Pujaari Sentenced to 20 Years for Rape of 4-Year-Old Girl in Santkabirnagar मासूम बालिका संग दुष्कर्म करने के आरोपी को बीस वर्ष का सश्रम कारावास, Santkabir-nagar Hindi News - Hindustan
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मासूम बालिका संग दुष्कर्म करने के आरोपी को बीस वर्ष का सश्रम कारावास

Santkabir-nagar News - संतकबीरनगर में 4.5 वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म के आरोपी पुजारी को 20 वर्ष की सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई। आरोपी ने बच्ची को खाना खिलाने के बहाने अपने घर बुलाया। कोर्ट ने घटना के एक साल चार महीने...

Newswrap हिन्दुस्तान, संतकबीरनगरSat, 19 April 2025 10:20 AM
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मासूम बालिका संग दुष्कर्म करने के आरोपी को बीस वर्ष का सश्रम कारावास

संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले में साढ़े चार वर्षीय मासूम बालिका के साथ दुष्कर्म करने के आरोपी को एडीजे एवं विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट कृष्ण कुमार पंचम की कोर्ट ने दोषसिद्ध करार देते हुए बीस वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। आरोपी पुजारी पर खाना खिलाने के बहाने घर ले जा करके दुष्कर्म करने का आरोप लगाया गया था। पाक्सो कोर्ट ने यह फैसला घटना के एक वर्ष चार माह में सुनाया। कोर्ट ने आरोपी पर सजा के साथ दस हजार रुपए का अर्थदण्ड भी लगाया है। अर्थदण्ड का भुगतान न करने पर आरोपी को एक वर्ष की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। कोर्ट ने अर्थदण्ड की दस हजार रुपए की सम्पूर्ण धनराशि पीड़िता को देने का भी फैसला सुनाया है। इसके साथ ही कोर्ट ने पीड़िता को नालसा प्रतिकर स्कीम के अंतर्गत 25 हजार रुपए का प्रतिकर देने का भी फैसला दिया।

विशेष लोक अभियोजक पाक्सो एक्ट अभिमन्यु पाल, सत्य प्रकाश गुप्ता, सत्येन्द्र शुक्ल, अनिल कुमार सिंह ने बताया कि घटना 2 दिसम्बर 2023 की है। एमआईएस टीकाकरण रजिस्टर के अनुसार घटना के समय पीड़िता की उम्र 4 वर्ष 10 माह 11 दिन थी। प्रकरण में पीड़िता की मां ने अभियोग पंजीकृत कराया था। उनका आरोप था कि घटना के दिन समय लगभग चार बजे शाम को उनकी चार वर्षीय मासूम पुत्री खेलते हुए पुजारी पुत्र चन्द्रदेव के दरवाजे पर चली गई। पुजारी घर पर मौजूद था। खाना खिलाने के बहाने पुत्री को अपने कमरे में बुलाया और दुष्कर्म किया। पुत्री ने घर आ करके बताया, उसके प्राइवेट पार्ट से पानी गिर रहा था। पुत्री डरी सहमी थी और ठीक से चल नहीं पा रही थी। पुलिस ने आरोपी को तीन दिसम्बर को ही रात में गिरफ्तार कर लिया था। विशेष लोक अभियोजक अभिमन्यु पाल ने बताया कि प्रकरण में सात साक्षी न्यायालय में प्रस्तुत किए गए। सभी ने घटना का समर्थन किया। पक्षों की बहस सुनने के पश्चात एडीजे व विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट कृष्ण कुमार पंचम की कोर्ट ने आरोपी पुजारी को दोषसिद्ध करार देते हुए बीस वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई।

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