मां सिद्धिदात्री की आराधना के साथ वासंतिक नवरात्र का हुआ समापन
Sitapur News - सीतापुर और नैमिषारण्य में वासंतिक नवरात्र की महानवमी पर श्रद्धालुओं ने बड़े उत्साह के साथ पूजा-अर्चना की। देवी मंदिरों में जयकारों के बीच हवन, भंडारे और कन्या पूजन का आयोजन किया गया। भक्तों ने मां...

सीतापुर, संवाददाता। वासंतिक नवरात्र की महानवमी पर घरों और मंदिरों में आस्था का सैलाब उमड़ा। देवी मंदिर पूरा दिन जय माता दी के बोल के साथ मां के जयकारे गुंजायमान रहे। सुबह से मैया के जयकारे मंदिरों में गूंज रहे थे। मंदिरों पर विशेष रूप से सजावट की गई थी। जय माता दी के उद्घोष से दिन भर मंदिरों में घंटे-घड़ियाल बजते रहे। घरों व मंदिरों में हवन की सुगंध महकती रही। नवरात्र व्रत रख रहे श्रद्धालुओं ने पूर्णाहुति के साथ अनुष्ठान पूरा किया और कन्याओं व लांगुर को भोज करा कर अपने व्रत का पारण किया। महानवमी के मौके पर श्रद्धालुओं द्वारा जगह-जगह हवन-यज्ञ और भंडारों का आयोजन भी किया गया। नवरात्र महापर्व की दुर्गा नवमी पर सुबह से ही मातारानी के मंदिरों पर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही और माता के जयकारों के मध्य पूजा अर्चना का सिलसिला चलता रहा। तेज धूप, तपिश और 40 डिग्री सेल्सियस का तापमान भी देवी भक्तों के कदम नहीं डिगा सका। देवी मंदिरों पर पूजा अर्चना के लिए भीड़ का अतिरेक देखते ही बना। महिलाओं के साथ पुरुष और बच्चे भी पूजा अर्चना में तल्लीन थे। श्रद्धालुओं ने माता का श्रृंगार कर उन्हें पोशाक और चुनरी पहनाई तथा महिलाओं ने सुहाग और श्रृंगार का सामान भी अर्पित किया। पूजा अर्चना के साथ मंदिरों पर प्रसाद वितरण की भी होड़ दिखाई दी। पूजा अर्चना के साथ श्रद्धालुओं ने बीमारियों के प्रकोप के मध्य सभी के उत्तम स्वास्थ्य की प्रार्थना भी की। कन्या और लांगुरा को भोजन कराने के लिए सुबह से उनको निमंत्रण और उन्हें घर बुलाकर भोजन कराने का सिलसिला चलता रहा। शाम को मंदिरों में भजन-कीर्तन तथा माता की आरती की गूंज गूंजती रही। कई स्थानों पर श्रीमद् भागवत कथाओं एवं अन्य धार्मिक आयोजनों का समापन भी किया गया। नगर के गदियाना स्थित देवी मंदिर, संतोषी माता मंदिर, काली मंदिर, नव दुर्गा मंदिर, बाबा श्रीताड़क नाथ मंदिर आदि मंदिरों में पहुंच कर देवी मां की आराधना की और सुख-समृद्धि की कामना की। मंदिरों पर धार्मिक आयोजनों की धूम रही। श्रद्धालुओं ने घरों में कन्या-लांगुरा को भोज कराया और उन्हें उपहार प्रदान किया। मंदिरों पर हलुवा और चना का प्रसाद वितरित किया गया। कई जगहों पर रात में देवी जागरण का आयोजन किया गया।
नैमिषारण्य। चैत्र नवरात्रि के अंतिम दिन रविवार को शक्तिपीठ मां ललिता देवी मंदिर में सुबह से ही भक्तों की कतारें लगी रहीं। देवी भक्तों ने मां दुर्गा की नौवीं शक्ति मां सिद्धिदात्री की पारंपरिक विधि विधान और श्रद्धा के साथ पूजा अर्चना की। मां की आराधना कर श्रद्धालुओं ने मां से सभी मनोकामनाओं को पूरा करने की आर्शीवाद मांगा। मंदिर में सुबह से दोपहर तक कन्या पूजन किया गया। इसके अलावा कालीपीठ, महाकाली मंदिर, मंशा देवी मंदिर में भी सुबह से ही पूजा-अर्चना करने वालों की भीड़ उमड़ती रही। श्रद्धालुओं ने छत्र नारियाल ध्वजा चुनरी आदि सामग्रियों से मां का पूजन कर प्रसाद अर्पण किया। श्रद्धालुओं ने बीज मंत्र, ध्यान मंत्र, पूजा मंत्र और स्तोत्र का पाठ कर मां की आराधना की। मंदिर में ब्राह्मणों द्वारा प्रतिदिन दुर्गा सप्तशती का पाठ किया गया। कन्याओं को भोजन करा कर उन्हें उपहार एवं दक्षिणा भेंट की गई। संध्या आरती के साथ भजन-कीर्तन का आयोजन किया गया।
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