिक रुपये निकालने वालों का डेटा लेकर जांच की तो कमल सिंह के खाते को चैक किया, उनके खाते से चैक के माध्यम से पांच लाख रुपये निकले थे। मोबाइल नंबर राजू गिरी नाम के व्यक्ति का था, उनसे पूछताछ की गई तो सामने आया कि दीशू ने सिम एक्टिवेट कराया था। दीशू से पूछताछ की तो बताया कि उसने मरणासन्न महिला सुनीता की पॉलिसी कराकर क्लेम की राशि हड़पी थी। अनुकृति शर्मा, एएसपी दक्षिणी

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